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रतनपुर नगर पालिका: तालाबों के शहर में पानी को तरस रहे लोग - municipal elections

रतनपुर नगर पालिका जितनी ऐतिहासिक और धार्मिक है यहां की समस्याएं भी उतनी ही गहरी है. तालाबों की नगरी से प्रसिद्ध शहर के लोगों को आज भी शुद्ध पेजयल नहीं मिल रहा है. कई वार्डों में पानी की सप्लाई सही से नहीं हो रही है.

रतनपुर नगर पालिका
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Published : Nov 1, 2019, 11:43 PM IST

बिलासपुर: नगर निगम के विस्तार के बाद जिले में दो नगर पालिका अस्तित्व में आई. रतनपुर और तखतपुर, मां महामाया की धार्मिक नगरी के नाम से मशहूर रतनपुर नगर पालिका बिलासपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बिलासपुर-कोरबा मुख्यमार्ग पर स्थित है. रतनपुर में मां महामाया का मंदिर है, जो शक्तिपीठों में से एक है.

रतनपुर नगर पालिका

रतनपुर नगर पालिका में कुल 15 वार्ड है, इसके तहत 29 बूथ आते हैं. बीते चुनाव के मुताबिक रतनपुर नगर पालिका में कुल 17959 मतदाता हैं. इस बार रतनपुर नगर पालिका में अध्यक्ष पद एससी के लिए आरक्षित हुआ है. पिछले कार्यकाल में महिला एससी के लिए सीट आरक्षित था.

रतनपुर धार्मिक नगरी के साथ पर्यटन स्थल और तालाबों की नगरी के रूप में भी प्रदेश में मशहूर है. रतनपुर में दो दर्जन से अधिक तालाब अभी भी अस्तित्व में है. रतनपुर शहर अपने इर्द-गिर्द हरियाली और पठारी क्षेत्र को समेटे हुए है, जो रतनपुर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है. क्षेत्र के आस-पास ग्रामीण इलाकों में बसनेवाले लोग मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर हैं. नगरीय क्षेत्र में स्थानीय व्यापारियों का ही दबदबा है.

रतनपुर नगर पालिका जितनी ऐतिहासिक और धार्मिक है यहां की समस्याएं भी उतनी ही गहरी है. तालाबों की नगरी से प्रसिद्ध शहर के लोगों को आज भी शुद्ध पेजयल नहीं मिल रहा है. कई वार्डों में पानी की सप्लाई सही से नहीं हो रही है. लोगों का कहना है कि पालिका प्रशासन महज कुछ घंटे ही पानी की सप्लाई करती है उसी से उन्हें दिनभर काम चलाना पड़ता है. गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या और ज्यादा गहरा जाती है. रतनपुर में भूमाफिया का दबदबा होने के कारण नगर और तालाबों पर अंधाधुन अतिक्रमण जारी है. नगर में साफ सफाई, ट्रैफिक और मूलभूत सुविधाओं की मांग बहुत पुरानी है, जिसपर आज तक अमल नहीं किया गया है. जिसके कारण यहां के लोग अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से काफी नाराज हैं.

बिलासपुर: नगर निगम के विस्तार के बाद जिले में दो नगर पालिका अस्तित्व में आई. रतनपुर और तखतपुर, मां महामाया की धार्मिक नगरी के नाम से मशहूर रतनपुर नगर पालिका बिलासपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बिलासपुर-कोरबा मुख्यमार्ग पर स्थित है. रतनपुर में मां महामाया का मंदिर है, जो शक्तिपीठों में से एक है.

रतनपुर नगर पालिका

रतनपुर नगर पालिका में कुल 15 वार्ड है, इसके तहत 29 बूथ आते हैं. बीते चुनाव के मुताबिक रतनपुर नगर पालिका में कुल 17959 मतदाता हैं. इस बार रतनपुर नगर पालिका में अध्यक्ष पद एससी के लिए आरक्षित हुआ है. पिछले कार्यकाल में महिला एससी के लिए सीट आरक्षित था.

रतनपुर धार्मिक नगरी के साथ पर्यटन स्थल और तालाबों की नगरी के रूप में भी प्रदेश में मशहूर है. रतनपुर में दो दर्जन से अधिक तालाब अभी भी अस्तित्व में है. रतनपुर शहर अपने इर्द-गिर्द हरियाली और पठारी क्षेत्र को समेटे हुए है, जो रतनपुर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है. क्षेत्र के आस-पास ग्रामीण इलाकों में बसनेवाले लोग मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर हैं. नगरीय क्षेत्र में स्थानीय व्यापारियों का ही दबदबा है.

रतनपुर नगर पालिका जितनी ऐतिहासिक और धार्मिक है यहां की समस्याएं भी उतनी ही गहरी है. तालाबों की नगरी से प्रसिद्ध शहर के लोगों को आज भी शुद्ध पेजयल नहीं मिल रहा है. कई वार्डों में पानी की सप्लाई सही से नहीं हो रही है. लोगों का कहना है कि पालिका प्रशासन महज कुछ घंटे ही पानी की सप्लाई करती है उसी से उन्हें दिनभर काम चलाना पड़ता है. गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या और ज्यादा गहरा जाती है. रतनपुर में भूमाफिया का दबदबा होने के कारण नगर और तालाबों पर अंधाधुन अतिक्रमण जारी है. नगर में साफ सफाई, ट्रैफिक और मूलभूत सुविधाओं की मांग बहुत पुरानी है, जिसपर आज तक अमल नहीं किया गया है. जिसके कारण यहां के लोग अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से काफी नाराज हैं.

Intro:बिलासपुर जिले में बिलासपुर नगर निगम के विस्तार के बाद अब जिले में कुल दो नगरपालिका अस्तित्व में है । एक रतनपुर और दूसरा तखतपुर । आज हम मां महामाया की धार्मिक नगरी के नाम से मशहूर रतनपुर नगरपालिका के बारे में बात करेंगे ।


Body:रतनपुर नगरपालिका बिलासपुर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर बिलासपुर-कोरबा मुख्यमार्ग में स्थित है ।रतनपुर स्थित महामाया मंदिर विभिन्न शक्तिपीठों में से एक है । ऐसी मान्यता है कि महामाया देवी मंदिर को यहां 1हजार वर्ष पहले स्थापित किया गया था । इसका निर्माण 1050 ई में राजा रत्नदेव प्रथम ने किया था । तब से यह रतनपुर नाम से ख्यात हुआ । किवदंती के मुताबिक राजा रत्नदेव मणिपुर नामके गांव में शिकार के बाद रात्रि विश्राम के लिए ठहरे थे । एक वट वृक्ष के नीचे जब राजा को आंख लग गई तो उन्हें स्वप्न में कुछ अलौकिक प्रकाश का अनुभव हुआ और उन्होंने महसूस किया कि मां महामाया की सभा लगी हुई है । इसके बाद उन्होंने रतनपुर में देवी मंदिर बनाने का संकल्प लिया और पूरा किया । रतनपुर नगरपालिका... रतनपुर नगरपालिका के अंतर्गत कुल 15 वार्ड के अंतर्गत 29 बूथ है । रतनपुर नगरपालिका में 17959 मतदाता हैं । अभी कुछ दिन पहले ही तकरीबन 15 साल पहले की रतनपुर को तहसील बनाने की मांग पूरी की गई है । रतनपुर पहले नगर पंचायत था और बीते दो कार्यकाल में यहां नपा अध्यक्ष का चुनाव हुआ है । इस बार रतनपुर नपा के लिए पुरुष एस सी का आरक्षण हुआ है । पिछले कार्यकाल में महिला एस सी के रूप में आरक्षित सीट पर आशा सूर्यवंशी निर्वाचित हुईं थी । रतनपुर धार्मिक नगरी के अलावा पर्यटन स्थल और तालाबों की नगरी के रूप में भी मशहूर है । रतनपुर में दो दर्जन से अधिक तालाब अभी भी अस्तित्व में है । रतनपुर अपने इर्द गिर्द हरियाली और पठारी क्षेत्र को लिए हुए है,जो रतनपुर की भौगोलिक खूबसूरती में चार चांद लगाता है । क्षेत्र के इर्द गिर्द बसनेवाले किसान मुख्य रूप से खेती पर ही निर्भर हैं । नगरीय क्षेत्र में स्थानीय व्यवसायियों का भी दबदबा है । इतिहास के मुताबिक पूर्व में रतनपुर राज और रायपुर राज का ही अस्तित्व था जिसे शिवनाथ नदी के उत्तर और दक्षिण में अस्तित्व को स्वीकारा गया था । रतनपुर के लगा हुआ खूंटाघाट और खुड़िया बांध है ।रतनपुर का माघी मेला काफी प्रसिद्ध है जो फरवरी महीने में आयोजित होता है ।


Conclusion:रतनपुर नगरपालिका की बात करें तो यहाँ के मतदाता कई बुनियादी समस्याओं को अभी भी झेल रहे हैं । समस्याएं.... * अधिकांश वार्डों में पानी की समस्या-लोगों का कहना है कि वार्डों में पानी की सप्लाई समुचित ढंग से नहीं होती है । महज कुछ घण्टे की पानी सप्लाई से उन्हें दिनभर का काम चलाना पड़ता है । गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या और ज्यादा गहरा जाती है । * स्थानीय लोगों ने स्कूलों के जर्जर भवन,शिक्षकों की कमी के बारे में भी अवगत कराया । * रतनपुर में भूमाफियाओं का दबदबा होने की शिकायत भी आती रहती है । नगर और तालाबों में अतिक्रमण कर लिया गया है । जिसकारण से आम लोग निस्तारी जैसी बुनियादी सुविधाओं को अब पहले जैसे प्राप्त नहीं कर पाते हैं । * तालाबों के लगातार सूखने को लेकर कोई कार्ययोजना नहीं बनाई जाती है और ना ही कोई ठोस पहल किया जाता है । * स्थानीय लोग वार्ड प्रतिनिधियों के कम सक्रिय होने और कई जरूरी मुद्दों को नजरअंदाज करने की शिकायत भी कर रहे हैं । * नगर में साफ सफाई ,ट्रैफिक सुधारने और पालिका को जीर्णोद्धार करने की माँग बहुत पुरानी है जिसपर अमल नहीं किया गया । बाईट... 1कुशाल अनुरागी,मोहम्मद अशरफ खान,छोटू अग्रवाल, मदन,सोहन,रामा बाई,शशि प्रकाश(स्थानीय लोग) बाईट...2राजू श्रीवास..स्थानीय प्रतिनिधि विशाल झा.... बिलासपुर
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