बिलासपुर: कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है. इसके खौफ से सब अपने घरों पर दुबककर बैठे हैं, ताकि इस भयावह महामारी से खुद को बचा सकें, लेकिन छत्तीसगढ़ के कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां सरकारी आदेश के बाद भी लोग लॉकडाउन का पालन करने के बजाए उसकी धज्जियां उड़ाने में लगे हैं.
ऐसा ही मामला सामने आया है रतनपुर क्षेत्र के भेड़ी मुड़ा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक और प्राथमिक विद्यालय का, जहां बच्चों की भीड़ जुटाई गई है. यहां नन्हेे-मुन्ने मासूमों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. स्कूल बंद होने के बावजूद बच्चों को बुलाकर मध्याह्न भोजन का राशन दिया जा रहा है.
दरअसल, कोरोना वायरस के वैश्विक संक्रमण के दौर में सोशल डिस्टेंसिंग को ही सबसे कारगर उपाय माना जा रहा है. यही कारण है कि देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया है. स्कूलों में भी बच्चे इकट्ठा न हों, इसलिए स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है. प्रधानाचार्यों को आदेश दिया गया है कि वे मिड डे मील का राशन बच्चों के घरों तक पहुंचाएं, लेकिन शासन के आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
कलेक्टर के आदेश से कर रहे काम
मामले की जानकारी लगते ही स्कूल में ETV BHARAT की टीम पहुंची, जब प्रधानाचार्य से बातचीत की गई, तो वो भी निर्लज्जता से जवाब देते नजर आए. प्रधानाचार्य ने खुद की गलती मानने से इनकार कर दिया और वे मीडियाकर्मियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ाने लगे. शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय भेड़ी मुड़ा के प्राचार्य सीआर भगत ने दावा किया कि उन्हें ऐसा करने के लिए कलेक्टर ने कहा है, उनके आदेशों से ऐसा किया गया है.