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बिलासपुर: धान खरीदी केंद्र की जगह बदलने को लेकर ग्रामीणों ने जताई आपत्ति - धान खरीदी में ग्रामीणों ने जताई आपत्ति

बिलासपुर में ग्रामीणों ने धान खरीदी केंद्र को स्थानांतरित करने को लेकर अपत्ति जताई है. ग्रामीणों का कहना है कि नया धान खरीदी केंद्र उनके गांव से काफी दूर है जिससे उन्हें आने-जाने और धान बेचने में समस्या होगी. ग्रामीणों ने लरकेनी धान खरीदी केंद्र में ही खरीदी करने की मांग की है.

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धान खरीदी केंद्र को लेकर घमासान
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Published : Nov 29, 2020, 10:23 PM IST

Updated : Nov 29, 2020, 11:10 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू होनी है. इसे लेकर सारी तैयारियां कर ली गई है, लेकिन धान खरीदी से पहले जिले के लरकेनी धान खरीदी केंद्र स्थानांतरित करने को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है. ग्रामीण पुराने स्थल के आसपास ही खरीदी बनाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. तो प्रशासन नई जगह पर खरीदी कराना चाहता है. वही चयनित नई जगह पर सालों से काबिज एक परिवार अपना मालिकाना हक जता रहा है.

धान खरीदी केंद्र की जगह बदलने को लेकर ग्रामीणों ने जताई आपत्ति

जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने सहकारी समिति की सिफारिश पर लरकेनी धान खरीदी केंद्र के लिए नए स्थल का चयन किया है. जिसमें पक्के चबूतरे का निर्माण किया जाना भी प्रस्तावित है पर जैसे ही ग्रामीणों को नए स्थल की जानकारी लगी ग्रामीण इसके विरोध में लामबंद हो गए. लगभग 8 गांव के सरपंच, जनपद सदस्य सहित कई ग्रामीणों ने सहकारी समिति कार्यालय पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया है. ग्रामीणों का कहना है कि सहकारी समिति गठन के बाद से लरकेनी में ही धान की खरीदी की जा रही है, लेकिन आज तक खरीदी में कोई समस्या नहीं आई है. ग्रामीणों का कहना है कि यह केंद्र उनके गांव से पास है और सुविधाजनक है.

पढ़ें: बेमेतरा: धान केंद्रों में टोकन लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ी

पुराने स्थल पर धान खरीदी कराने की मांग

ग्रामीणों की मांग है कि पुराने स्थल पर ही धान की खरीदी की जाए. उन्होंने कहा कि शासन को अगर नया धान खरीदी केंद्र बनाना ही है तो पुरानी खरीदी केंद्र के आसपास ही बनाए. मामले में प्रशासन का कहना है कि पुराने धान खरीदी में ज्यादा धान की आवक होने पर खरीदी में परेशानी होती थी. साथ ही बारिश होने पर खरीदी केंद्रों में पानी भर जाता था इसलिए नया धान खरीदी केंद्र प्रस्तावित किया गया है. इस खरीदी केंद्र में चबूतरे और शेड का भी निर्माण कराया जाएगा. वही प्रशासन के चयनित खरीदी स्थल पर एक परिवार ने अपना दावा ठोक दिया है. परिवार का कहना है कि 30 साल से उसके पूर्वज उस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं और अभी भी गेहूं की फसल लगा रखी है. परिवार का कहना है कि प्रशासन उन्हें जबरदस्ती वहां से हटाना चाह रही है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरू होनी है. इसे लेकर सारी तैयारियां कर ली गई है, लेकिन धान खरीदी से पहले जिले के लरकेनी धान खरीदी केंद्र स्थानांतरित करने को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है. ग्रामीण पुराने स्थल के आसपास ही खरीदी बनाने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. तो प्रशासन नई जगह पर खरीदी कराना चाहता है. वही चयनित नई जगह पर सालों से काबिज एक परिवार अपना मालिकाना हक जता रहा है.

धान खरीदी केंद्र की जगह बदलने को लेकर ग्रामीणों ने जताई आपत्ति

जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने सहकारी समिति की सिफारिश पर लरकेनी धान खरीदी केंद्र के लिए नए स्थल का चयन किया है. जिसमें पक्के चबूतरे का निर्माण किया जाना भी प्रस्तावित है पर जैसे ही ग्रामीणों को नए स्थल की जानकारी लगी ग्रामीण इसके विरोध में लामबंद हो गए. लगभग 8 गांव के सरपंच, जनपद सदस्य सहित कई ग्रामीणों ने सहकारी समिति कार्यालय पहुंचकर अपना विरोध दर्ज कराया है. ग्रामीणों का कहना है कि सहकारी समिति गठन के बाद से लरकेनी में ही धान की खरीदी की जा रही है, लेकिन आज तक खरीदी में कोई समस्या नहीं आई है. ग्रामीणों का कहना है कि यह केंद्र उनके गांव से पास है और सुविधाजनक है.

पढ़ें: बेमेतरा: धान केंद्रों में टोकन लेने के लिए किसानों की भीड़ उमड़ी

पुराने स्थल पर धान खरीदी कराने की मांग

ग्रामीणों की मांग है कि पुराने स्थल पर ही धान की खरीदी की जाए. उन्होंने कहा कि शासन को अगर नया धान खरीदी केंद्र बनाना ही है तो पुरानी खरीदी केंद्र के आसपास ही बनाए. मामले में प्रशासन का कहना है कि पुराने धान खरीदी में ज्यादा धान की आवक होने पर खरीदी में परेशानी होती थी. साथ ही बारिश होने पर खरीदी केंद्रों में पानी भर जाता था इसलिए नया धान खरीदी केंद्र प्रस्तावित किया गया है. इस खरीदी केंद्र में चबूतरे और शेड का भी निर्माण कराया जाएगा. वही प्रशासन के चयनित खरीदी स्थल पर एक परिवार ने अपना दावा ठोक दिया है. परिवार का कहना है कि 30 साल से उसके पूर्वज उस जमीन पर खेती करते आ रहे हैं और अभी भी गेहूं की फसल लगा रखी है. परिवार का कहना है कि प्रशासन उन्हें जबरदस्ती वहां से हटाना चाह रही है.

Last Updated : Nov 29, 2020, 11:10 PM IST
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