गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: पांच साल पहले गौरेला जनपद पंचायत में ओडीएफ का मेडल ले चुके नेवसा गांव में ODF की जमीनी हकीकत ये है कि आज भी ग्रामीण खुले में शौच करने को मजबूर हैं. ग्रामीणों की माने तो लगातार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से फरियाद के बाद भी उनके घरों में शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया है. अब ग्रामीण आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं, तो अधिकारी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दिए जाने की बात कहते हुए मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं.
पूरा मामला जिले के गौरेला जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले नेवसा गांव का है. जहां पर 5 साल पहले ही नेवसा गांव ओडीएफ घोषित हो चुका था. यहां आज भी गांव की महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शौच के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं. ऐसा नहीं है कि इसकी शिकायत ग्रामीणों ने किसी से नहीं की है. ग्रामीणों के मुताबिक उन्होंने कई बार ग्राम स्तर से ब्लॉक स्तर तक अपनी परेशानियों को रखा है, लेकिन आज तक किसी भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि ने शौचालय निर्माण को लेकर ध्यान नहीं दिया.
मरवाही उपचुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी
अब गांववालों ने शौचालय निर्माण नहीं किए जाने को लेकर आंदोलन करने की बात कही है. इसके साथ ही आने वाले दिनों में मरवाही में होने वाले उपचुनाव का बहिष्कार करने की बात भी ग्रामीणों ने कही है. ग्रामीणों ने इस परेशानी को लेकर जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल से भी मदद की गुहार लगाई है.
जनपद पंचायत गौरेला सीईओ ओपी शर्मा ने बताया कि एसडीएम कार्यालय से ज्ञापन की कॉपी आई थी. इस लाइन सर्वे के आधार पर जिनका नाम बेसलाइन में था, उनके घरों में शौचालय बन चुका है. आगे की कार्यवाही एसडीएम कार्यालय के द्वारा ही की जाएगी. रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय प्रेषित की जा चुकी है.
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सरकारें आती हैं, जाती हैं...कई वादे करती हैं और कई योजनाएं बनाती हैं. लेकिन इन योजनाओं और सुविधाएं देने के दावे जमीनीस्तर पर कितने खोखले साबित होते हैं, ये तस्वीरें किसी से छिपी नहीं है. बहरहाल ODF घोषित नेवसा गांव के इन ग्रामीणों को शौचालय की सुविधा कब मिल पाएगी ये देखने वाली बात होगी.