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जमीन अधिग्रहण मामले की जनसुनवाई में हंगामा, कुर्सियां तोड़ ग्रामीणों ने जताया विरोध - land acquisition case in Bilaspur

बिलासपुर के मस्तूरी इलाके में स्थापित होने वाले एसीसी सीमेंट फैक्ट्री के विस्तार और जमीन अधिग्रहण के मामले में गुरुवार को ग्राम लोहरसी में जनसुनवाई बुलवाई गयी थी. जनसुनवाई में ग्रामीणों के हंगामे की वजह से जनसुनवाई को स्थगित करना पड़ा. ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया.

जमीन अधिग्रहण मामलें की जनसुनवाई में हंगामा
जमीन अधिग्रहण मामलें की जनसुनवाई में हंगामा
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Published : Nov 3, 2022, 9:10 PM IST

Updated : Nov 3, 2022, 10:09 PM IST

बिलासपुर: मस्तूरी इलाके में स्थापित होने वाले एसीसी सीमेंट फैक्ट्री के विस्तार और जमीन अधिग्रहण के मामले में गुरुवार को ग्राम लोहरसी में जनसुनवाई बुलवाई गयी थी. जनसुनवाई में ग्रामीणों के हंगामे की वजह से जनसुनवाई को स्थगित करना पड़ा. ग्रामीणों के आक्रोश के चलते तनाव की स्थिति पैदा हो गई. इस जन सुनवाई के लिए पहले से तैयारी की गई थी और भारी पुलिस बल तैनात भी किया गया था, लेकिन हंगामा के दौरान पुलिस ने लोगों को समझाइश देने की कोशिश कर रही थी, लेकिन फैक्ट्री खोलने के मामले में ग्रामीणों का आक्रोश बहुत ज्यादा था.

यह भी पढ़ें: पामगढ़ के सेमरिया में पुलिस टीम पर हमला

बिलासपुर जिले के बोहारडीह में एसीसी सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना के लिए जन सुनवाई का आयोजन किया गया था, जिसमें स्थानीय प्रशासन के अलावा एसीसी के अधिकारी मौजूद थे. इस सुनवाई में ग्रामीण भी सैकड़ों की संख्या में पहुंचे थे, लेकिन सुनवाई शूरू होने से पहले ही ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया. ग्रामीणों का विरोध इस कदर बढ़ा कि ग्रामीण गुस्से में टेंट और कुर्सियों में तोड़फोड़ करने लगे. ग्रामीणों का गुस्सा देख एसीसी प्लान्ट के अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए.

ग्रामीणों के इस प्रदर्शन का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है. मौके पर पहुंचे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने क्षेत्रीय विधायक पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि प्लांट को खुलवाने के लिए तमाम नियमों को ताक पर रख दिया गया है, जिससे क्षेत्रीय लोगों मे गुस्सा है.

बताया जा रहा है कि एसीसी प्लांट खुलने से क्षेत्र के जंगल उजड़ेंगे, जिससे वन्य जीव जंतु खतरे में आ जाएंगे. प्लांट के खुलने से क्षेत्र में जल की संकट की समस्या होगी. वही भू-विस्थापितों को उचित मुआवजा नहीं मिला है. कांग्रेस जिला ने कहा कि किसी तरह ग्रामीणों को समझाकर मामले को शांत कराया गया. साथ ही अतिरिक्त कलेक्टर आरए कुरुवंसी की ओर से लिखित एक पत्र दिया गया, जिसमें जनसुनवाई स्थगित करने की जानकारी दी गयी.

यह भी पढ़ें: गौरेला में रेल ठेका कंपनी की लापरवाही, काम के बाद नहीं सुधारा रास्ता

जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केसरवानी ने बताया कि "जिस जगह में एसीसी की सीमेंट फैक्ट्री लगाने प्रस्तावित है, वहां की लगभग 5 गांव उपजाऊ भूमि है. किसान खेती कर सरकार को धान बेचकर अपने उपज की कीमत और बोनस पा रहे हैं. ऐसे जमीन में फैक्ट्री स्थापित करने के लिए वहां की भूमि को बंजर बताया जा रहा है, जबकि सालों से किसान यहां खेती कर अपना परिवार पाल रहे हैं." इसके अलावा जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा के क्षेत्रीय विधायक डाक्टर कृष्णमूर्ति बांधी फैक्ट्री लगाने के लिए पर्यावरण मंडल और राजस्व विभाग को गलत जानकारी दे रहे हैं, वह किसी भी तरह फैक्ट्री लगे इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं.

बिलासपुर: मस्तूरी इलाके में स्थापित होने वाले एसीसी सीमेंट फैक्ट्री के विस्तार और जमीन अधिग्रहण के मामले में गुरुवार को ग्राम लोहरसी में जनसुनवाई बुलवाई गयी थी. जनसुनवाई में ग्रामीणों के हंगामे की वजह से जनसुनवाई को स्थगित करना पड़ा. ग्रामीणों के आक्रोश के चलते तनाव की स्थिति पैदा हो गई. इस जन सुनवाई के लिए पहले से तैयारी की गई थी और भारी पुलिस बल तैनात भी किया गया था, लेकिन हंगामा के दौरान पुलिस ने लोगों को समझाइश देने की कोशिश कर रही थी, लेकिन फैक्ट्री खोलने के मामले में ग्रामीणों का आक्रोश बहुत ज्यादा था.

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बिलासपुर जिले के बोहारडीह में एसीसी सीमेंट फैक्ट्री की स्थापना के लिए जन सुनवाई का आयोजन किया गया था, जिसमें स्थानीय प्रशासन के अलावा एसीसी के अधिकारी मौजूद थे. इस सुनवाई में ग्रामीण भी सैकड़ों की संख्या में पहुंचे थे, लेकिन सुनवाई शूरू होने से पहले ही ग्रामीणों का विरोध शुरू हो गया. ग्रामीणों का विरोध इस कदर बढ़ा कि ग्रामीण गुस्से में टेंट और कुर्सियों में तोड़फोड़ करने लगे. ग्रामीणों का गुस्सा देख एसीसी प्लान्ट के अधिकारी वहां से भाग खड़े हुए.

ग्रामीणों के इस प्रदर्शन का कांग्रेस ने भी समर्थन किया है. मौके पर पहुंचे कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने क्षेत्रीय विधायक पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि प्लांट को खुलवाने के लिए तमाम नियमों को ताक पर रख दिया गया है, जिससे क्षेत्रीय लोगों मे गुस्सा है.

बताया जा रहा है कि एसीसी प्लांट खुलने से क्षेत्र के जंगल उजड़ेंगे, जिससे वन्य जीव जंतु खतरे में आ जाएंगे. प्लांट के खुलने से क्षेत्र में जल की संकट की समस्या होगी. वही भू-विस्थापितों को उचित मुआवजा नहीं मिला है. कांग्रेस जिला ने कहा कि किसी तरह ग्रामीणों को समझाकर मामले को शांत कराया गया. साथ ही अतिरिक्त कलेक्टर आरए कुरुवंसी की ओर से लिखित एक पत्र दिया गया, जिसमें जनसुनवाई स्थगित करने की जानकारी दी गयी.

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जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केसरवानी ने बताया कि "जिस जगह में एसीसी की सीमेंट फैक्ट्री लगाने प्रस्तावित है, वहां की लगभग 5 गांव उपजाऊ भूमि है. किसान खेती कर सरकार को धान बेचकर अपने उपज की कीमत और बोनस पा रहे हैं. ऐसे जमीन में फैक्ट्री स्थापित करने के लिए वहां की भूमि को बंजर बताया जा रहा है, जबकि सालों से किसान यहां खेती कर अपना परिवार पाल रहे हैं." इसके अलावा जिलाध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि भाजपा के क्षेत्रीय विधायक डाक्टर कृष्णमूर्ति बांधी फैक्ट्री लगाने के लिए पर्यावरण मंडल और राजस्व विभाग को गलत जानकारी दे रहे हैं, वह किसी भी तरह फैक्ट्री लगे इसकी पूरी कोशिश कर रहे हैं.

Last Updated : Nov 3, 2022, 10:09 PM IST
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