बिलासपुर: बिलासपुर में नेशनल बेसबॉल टूर्नामेंट चल रहा है. इसमें देशभर के कई बेहतरीन खिलाड़ी पहुंचे हैं. तेलंगाना की टीम में खेलने वाली एक खिलाड़ी ने अपने हुनर से वहां मौजूद लोगों का दिल जीता और लोगों को बताया कि वह खेल के लिए ही जन्मी है और खेल ही उसे आगे बढ़ाएगा.
नेशनल बेसबॉल टूर्नामेंट में किसान की बेटी: तेलंगाना के महबूबाबाद जिले के छोटे से गांव के किसान की बेटी पी कल्याणी अभी सिर्फ 16 साल की है. लेकिन इस छोटी उम्र में ही वह चार नेशनल खेल चुकी है. तीन साल में 3 नेशनल बेसबॉल और एक सॉफ्ट बॉल का नेशनल खेलकर परिवार का मान बढ़ाया है. बिलासपुर के नेशनल बेसबॉल टूर्नामेंट में भाग लेने बिलासपुर पहुंची पी. कल्याणी हिंदी नहीं जानती लेकिन उसने अपने खेल के प्रति अपने जुनून को अपने चेहरे के भाव से बता दिया.
हमारे परिवार में बड़ी बहन और मैं सॉफ्ट बॉल और बेसबॉल खेलते हैं. ये मेरा तीसरा नेशनल है. पहला नेशनल महाराष्ट्र, दूसरा पंजाब और तीसरा छत्तीसगढ़ में खेल रही हूं. मेरा पिता किसान है. बिलासपुर में खेलते हुए काफी अच्छा लग रहा है. आगे इंटरनेशनल खेलना चाहती हूं. - पी कल्याणी, नेशनल प्लेयर
तेलंगाना की टीम से खेलने पहुंची बिलासपुर: कल्याणी छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में चल रहे 67वीं नेशनल बेसबॉल चैंपियनशिप में तेलंगाना की टीम से खेलने पहुंची है. कल्याणी अपने बेहतर परफॉर्मेंस की वजह से खेल प्रेमियों की नजर में आ गई है. कल्याणी का बिलासपुर बेसबॉल चैंपियनशिप में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा. उसके खेल प्रदर्शन ने खेल प्रेमी और दर्शकों का दिल जीत लिया. कल्याणी एक बार सॉफ्टबॉल और 2022 से लगातार 3 साल में तीन बेसबॉल का नेशनल खेल चुकी है. कल्याणी छोटे कद की है, लेकिन बेसबॉल के बल्ले से उनकी मार अपोजिट टीम के खिलाड़ी को चौंका देती है. कल्याणी अपने खेल को लेकर काफी गंभीर भी है. Bilaspur Baseball Tournament
किसान परिवार में दो बेटी है नेशनल प्लेयर: तेलुगु में बात करते हुए कल्याणी बहुत ज्यादा जानकारी तो नहीं दे पा रही थी, लेकिन उसने बताया कि उसका परिवार पांच सदस्यों का है. एक भाई दो बहन के साथ माता पिता है. कल्याणी की बड़ी बहन भी सॉफ्टबॉल में नेशनल खेल चुकी है और वो खुद सॉफ्टबॉल नेशनल के साथ ही बेसबॉल का नेशनल खेली है. कल्याणी ने बताया कि उसके पिता किसान है. जिससे परिवार का गुजारा होता है. गांव में कल्याणी और उसकी बहन अच्छी खिलाड़ी के रूप में जानी जाती हैं, हालांकि कल्याणी अपनी बहन से एक कदम आगे है और पूरा गांव कल्याणी और उसकी बहन की ख्याति को लेकर गौरवान्वित महसूस करता है साथ ही गांव के लोग भी खेल में उनको योगदान देते हैं.