बिलासपुर: पिछले 15 दिनों से सिम्स मेडिकल कॉलेज के कर्मचारी हड़ताल पर हैं. जिसकी वजह से सिम्स मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने आ रहे मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. 316 कर्मचारियों के नहीं होने की वजह से ओटी, आई सर्जरी, पैथोलैब, एमआरडी और गैस प्लांट में कर्मचारी नहीं होने की वजह से काम ठप है.
संभाग का सबसे बड़ा हॉस्पिटल सिम्स मेडिकल कॉलेज है. यहां 700 बिस्तर वाला अस्पताल अब मरीजों का इलाज नहीं कर पा रहा है इसीलिए यहां गंभीर रूप से घायल या गंभीर बीमारी वाले मरीजों को अस्पताल प्रबंधन अब रिफर कर रहा है. क्योंकि कई ऐसी बीमारियां और आपातकाल में जहां यह हड़ताली कर्मचारी अपनी ड्यूटी देते हैं. वहां इनके नहीं होने से प्रबंधन भी काम ठीक ढंग से नहीं कर पा रहा है. यहीx वजह है कि पिछले 15 दिनों में लगभग 100 से भी ज्यादा मरीजों को प्रबंधन अन्य अस्पतालों में रेफर कर रहा है. सामान्य सर्दी जुकाम और स्किन की समस्या को लेकर आने वाले मरीजों को ही इलाज मिल पा रहा है.
वेतन वृद्धि मामला : सिम्स कर्मचारियों ने किया जल सत्याग्रह, अरपा नदी में भजन-कीर्तन
प्रबंधन के पास नहीं है कोई जवाब
सिम्स प्रबंधन मरीजों की रिफर के मामले में जवाब नहीं दे पा रहा है. प्रबंधन ने इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है. कर्मचारियों के जाने की समस्या के बारे में कहता है कि वह ठेकेदार के 93 कर्मचारियों और लगभग 50 नर्सिंग स्टाफ के माध्यम से काम कर रहे हैं. हालांकि काम में थोड़ी दिक्कत हो रही है लेकिन काम चल जा रहा है एक्सरे, सिटी स्कैन, एमआरआई, पैथोलैब के अलावा कई टेक्निकल मशीनों में इन हड़ताली कर्मचारियों की अहम भूमिका रहती है, जो जांच से लेकर रिपोर्ट तक तैयार करते हैं, जांच नहीं हो पाने की वजह से ना तो रिपोर्ट तैयार हो रहा है और ना ही डॉक्टर मरीजों को दवा लिख पा रहे हैं. यही कारण है कि लगातार प्रबंधन अस्पताल की व्यवस्था बनाए रखने में असफल साबित हो हो रहा है.
हड़ताली कर्मचारी मानने को नहीं है तैयार
पिछले 15 दिनों से 316 कर्मचारी वापस काम पर आने को तैयार नहीं है. इससे पहले उन्हें दिन में वापस आने की बात कही थी और मौखिक तौर पर यह बताया था कि उनकी परिवीक्षा अवधि खत्म हो गई है. लेकिन हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उन्हें पत्र के माध्यम से जानकारी नहीं दिया जाएगा. तब तक वे अपना हड़ताल खत्म नहीं करेंगे. हड़ताली कर्मचारियों ने बताया कि पिछली बार जब दिन उन्हें बुलाकर बात की थी तो उन्होंने कहा था कि वह उस पत्र को देखना चाहते हैं जो शासन से परिवीक्षा अवधि खत्म करने का आदेश आया है. इसके अलावा कर्मचारी नेता का कहना है कि जब तक पूरी तरह से उन्हें पत्र दिखाकर आश्वस्त नहीं किया जाएगा. वह काम पर नहीं लौटेंगे