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मदनवाड़ा मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को बिलासपुर हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत - Suspended IPS Mukesh Gupta

मदनवाड़ा मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को बिलासपुर हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली है. उन्होंने कार्रवाई से बचने के लिए कोर्ट की शरण ली थी लेकिन उन्हें वहां से झटका लगा है.

Suspended IPS Mukesh Gupta
निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता
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Published : Apr 19, 2022, 11:13 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर मदनवाड़ा मामले में इंक्वायरी कमीशन के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को चुनौती देते हुए निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता (Suspended IPS Mukesh Gupta) ने इंक्वायरी कमीशन के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. आगामी कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में याचिका पर 14 अप्रैल को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया. मामले में आज फैसला आया है. मामले में मुकेश गुप्ता को राहत नहीं मिली है.

सोमवार को आया फैसला: दरअसल, मदनवाड़ा मामले में इंक्वायरी कमीशन द्वारा पेश रिपोर्ट की फाइंडिंग को चुनौती देते हुए निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें अंतरिम राहत के रूप में उन्होंने कमीशन द्वारा पेश रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक आवेदन पेश किया था. मामले में मुकेश गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी और एडवोकेट विवेक शर्मा ने पैरवी की थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करने और अंतरिम राहत देने के आवेदन के फैसले को सुरक्षित रख लिया था. मामले में सोमवार को फैसला आया है.

यह भी पढ़ें : बिलासपुर हाईकोर्ट में भूमि आबंटन को गलत बताने वाली याचिका दायर

ये है पूरा मामला: राजनांदगांव के मदनवाड़ा गांव के पास 12 जुलाई 2009 को नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया था, इसमें तत्कालीन एसपी विनोद चौबे समेत 29 जवानों की शहादत हो गई. यह प्रदेश में एक बड़ा नक्सली हमला था, जिसमें किसी एसपी को अपनी जान गंवानी पड़ी. इस मामले को लेकर शंभू नाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया. इंक्वायरी कमीशन ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. इसे लेकर निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि अंतरिम राहत के रूप में कमीशन द्वारा पेश रिपोर्ट की आगामी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.

बिलासपुर: बिलासपुर मदनवाड़ा मामले में इंक्वायरी कमीशन के द्वारा पेश की गई रिपोर्ट को चुनौती देते हुए निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता (Suspended IPS Mukesh Gupta) ने इंक्वायरी कमीशन के मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. आगामी कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए कोर्ट में याचिका पर 14 अप्रैल को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया. मामले में आज फैसला आया है. मामले में मुकेश गुप्ता को राहत नहीं मिली है.

सोमवार को आया फैसला: दरअसल, मदनवाड़ा मामले में इंक्वायरी कमीशन द्वारा पेश रिपोर्ट की फाइंडिंग को चुनौती देते हुए निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें अंतरिम राहत के रूप में उन्होंने कमीशन द्वारा पेश रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक आवेदन पेश किया था. मामले में मुकेश गुप्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी और एडवोकेट विवेक शर्मा ने पैरवी की थी. सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करने और अंतरिम राहत देने के आवेदन के फैसले को सुरक्षित रख लिया था. मामले में सोमवार को फैसला आया है.

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ये है पूरा मामला: राजनांदगांव के मदनवाड़ा गांव के पास 12 जुलाई 2009 को नक्सलियों ने घात लगाकर पुलिस टीम पर हमला कर दिया था, इसमें तत्कालीन एसपी विनोद चौबे समेत 29 जवानों की शहादत हो गई. यह प्रदेश में एक बड़ा नक्सली हमला था, जिसमें किसी एसपी को अपनी जान गंवानी पड़ी. इस मामले को लेकर शंभू नाथ श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन किया गया. इंक्वायरी कमीशन ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है. इसे लेकर निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि अंतरिम राहत के रूप में कमीशन द्वारा पेश रिपोर्ट की आगामी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए.

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