बिलासपुर: प्रदेश किसान कांग्रेस के संयोजक लाल बहादुर चंद्रवंशी (Lal Bahadur Chandravanshi) की जुबान फिसल गई. उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि 'रोका छेका' अभियान के तहत सरकार ने गौठान तैयार कर दिया है और उसमें गायों के खाने के लिए चारा भी उपलब्ध कराया है, लेकिन गौ पालक की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि वह अपने गायों को गौठान तक पहुंचाए. उन्होंने कहा कि, सरकार तो नहीं पहुंचाएगी गायों को गौठान तक. गौ पालक अपने गायों को सड़कों पर छोड़ने की बजाए गौठान तक पहुंचाए. गौ पालक गायों को लावारिस छोड़ देते हैं.
भूपेश सरकार की योजनाओं का किया बखान
छत्तीसगढ़ किसान कांग्रेस के प्रदेश संयोजक लालबदुर चंद्रवंशी आज बिलासपुर प्रवास पर पहुंचे. उन्होंने कांग्रेस भवन में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक ली. इस दौरान उन्होंने भूपेश सरकार की योजनाओं का बखान किया. प्रदेश की कांग्रेस सरकार के कामों को लेकर उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जिन कामों को सोच नहीं सकती थी, वह काम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने करके दिखा दिया है.
किसानों के साथ खड़ी है सरकार-चंद्रवंशी
प्रदेश के किसानों के लिए कांग्रेस की सरकार अनेक काम कर रही है, उसमें किसानों को लाभ ही लाभ मिला है. आज प्रदेश का हर किसान भूपेश सरकार से खुश है और वे योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आर्थिक स्थिति सुधार रहे हैं. किसानों के लिए काम करने वाली भूपेश सरकार देश की पहली सरकार है, जो बोनस में धान खरीद रही है और बंपर खरीदी का लक्ष्य इस बार रखा गया है. जिसे कांग्रेस किसानों की मदद करेगी और सरकार किसानों के धान का एक-एक दाना खरीदेगी.
रोका-छेका अभियान पर चुप हुए किसान संयोजक
रोका-छेका अभियान के फेल होने के सवाल पर संयोजक चंद्रवंशी ने कहा कि, सरकार ने अपनी जिम्मेदारी पूरी कर ली है. गौठानों में चारा पानी की व्यवस्था कर दी है. सभी गौ पालकों को अपनी जिम्मेदारी समझने की आवश्यकता है कि, वो गायों को गौठान तक ले जाए. लावारिश गायों को कौन गौठान तक पहुंचाएगा. इस सवाल पर चंद्रवंशी चुप हो गए.
'सरकार ने तय किया धान खरीदी का लक्ष्य'
किसान कांग्रेस के प्रदेश संयोजक ने धान खरीदी को लेकर कहा कि, उनकी समिति अभी बैठक कर तय करेगी कि कब तक किसानों की धान खरीदी की जा सकती है, क्योंकि अभी तक समिति तय नहीं कर रही है. इसलिए धान की खरीदी शुरू नहीं हो पाई है.
चंद्रवंशी ने कहा कि धान खरीदी होगी. इस बात की किसानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि राज्य सरकार किसानों से उनका पूरा धान खरीदेगी. चाहे वह जितना भी हो. राज्य सरकार ने अभी लक्ष्य तो नहीं रखा है लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस बार भी उतना ही धान खरीदी की जा सकती है.