बिलासपुर: साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे को वंदे भारत ट्रेन मिलना तय हो गया है. रेलवे बोर्ड ने जोन के लिए वंदे भारत ट्रेन की घोषणा कर दी (South East Central Railway confirmed to get Vande Bharat train ) है. इस घोषणा के साथ ही दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन बिलासपुर ने वंदे भारत ट्रेन के लिए कवायद तेज कर दी है. कोच निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है. हालंकि, वंदे भारत के लिए हरी झंडी के साथ रूट की घोषणा का फिलहाल इंतजार है.
पत्र में ट्रेन मरम्मत की चर्चा: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को एक वंदे भारत ट्रेन मिल रहा है. पिछले दिनों रेलवे बोर्ड ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को एक पत्र भेजा है. पत्र में ट्रेन की मरम्मत के लिए नए कोचिंग डिपो बनाने की बात कही गई है. पत्र मिलने के बाद SECR ने नए कोचिंग डिपो बनाने के लिए जगह चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है. अधिकारियों की टीम पुरानी कोचिंग डिपो के आसपास सर्वे भी कर चुकी है. सर्वे में टीम ने पुराने कोचिंग यार्ड को ठीक कर उसे तैयार करने की योजना बनाई है.
3 साल में 400 वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा: केंद्रीय बजट में अगले 3 साल में नई पीढ़ी के लिए 4 सौ वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की गई थी. वंदे भारत ट्रेन अत्याधुनिक सर्व सुविधाओं से लैस होगी. इस ट्रेन की सौगात मिलने के अब तक केवल संकेत मिल रहे थे. लेकिन रेलवे बोर्ड के आदेश में अब ट्रेन मिलने की संभावना प्रबल हो गई है. दरअसल, बोर्ड ने पत्र में कहा है कि बिलासपुर में इस ट्रेन की मरम्मत करने के लिए उचित स्थान चिन्हित की जाए. बिना लोकोमोटिव इंजन के ट्रैक पर दौड़ने वाली इस ट्रेन की मरम्मत पुराने कोचिंग डिपो में मुश्किल है. इसलिए अलग से डिपो तैयार किया जाएगा. एसईसीआर ने नई कोचिंग के लिए सर्वे कर लिया है. इसकी जानकारी बोर्ड को दी जाएगी.
एसईसीआर को इस ट्रेन के मिलने का था इंतजार: बिना लोकोमोटिव इंजन के ट्रैक पर दौड़ने वाली इस ट्रेन की सुविधा मिलने का जोन को लंबे समय से इंतजार है. रेलवे से ज्यादा यात्रियों को इसकी प्रतीक्षा हैं. अब ये ट्रेन मिलने वाली है. इस ट्रेन के मिलने यात्रियों का सफर आसान हो जाएगा. यात्रा के दौरान होने वाली कई समस्याओं का समाधान हो जाएगा.
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कई सुविधाओं से लैस होगी वंदे भारत ट्रेन: दरअसल, यह ट्रेन कई तरह की अत्याधुनिक तकनीक से लैस है. इसके परिचालन से उद्देश्य के मुताबिक रेल सेवा बेहतर होगी. केंद्रीय बजट में अगले तीन साल में नई पीढ़ी की 4 सौ से अधिक वंदे भारत ट्रेनें विकसित करने की घोषणा की गई थी. इस घोषणा के बाद से माना जा रहा था कि कमाऊ पूत जोन की अनदेखी नहीं होगी और हुआ भी वही. जोन को दो रैक देने की घोषणा हो गई है. जिसके बाद कोच निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू कर दिया गया है. हालंकि, वंदे भारत के लिए हरी झंडी के साथ रूट की घोषणा का फिलहाल सभी को इंतजार है. रेल अधिकारियों की माने तो वंदे भारत में विभिन्न आवश्यक और आधुनिक सुविधाओं का अनुभव यात्री कर सकेंगे. एक नया अनुभव रेल यात्रियों को मिलेगा. रूट के साथ हरी झंडी मिलते ही इसका परिचालन शुरू हो जाएगा.