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Bilaspur : अभी और जेल में रहेंगी सौम्या चौरसिया, जमानत याचिका पर सुनवाई टली - bilaspur highcourt

निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया के जमानत मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई . आपको बता दें कि सौम्या चौरसिया ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए जमानत मांगी है.

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अभी और जेल में रहेंगी सौम्या चौरसिया
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Published : Apr 12, 2023, 5:42 PM IST

बिलासपुर :सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में बुधवार को होनी वाली सुनवाई टल गई है. आज मामले की सुनवाई होनी थी. लेकिन, समय नहीं होने के कारण सुनवाई टल गई. इस मामले में मंगलवार को सौम्या चौरसिया के वकीलों ने अपना पक्ष रखा था. लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण जमानत याचिका की सुनवाई एक दिन आगे बढ़ाई गई थी.अ ब एक बार फिर सौम्या की जमानत याचिका पर सुनवाई एक दिन आगे खिसक गई है.

सौम्या ने खुद को बताया है बेकसूर : हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाने वाली सौम्या चौरसिया ने खुद को पूरे मामले में पाक साफ बताया है. सौम्या के वकीलों की माने तो कोल परिवहन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के कोई भी सबूत ईडी को नहीं मिले हैं.इसके बाद भी सौम्या को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में ईडी के वकील ने पहले ही अपना तर्क प्रस्तुत कर दिया है. वहीं सौम्या चौरसिया के वकील सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता कपिल सिब्बल ऑनलाइन माध्यम से पैरवी कर रहे हैं.बुधवार को होने वाली सुनवाई समय ना होने के कारण पूरी नहीं हो पाई. इसलिए गुरुवार को सुनवाई का दिन रखा गया है.

कहां से हुई जमानत याचिका खारिज : गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया ने रायपुर की अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी. सुनवाई के बाद रायपुर कोर्ट ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था. रायपुर कोर्ट में आवेदन खारिज होने के बाद निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की. जमानत याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका की सुनवाई लगातार तीन दिन तक चली. लेकिन सुनवाई पूरी नही हो पाई. इसके बाद 11 अप्रैल को सुनवाई हुई और 12 अप्रैल को सुनवाई होनी थी लेकिन नही हो सकी.

ये भी पढ़ें- असम से वनभैंसा लाने की रोक हाईकोर्ट ने हटाई

सौम्या के वकीलों ने कहा" राजनीति दुश्मनी के कारण हुई गिरफ्तारी" : सौम्या चौरसिया के वकीलों के मुताबिक ईडी ने जितने भी दस्तावेज सौम्या के खिलाफ जुटाए हैं उनमें कहीं भी मनी लॉन्ड्रिंग का जिक्र नहीं है. ईडी को जांच में कुछ भी नहीं मिला है.लेकिन राजनीतिक द्वेष के कारण उन्हें गिरफ्तार करके परेशान किया जा रहा है.इसलिए सौम्या ने कोर्ट से मांग की है कि उन पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें खारिज किया जाए.लेकिन यदि ऐसा है तो निचली अदालत ने कुछ तो देखकर सौम्या को जेल में ही रखने की रजामंदी दी होगी.क्योंकि बिना सबूतों और आधार के बिना जमानत याचिका खारिज हो जाना कई सवाल पैदा करता है.

बिलासपुर :सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर बिलासपुर हाईकोर्ट में बुधवार को होनी वाली सुनवाई टल गई है. आज मामले की सुनवाई होनी थी. लेकिन, समय नहीं होने के कारण सुनवाई टल गई. इस मामले में मंगलवार को सौम्या चौरसिया के वकीलों ने अपना पक्ष रखा था. लेकिन हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी नहीं होने के कारण जमानत याचिका की सुनवाई एक दिन आगे बढ़ाई गई थी.अ ब एक बार फिर सौम्या की जमानत याचिका पर सुनवाई एक दिन आगे खिसक गई है.

सौम्या ने खुद को बताया है बेकसूर : हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाने वाली सौम्या चौरसिया ने खुद को पूरे मामले में पाक साफ बताया है. सौम्या के वकीलों की माने तो कोल परिवहन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के कोई भी सबूत ईडी को नहीं मिले हैं.इसके बाद भी सौम्या को गिरफ्तार किया गया. इस मामले में ईडी के वकील ने पहले ही अपना तर्क प्रस्तुत कर दिया है. वहीं सौम्या चौरसिया के वकील सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता कपिल सिब्बल ऑनलाइन माध्यम से पैरवी कर रहे हैं.बुधवार को होने वाली सुनवाई समय ना होने के कारण पूरी नहीं हो पाई. इसलिए गुरुवार को सुनवाई का दिन रखा गया है.

कहां से हुई जमानत याचिका खारिज : गिरफ्तारी के बाद सौम्या चौरसिया ने रायपुर की अदालत में जमानत की अर्जी दाखिल की थी. सुनवाई के बाद रायपुर कोर्ट ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था. रायपुर कोर्ट में आवेदन खारिज होने के बाद निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की. जमानत याचिका दायर होने के बाद हाई कोर्ट में याचिका की सुनवाई लगातार तीन दिन तक चली. लेकिन सुनवाई पूरी नही हो पाई. इसके बाद 11 अप्रैल को सुनवाई हुई और 12 अप्रैल को सुनवाई होनी थी लेकिन नही हो सकी.

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सौम्या के वकीलों ने कहा" राजनीति दुश्मनी के कारण हुई गिरफ्तारी" : सौम्या चौरसिया के वकीलों के मुताबिक ईडी ने जितने भी दस्तावेज सौम्या के खिलाफ जुटाए हैं उनमें कहीं भी मनी लॉन्ड्रिंग का जिक्र नहीं है. ईडी को जांच में कुछ भी नहीं मिला है.लेकिन राजनीतिक द्वेष के कारण उन्हें गिरफ्तार करके परेशान किया जा रहा है.इसलिए सौम्या ने कोर्ट से मांग की है कि उन पर लगे सारे आरोप बेबुनियाद हैं और उन्हें खारिज किया जाए.लेकिन यदि ऐसा है तो निचली अदालत ने कुछ तो देखकर सौम्या को जेल में ही रखने की रजामंदी दी होगी.क्योंकि बिना सबूतों और आधार के बिना जमानत याचिका खारिज हो जाना कई सवाल पैदा करता है.

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