ETV Bharat / state

Body Donation After Death बिलासपुर में मरने के बाद समाजसेवी महिला का सिम्स में हुआ देहदान

Body Donation After Death छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की समाज सेवी महिला अर्चना किबरिया की अंतिम इच्छा को परिवार ने पूरा किया और सिम्स में देहदान किया. अर्चना किबरिया ने मरने से पहले देह दान करने का फैसला लिया था. उनके इस संकल्प को परिवार के सदस्यों ने पूरा किया.

social worker
समाजसेवी महिला
author img

By

Published : Aug 24, 2022, 6:26 PM IST

बिलासपुर: बिलासपुर की समाजसेवी महिला अर्चना किबरिया ने अपना पूरा जीवन समाजसेवा में लगा दिया. उन्होंने गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए जीवन भर काम किया. अब उनके मरने के बाद उनकी देह को सिम्स अस्पताल में दान कर दिया गया है. अर्चना अब मरने के बाद भी समाज के काम आएंगी. body donation in bilaspur Cims

परिजनों ने किया देहदान: बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां एमबीबीएस के साथ एमएस की पढ़ाई भी होती है. यहां मेडिकल स्टूडेंट को मानव शरीर के विषय में पढ़ाया भी जाता है. मानव शरीर के विषय में जानने के लिए उन्हें मानव शरीर चाहिए होता है. यही कारण है कि देहदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है. मंगलवार को बिलासपुर के अर्चना किबरिया के परिजनों ने उनकी मौत के बाद उनका देह दान कर दिया.

यह भी पढ़ें: बिलासपुर पुलिस का अर्पण एक उम्मीद अभियान, जानिए मोबाइल गुम होने पर क्या करें

एक देह से कई लोगों को मिल सकती है नई जिंदगी: मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की की है. इस तरक्की में मृत शरीर भी दूसरों की जान बचाने के उपयोग में लाया जा रहा है. देहदान से जहां कई जिंदगियां बचती है, वहीं नए मेडिकल स्टूडेंट को शरीर के अंदरूनी हिस्से की जानकारी होती है. मानव शरीर में हार्ट, लिवर, किडनी और कई ऐसी ऑर्गन होती हैं, जो दूसरों के काम आती है. जानकारी के मुताबिक एक इंसान का शरीर 8 लोगों की जान बचा सकता है इसलिए लोगों को देहदान करना चाहिए.

बिलासपुर: बिलासपुर की समाजसेवी महिला अर्चना किबरिया ने अपना पूरा जीवन समाजसेवा में लगा दिया. उन्होंने गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए जीवन भर काम किया. अब उनके मरने के बाद उनकी देह को सिम्स अस्पताल में दान कर दिया गया है. अर्चना अब मरने के बाद भी समाज के काम आएंगी. body donation in bilaspur Cims

परिजनों ने किया देहदान: बिलासपुर सिम्स मेडिकल कॉलेज संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है. यहां एमबीबीएस के साथ एमएस की पढ़ाई भी होती है. यहां मेडिकल स्टूडेंट को मानव शरीर के विषय में पढ़ाया भी जाता है. मानव शरीर के विषय में जानने के लिए उन्हें मानव शरीर चाहिए होता है. यही कारण है कि देहदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है. मंगलवार को बिलासपुर के अर्चना किबरिया के परिजनों ने उनकी मौत के बाद उनका देह दान कर दिया.

यह भी पढ़ें: बिलासपुर पुलिस का अर्पण एक उम्मीद अभियान, जानिए मोबाइल गुम होने पर क्या करें

एक देह से कई लोगों को मिल सकती है नई जिंदगी: मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की की है. इस तरक्की में मृत शरीर भी दूसरों की जान बचाने के उपयोग में लाया जा रहा है. देहदान से जहां कई जिंदगियां बचती है, वहीं नए मेडिकल स्टूडेंट को शरीर के अंदरूनी हिस्से की जानकारी होती है. मानव शरीर में हार्ट, लिवर, किडनी और कई ऐसी ऑर्गन होती हैं, जो दूसरों के काम आती है. जानकारी के मुताबिक एक इंसान का शरीर 8 लोगों की जान बचा सकता है इसलिए लोगों को देहदान करना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.