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कतर में बिलासपुर की श्रुति प्रभला ने देश का नाम किया रौशन, जीता ये खिताब

बिलासपुर शहर की बेटी श्रुति प्रभला ने वॉयस ऑफ वर्ल्ड की सेकेंड रनर-अप का खिताब जीत लिया है. श्रुति प्रभला ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित ऑनलाइन गीत-गायन प्रतियोगिता में अपनी बेहतरीन गायन शैली से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि पूरे भारत का नाम रौशन किया है.

Shruti Prabhala
श्रुति प्रभला
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Published : Sep 12, 2021, 7:11 PM IST

Updated : Sep 12, 2021, 8:00 PM IST

बिलासपुर: गायक श्रुति प्रभला (Singer Shruti Prabhala) ने 'वॉयस ऑफ वर्ल्ड' (Voice of World) के टॉप-3 में अपना स्थान दर्ज करा लिया है. श्रुति ने श्रुति प्रभला ऑनलाइन कराओके के माध्यम से गायन कर इस प्रतियोगिता में सेकेंड रनरअप का खिताब जीता है. शुक्रवार की रात को अरब प्रायद्वीप के मध्यपूर्व देश कतर के प्रतिष्ठित टीवी चैनेल-5 द्वारा आयोजित गीत-गायन प्रतियोगिता 'वायस ऑफ वर्ल्ड' (Voice of World) के ग्रैंड फिनाले में श्रुति को सेकेंड रनरअप के अवार्ड से नवाजा गया है.

श्रुति प्रभला ने देश का नाम किया रौशन

यू-ट्यूब पर हुआ था सीधा प्रसारण

श्रुति प्रभला इस प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में पहुंचने वाली भारत की इकलौती प्रतिभागी बनी है. श्रुति प्रभला ने ईटीवी भारत के साथ 'वायस ऑफ वर्ल्ड' के अनुभव साझा किये. श्रुति ने बताया कि शुक्रवार को भारतीय समय के अनुसार रात 9.30 बजे से खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा के इंडियन कल्चर सेन्टर (Indian Culture Center) के अशोका हॉल में भारतीय दूतावास, इंडियन कल्चर, इंडियन कम्युनिटी बेनेवोलेंट फोरम (Indian Community Benevolent Forum) सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों के उच्च अधिकारियों और अप्रवासी भारतीयों की उपस्थिति में 'वॉयस ऑफ वर्ल्ड' के ग्रैंड फिनाले का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब पर किया गया था. जिसमें उन्हें 'वॉयस ऑफ वर्ल्ड' के सेकेंड रनर-अप के खिताब से नवाजा गया.

300 से अधिक प्रतिभागियों ने दिया था ऑडिशन

'वायस ऑफ वर्ल्ड' प्रतियोगिता के निर्माता-निदेशक सैयद रफी के अनुसार करीब तीन माह पहले कतर में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों ने टीवी चैनल-5 के माध्यम से ऑनलाइन सिंगिंग कॉम्पिटीशन (online singing competition) का आयोजन किया था. वैश्विक स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में अनेक देशों के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑडिशन दिया था.

भारत के बिलासपुर से श्रुति प्रभला सहित अनेक उभरते हुए गायकों ने अपनी आवाज को एक नई पहचान देने के लिए इसमें हिस्सेदारी की थी. हिन्दी फिल्मी गीतों की इस गायन प्रतियोगिता में 10 राउंड के बाद 5 फायनलिस्ट चुने जाने थे. श्रुति ने आरडी बर्मन स्पेशल, राज कपूर स्पेशल, लव सांग्स, सैड सांग्स, देशभक्तिपूर्ण गीत, फास्ट नंबर सहित लगभग सभी राउंड में लगातार बढ़त बनाई और फायनल तक पहुंचने में कामयाब रही.

गुरू उस्ताद वसीम अहमद खान साहब की शिष्या है श्रुति

श्रुति के अलावा अमेरिका से दो, जर्मनी से एक और कतर से एक प्रतियोगी शामिल था. इस अनूठी प्रतियोगिता में पहली बार मतदाताओं (वोटर्स) को 'वायस ऑफ वर्ल्ड' का विनर चुनने की प्रक्रिया से सीधे जोड़ते हुए देश-विदेश में बसे हिंदी गीत-संगीत प्रेमियों से अपने चहेते गायक के पक्ष में ऑनलाइन वोट करने अपील की गई थी. बिलासपुर के निकट सीपत, एनटीपीसी में रहने वाली श्रुति वर्तमान में शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए कोलकाता स्थित संगीत रिसर्च अकादमी (Music Research Academy) के गुरू उस्ताद वसीम अहमद खान साहब की शिष्या है.

गुरू-शिष्य परंपरा के तहत श्रुति अपने गुरू खां साहब से शास्त्रीय संगीत की बारीकियां सीख रही है. इसके अलावा श्रुति बिलासपुर में भातखंडे संगीत महाविद्यालय (इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से संबद्ध) में बीपीए (बैचलर ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट) (Music Research Academy) के डिग्री कोर्स की तृतीय वर्ष की छात्रा है. श्रुति प्रभला के पिता पी. रामा राव बिलासपुर में इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सर्विलांस सोल्यूशन का कार्य करते हैं. जबकि उनकी माता श्रीलेखा एनटीपीसी, सीपत के स्कूल में शिक्षिका हैं.

श्रुति को बचपन से ही संगीत के प्रति अत्यधिक लगाव रहा है. उसने अपनी दादी पी. राजेश्वरी से संगीत की प्रारंभिक शिक्षा और प्रेरणा ली और महज 5 वर्ष की उम्र में बाल रंग सम्मान प्राप्त किया. गायन के प्रति श्रुति की अगाध रूचि को देखते हुए उसके माता-पिता ने उसे लगातार प्रोत्साहित किया. श्रुति, छत्तीसगढ़-आंध्र एसोसिएशन (Chhattisgarh-Andhra Association) की प्रदेश स्तरीय गायन स्पर्धा में लगातार तीन वर्षों तक तेलुगू और हिंदी गीत-गायन में पहले स्थान पर रही थी.

करीब तीन साल पहले देशभर में नवोदित कलाकारों को तलाश करने और उनकी प्रतिभा को निखारने-संवारने के लिए स्पिक-मैके ने एक आयोजन किया था. राष्ट्रीय स्तर की इस स्कॉलरशिप प्रतियोगिता में श्रुति का चयन टॉप-10 में हुआ था. श्रुति ने कोलकाता की आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में लब्ध-प्रतिष्ठित संगीत गुरुओं के सानिध्य में एक महीने तक गुरू-शिष्य परम्परा के तहत भारतीय शास्त्रीय संगीत का वृहद् अध्ययन किया. श्रुति ने एनटीपीसी, सीपत के आधिकारिक गीत में भी अपनी आवाज दी.

बिलासपुर: गायक श्रुति प्रभला (Singer Shruti Prabhala) ने 'वॉयस ऑफ वर्ल्ड' (Voice of World) के टॉप-3 में अपना स्थान दर्ज करा लिया है. श्रुति ने श्रुति प्रभला ऑनलाइन कराओके के माध्यम से गायन कर इस प्रतियोगिता में सेकेंड रनरअप का खिताब जीता है. शुक्रवार की रात को अरब प्रायद्वीप के मध्यपूर्व देश कतर के प्रतिष्ठित टीवी चैनेल-5 द्वारा आयोजित गीत-गायन प्रतियोगिता 'वायस ऑफ वर्ल्ड' (Voice of World) के ग्रैंड फिनाले में श्रुति को सेकेंड रनरअप के अवार्ड से नवाजा गया है.

श्रुति प्रभला ने देश का नाम किया रौशन

यू-ट्यूब पर हुआ था सीधा प्रसारण

श्रुति प्रभला इस प्रतियोगिता के फाइनल राउंड में पहुंचने वाली भारत की इकलौती प्रतिभागी बनी है. श्रुति प्रभला ने ईटीवी भारत के साथ 'वायस ऑफ वर्ल्ड' के अनुभव साझा किये. श्रुति ने बताया कि शुक्रवार को भारतीय समय के अनुसार रात 9.30 बजे से खाड़ी देश कतर की राजधानी दोहा के इंडियन कल्चर सेन्टर (Indian Culture Center) के अशोका हॉल में भारतीय दूतावास, इंडियन कल्चर, इंडियन कम्युनिटी बेनेवोलेंट फोरम (Indian Community Benevolent Forum) सहित अनेक प्रतिष्ठित संस्थानों के उच्च अधिकारियों और अप्रवासी भारतीयों की उपस्थिति में 'वॉयस ऑफ वर्ल्ड' के ग्रैंड फिनाले का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यू-ट्यूब पर किया गया था. जिसमें उन्हें 'वॉयस ऑफ वर्ल्ड' के सेकेंड रनर-अप के खिताब से नवाजा गया.

300 से अधिक प्रतिभागियों ने दिया था ऑडिशन

'वायस ऑफ वर्ल्ड' प्रतियोगिता के निर्माता-निदेशक सैयद रफी के अनुसार करीब तीन माह पहले कतर में रहने वाले अप्रवासी भारतीयों ने टीवी चैनल-5 के माध्यम से ऑनलाइन सिंगिंग कॉम्पिटीशन (online singing competition) का आयोजन किया था. वैश्विक स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में अनेक देशों के 300 से अधिक प्रतिभागियों ने ऑडिशन दिया था.

भारत के बिलासपुर से श्रुति प्रभला सहित अनेक उभरते हुए गायकों ने अपनी आवाज को एक नई पहचान देने के लिए इसमें हिस्सेदारी की थी. हिन्दी फिल्मी गीतों की इस गायन प्रतियोगिता में 10 राउंड के बाद 5 फायनलिस्ट चुने जाने थे. श्रुति ने आरडी बर्मन स्पेशल, राज कपूर स्पेशल, लव सांग्स, सैड सांग्स, देशभक्तिपूर्ण गीत, फास्ट नंबर सहित लगभग सभी राउंड में लगातार बढ़त बनाई और फायनल तक पहुंचने में कामयाब रही.

गुरू उस्ताद वसीम अहमद खान साहब की शिष्या है श्रुति

श्रुति के अलावा अमेरिका से दो, जर्मनी से एक और कतर से एक प्रतियोगी शामिल था. इस अनूठी प्रतियोगिता में पहली बार मतदाताओं (वोटर्स) को 'वायस ऑफ वर्ल्ड' का विनर चुनने की प्रक्रिया से सीधे जोड़ते हुए देश-विदेश में बसे हिंदी गीत-संगीत प्रेमियों से अपने चहेते गायक के पक्ष में ऑनलाइन वोट करने अपील की गई थी. बिलासपुर के निकट सीपत, एनटीपीसी में रहने वाली श्रुति वर्तमान में शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के लिए कोलकाता स्थित संगीत रिसर्च अकादमी (Music Research Academy) के गुरू उस्ताद वसीम अहमद खान साहब की शिष्या है.

गुरू-शिष्य परंपरा के तहत श्रुति अपने गुरू खां साहब से शास्त्रीय संगीत की बारीकियां सीख रही है. इसके अलावा श्रुति बिलासपुर में भातखंडे संगीत महाविद्यालय (इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ से संबद्ध) में बीपीए (बैचलर ऑफ़ परफोर्मिंग आर्ट) (Music Research Academy) के डिग्री कोर्स की तृतीय वर्ष की छात्रा है. श्रुति प्रभला के पिता पी. रामा राव बिलासपुर में इलेक्ट्रॉनिक सिक्योरिटी सर्विलांस सोल्यूशन का कार्य करते हैं. जबकि उनकी माता श्रीलेखा एनटीपीसी, सीपत के स्कूल में शिक्षिका हैं.

श्रुति को बचपन से ही संगीत के प्रति अत्यधिक लगाव रहा है. उसने अपनी दादी पी. राजेश्वरी से संगीत की प्रारंभिक शिक्षा और प्रेरणा ली और महज 5 वर्ष की उम्र में बाल रंग सम्मान प्राप्त किया. गायन के प्रति श्रुति की अगाध रूचि को देखते हुए उसके माता-पिता ने उसे लगातार प्रोत्साहित किया. श्रुति, छत्तीसगढ़-आंध्र एसोसिएशन (Chhattisgarh-Andhra Association) की प्रदेश स्तरीय गायन स्पर्धा में लगातार तीन वर्षों तक तेलुगू और हिंदी गीत-गायन में पहले स्थान पर रही थी.

करीब तीन साल पहले देशभर में नवोदित कलाकारों को तलाश करने और उनकी प्रतिभा को निखारने-संवारने के लिए स्पिक-मैके ने एक आयोजन किया था. राष्ट्रीय स्तर की इस स्कॉलरशिप प्रतियोगिता में श्रुति का चयन टॉप-10 में हुआ था. श्रुति ने कोलकाता की आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी में लब्ध-प्रतिष्ठित संगीत गुरुओं के सानिध्य में एक महीने तक गुरू-शिष्य परम्परा के तहत भारतीय शास्त्रीय संगीत का वृहद् अध्ययन किया. श्रुति ने एनटीपीसी, सीपत के आधिकारिक गीत में भी अपनी आवाज दी.

Last Updated : Sep 12, 2021, 8:00 PM IST
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