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जब चली सुपर एनाकोंडा, तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर ट्रैक पर दौड़ाया

SECR बिलासपुर ने भारतीय रेलवे में नया कीर्तिमान स्थापित किया है. पहली बार तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़ते हुए मंडल के लजकुरा स्टेशन से चक्रधरपुर स्टेशन तक ट्रिपल लॉन्ग हाल रैक (सुपर एनाकोंडा) चलाई गई.

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Published : Jun 30, 2020, 10:29 AM IST

Updated : Jun 30, 2020, 11:34 AM IST

SECR Bilaspur Zone created history
SECR बिलासपुर जोन ने रचा इतिहास

बिलासपुर : दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल ने भारतीय रेलवे में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. पहली बार तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़ते हुए मंडल के लजकुरा स्टेशन से चक्रधरपुर स्टेशन तक ट्रिपल लॉन्ग हाल रैक (सुपर एनाकोंडा) चलाई गई. 15000 टन से ज्यादा क्लिंकर से लोडेड 174 वैगनों को जोड़कर इस लॉन्ग हाल रैक को चलाया गया.

इन तीनों मालगाड़ियों को जोड़कर एक ही लोको पायलट, एक सहायक लोको पायलट और एक गार्ड की सहायता से इसे चलाया गया. भारतीय रेलवे में पहली बार तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाते हुए कीर्तिमान स्थापित किया गया है. इसके पहले यह एनाकोंडा गाड़ी खाली रैकों के साथ चलाई जा रही थी.

SECR बिलासपुर जोन ने रचा इतिहास

पढ़ें-सरकार ने टिक-टॉक, यूसी ब्राउजर समेत 59 चीनी ऐप पर लगाया प्रतिबंध

इस लॉन्ग हाल रैक को चलाने के लिए जहां पहले 3 लोको पायलट और 3 सहायक लोको पायलट की आवश्यकता होती थी, वहीं इस बार केवल एक लोको पायलट और एक सहायक लोको पायलट की सहायता से ही मालगाड़ी चलाई गई. इस तरह के परिचालन से क्रू सेट की बचत के साथ-साथ रेलवे ट्रैक का भी सही इस्तेमाल हो रहा है. इससे समय की बचत के साथ ही साथ उपभोक्ताओं को सामान की जल्द डिलीवरी भी मिलेगी.

बिलासपुर : दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर मंडल ने भारतीय रेलवे में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. पहली बार तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़ते हुए मंडल के लजकुरा स्टेशन से चक्रधरपुर स्टेशन तक ट्रिपल लॉन्ग हाल रैक (सुपर एनाकोंडा) चलाई गई. 15000 टन से ज्यादा क्लिंकर से लोडेड 174 वैगनों को जोड़कर इस लॉन्ग हाल रैक को चलाया गया.

इन तीनों मालगाड़ियों को जोड़कर एक ही लोको पायलट, एक सहायक लोको पायलट और एक गार्ड की सहायता से इसे चलाया गया. भारतीय रेलवे में पहली बार तीन लोडेड मालगाड़ियों को एक साथ जोड़कर चलाते हुए कीर्तिमान स्थापित किया गया है. इसके पहले यह एनाकोंडा गाड़ी खाली रैकों के साथ चलाई जा रही थी.

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इस लॉन्ग हाल रैक को चलाने के लिए जहां पहले 3 लोको पायलट और 3 सहायक लोको पायलट की आवश्यकता होती थी, वहीं इस बार केवल एक लोको पायलट और एक सहायक लोको पायलट की सहायता से ही मालगाड़ी चलाई गई. इस तरह के परिचालन से क्रू सेट की बचत के साथ-साथ रेलवे ट्रैक का भी सही इस्तेमाल हो रहा है. इससे समय की बचत के साथ ही साथ उपभोक्ताओं को सामान की जल्द डिलीवरी भी मिलेगी.

Last Updated : Jun 30, 2020, 11:34 AM IST
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