धमतरी: छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय चुनाव की सरगर्मी तेज है. चुनावी वादों की झड़ी लगने के बाद अब प्रत्याशी प्रचार में और भी ज्यादा जोर देने लगे हैं. धमतरी नगर निगम चुनाव में इस बार महापौर पद के लिए कांग्रेस की गैरमौजूदगी से चुनावी रणनीति में बदलाव नजर आ रहा है. शहर में 15 से अधिक ऐसे वार्ड हैं, जहां पार्षद पद के लिए निर्दलीय और बागी कांग्रेस और भाजपा के लिए मुसीबत बन सकते हैं.
निकाय चुनाव में दिलचस्प मुकाबला: धमतरी नगर निगम के अंतर्गत 40 वार्ड हैं. इनमें से 15 वार्डों में कांग्रेस भाजपा प्रत्याशी आमने-सामने हैं. एक वार्ड में भाजपा और निर्दलीय में टक्कर है. यहां से कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन निरस्त हुआ है, इसलिए कुल 16 वार्डों में आमने-सामने का मुकाबला होगा.
बागी बिगाड़ सकते हैं खेल: 24 वार्ड में कांग्रेस-भाजपा के अलावा निर्दलीय और बागी प्रत्याशी मैदान में उतर गए हैं. कई वार्डों में निर्दलियों का अच्छा परफारमेंस है, जिसका असर राष्ट्रीय दल के प्रत्याशियों की रणनीति पर पड़ सकता है. कई जगहों पर दोनों दलों के बागी प्रत्याशी हैं, जो अपने ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के लिए मुसीबत बने हुए हैं.
चुनाव में कड़ी टक्कर: सुभाष नगर, लालबगीचा, आमापारा, रामपुर, पोस्ट ऑफिस वार्ड, मकेश्वर वार्ड, सुंदरगंज, बठेना, औद्योगिक वार्ड, नवागांव, साल्हेवारपारा वार्ड, मराठापारा, बांसपारा, बनियापारा, टिकरापारा, जोधापुर, रिसाईपारा पश्चिम, ब्राम्हणपारा, कोष्टापारा, जालमपुर, महात्मागांधी वार्ड, सदर दक्षिण, डाकबंगला वार्ड जहां दो से अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं.
कांग्रेस भाजपा के लिए बने मुसीबत: सुभाष नगर में पूर्णिमा भरत देवांगन भाजपा की बागी हैं. वहीं रिसाईपारा पश्चिम में कांग्रेस के बागी पवन लिखी मैदान में उतर गए हैं. डाकबंगला वार्ड में बसपा प्रत्याशी राखी रात्रे और दो निर्दलीय प्रत्याशी रामेश्वरी, उर्मिला कांग्रेस-भाजपा के लिए दिक्कत बन गई हैं.
ये प्रत्याशी दे रहे कड़ी चुनौती: जोधापुर वार्ड में बसपा जिलाध्यक्ष आशीष रात्रे, आमापारा में भाजपा के बागी सुरेश गुप्ता, रामपुर वार्ड में भाजपा के बागी पूर्व पार्षद प्रकाश सिन्हा, मकेश्वर वार्ड में आप पार्टी से यामिनी सिन्हा और भाजपा के पूर्व पार्षद रीना सोनवानी व शशी साहू, सुंदरगंज वार्ड से जावेद खत्री, उमा पटेल, बठेना वार्ड से पूर्व पार्षद गौतम ध्रुव, टिकरापारा में मदन नेवारे के मैदान में खड़े होने से दोनों प्रमुख दलों के प्रत्याशियों के वोट संख्या में गिरावट आ सकती है.
निर्दलीय दे रहे टक्कर: बनियापारा वार्ड में राजकुमार फुटान की मौजूदगी से रणनीति में बदलाव हो सकता है. पोस्ट आफिस वार्ड में संजिदा बेगम के आने से और मराठापारा में दुष्यंत घोरपड़े और जयंत राव के निर्दलीय फार्म भरने से परिणाम के असर को लेकर आशंका जताई जा रही है. ऐसी ही स्थिति कुछ अन्य वार्डों की है.
साल 2014 की स्थिति: नगर निगम के इतिहास में हुए दो चुनाव के दौरान निर्दलियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वर्ष 2014 में 8 निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे, जिनमें राजेश पांडे, राजेश ठाकुर, रानी मीनपाल, प्रकाश सिन्हा, दीपक लोंढे, शिव ओम बैगा नाग, दीपक सोनकर, संजय डागौर चुनाव जीतकर आए थे। लेकिन ये सभी आठों किसी भी दल में शामिल नहीं हुए थे.
साल 2019 की स्थिति: साल 2019 के चुनाव में 5 निर्दलीय चुनाव जीतकर आए थे, जिनमें रूपेश राजपूत, कमलेश सोनकर, ज्योति वालमिकी, श्यामा साहू, हेमंत बंजारे थे. वर्ष 2019 में महापौर का चुनाव पार्षदों के बीच में से ही होना था. इसलिए महापौर और सभापति चुनाव के दौरान रूपेश राजपूत, कमलेश सोनकर, ज्योति वालमिकी ने कांग्रेस का साथ दिया. इसी तरह श्यामा साहू, हेमंत बंजारे ने भाजपा को समर्थन दिया था. कांग्रेस के 18 पार्षद चुनाव जीतकर आए थे. तीन निर्दलियों के शामिल होने से कांग्रेस की संख्या 21 हो गई थी, जबकि भाजपा के 17 पार्षद जीते थे. दो निर्दलियों के शामिल होने से उनकी संख्या 19 हो गई थी.