बिलासपुरः बिल्हा के दगोरी में बाबा तालाब के सौंदर्यीकरण के नाम पर घोटाला करने का मामला सामने आया है. शासन ने तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए डेढ़ करोड़ रुपए जारी किए थे, लेकिन वर्तमान में देखा जाए, तो वहां कोई काम नजर नहीं आता. ग्रामीण क्षेत्र में बाबा तालाब निस्तारी का प्रमुख साधन है, यही वजह है कि ग्रामीण तालाब को देव तुल्य मानते हुए उसकी पूजा-अर्चना भी करते हैं. वहीं समय-समय पर पंचायत स्तर और सरकारी मदद से तालाब का कायाकल्प भी किया जाता है. सरकार भी सरोवर-धरोहर योजना से तालाबों के संरक्षण का प्रयास करती है.
एशिया के सबसे बड़े विकासखंड बिल्हा में है बाबा तालाब
एशिया के सबसे बड़े विकासखंड बिल्हा के दगोरी में तालाब घोटाला सामने आया है. गांव के 52 एकड़ में फैले बाबा तालाब के लिए बीजेपी सरकार ने करीब डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे. जिसमें तालाब उन्नयन, गहरीकरण, पिचिंग और सौंदर्यीकरण का कार्य किया जाना था. उस समय पचरी के पत्थर और योजना को लेकर बोर्ड तो लगाए गए थे, लेकिन इतने के बाद तालाब का कामकाज जस का तस पड़ा हुआ है.
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ग्रामीणों ने घोटाले का आरोप लगाया
तालाब घोटाला मामले में पंचायत के नुमाइंदे और जनपद पंचायत के अधिकारी कुछ भी कहने से पल्ला झाड़ रहे हैं. ग्रामवासियों का कहना है कि घोटाले की जांच की जाए, तो सच सामने आएगा. छत्तीसगढ़ की वर्तमान सरकार ने नदी के पानी से बाबा तालाब को भरने की योजना बनाई है. जिसके लिए लगभग 3 करोड़ रुपए खर्च की बात सामने आ रही है. रेल फाटक से लगे इस 52 एकड़ के तालाब में सालोंभर पानी रहे, तो तालाब पशु-पक्षियों के लिए जीवनदाता हो जाएगा.