बिलासपुर: मरवाही उपचुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज हो चली है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों अपना दांव खेलने के लिए लगातार मरवाही का दौरा कर रहे हैं. शुक्रवार को बिलासपुर के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल जिले के दौरे पर रहेंगे. जिसे लेकर सर्व आदिवासी समाज ने मंत्री जयसिंह अग्रवाल के दौरे का विरोध किया है.
सर्व आदिवासी समाज ने सड़क के दोनों तरफ काले झंडे और दीवारों पर विरोधी नारे लिख दिए हैं, जिसमें राज्य सरकार पर शासकीय भूमि को उद्योगपतियों को बेचने का आरोप लगाया है.
मंत्री जयसिंह अग्रवाल का गौरेला-पेंड्रा मरवाही दौरा
दरअसल अजीत जोगी के निधन के बाद मरवाही विधानसभा में उप चुनाव होना है. ऐसे में लगातार राजनीतिक पार्टियां मरवाही क्षेत्र का दौरा कर रही है. इसी कड़ी में शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री जयसिंह अग्रवाल का गौरेला-पेंड्रा मरवाही का दौरा है. एक तरफ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अपने मंत्री के स्वागत के लिए सड़कों पर बैनर और पोस्टर लगाए हैं, तो दूसरी तरफ सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने विरोध करते हुए काले झंडे लगा दिए हैं.
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सर्व आदिवासी समाज के लोगों का आरोप है कि सरकार ने सरकारी जमीन को निजी उद्योगपतियों को बेचने का फैसला लिया है. उनकी ये योजना उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की है. जिन भी रास्तों से मंत्री गुजरेंगे उन रास्तों पर काले झंडे लगा दिए गए हैं, वहीं दीवारों पर विरोध को लेकर नारे लिख दिए हैं.
आदिवासियों के लिए अहम है जल, जंगल और जमीन
आदिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन से बढ़कर कुछ नहीं होता. हमेशा ही वह जमीन और जंगल को बचाने के लिए शासन-प्रशासन से हक की लड़ाई लड़ते रहे हैं. 2019 में दंतेवाड़ा में किरंदुल क्षेत्र के तहत बैलाडीला की एक पहाड़ी को बचाने के लिए तकरीबन 20 हजार आदिवासियों ने प्रदर्शन किया था. सरकार ने इस पहाड़ी को लौह अयस्क के खनन के लिए अडाणी समूह को दे दिया गया था, जिसे लेकर कई दिनों तक आदिवासियों का प्रदर्शन चलता रहा और वह अपने अपनी जमीन को बचाने में सफल हुए थे.