बिलासपुर: तखतपुर के ग्राम पंचायत परसदा में सरकारी जमीन पर सरपंच की ओर से प्लॉटिंग कर अवैध पट्टा बांटे जाने का मामला सामने आया है. जानकारी के बाद ग्रामीणों ने विरोध करते हुए एसडीएम और विधायक रश्मि आशीष सिंह के पास शिकायत की है. जिसपर SDM ने संबंधित ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.सरपंच ने इसका लिखित जवाब दे दिया है. अब आगे की कार्रवाई प्रशासन की ओर से की जाएगी.
जानिए पूरा मामला
ग्राम पंचायत परसदा सकरी से लगा हुआ है. जिस जमीन पर अवैध प्लॉटिंग की बात सामने आई है, वह प्राइम लोकेशन में है. इसके कारण उसका रेट करोड़ों का हो सकता है. इसी जमीन के खसरा क्रमांक 3/3 में से 2.5 एकड़ का निस्तार आबादी जमीन के रूप में परिवर्तन कराया गया है. ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच लोगों से डेढ़ से दो लाख रुपये लेकर पट्टा बांट रहा है. जबकि पंचायत राज अधिनियम में सरपंच को आवासीय पट्टा बांटने का अधिकार ही नहीं है. वह केवल ग्राम पंचायत से प्रस्ताव बनाकर राजस्व में भेजेगा, फिर कलेक्टर के अनुमोदन से तहसीलदार हितग्राहियों के नाम से पट्टा बनाकर वितरण कराएगा. लेकिन इस मामले में सरपंच स्वयं का हस्ताक्षरित पट्टा गांव वालों को बांट रहा है. ग्रामीणों की शिकायत है कि 2.5 एकड़ की जमीन को न बांट कर पूरे जमीन की प्लॉटिंग की जा रही है. जिसका रकबा लगभग 7 से 8 एकड़ का है.
गांव के भले के लिए किया जा रहा यह काम
सरपंच संतराम लहरे का कहना है कि गांव में 80 एकड़ जमीन सरकारी उपयोग के लिए अधिग्रहित की गई है. जिससे ग्रामीणों को किसी भी प्रकार का कोई फायदा नहीं हुआ है. अब गांव की बढ़ती जनसंख्या के कारण सरकारी भूमि को नियमानुसार कलेक्ट्रेट से आम निस्तारित से आबादी में परिवर्तित कराकर गांव के गरीब और भूमिहीन लोगों को आवासीय पट्टा दिया जा रहा है. तो इसमें कुछ लोगों को आपत्ति हो रही है. पैसे लेने की बात गलत है. सरपंच को पट्टा बांटने का अधिकार है या नहीं इस नियम की जानकारी मुझे नहीं है. लेकिन मैं जो भी कर रहा हूं गांव के गरीबों के हित के लिए कर रहा हूं.
गांव के उपसरपंच जागेश्वर यादव का कहना है कि सरपंच संतराम लहरे ने 7 से 8 एकड़ सरकारी जमीन को अवैध तरीके स्व प्लॉटिंग कर बेचा है. ग्रामीणों ने इस पूरे मामले में सरपंच पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
ग्रामीणों की शिकायत
इस विषय में ग्रामीण शिवकुमार का कहना है कि पूर्व सरपंच और उसके पति वर्तमान सरपंच गांव में बिना किसी सूचना और मुनादी के अवैध पट्टा लोगों से 50 हजार से दो लाख रुपए लेकर बांट रहे हैं. जबकि उसे पट्टा बांटने का अधिकार नहीं है. इस मामले में ग्रामीणों ने सरपंच पर बिल्डर से मिलीभगत का आरोप लगाया है.
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SDM ने मामले में लिया संज्ञान
इस मामले में कोटा एसडीएम आनंद रूप तिवारी ने संज्ञान में लिया है. SDM ने तत्काल पटवारी सचिव और जनपद के सीईओ को फोन लगाकर मामले की पूरी जानकारी ली. साथ ही गंभीरता से जांच करने की बात कही. सरपंच को नोटिस जारी किया और सचिव के निलंबन की कार्रवाई के लिए सीईओ तखतपुर को निर्देश दिए गए हैं.