बिलासपुर: शहर के बढ़ते ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए करोड़ों की सड़क बनाई जा रही है. लेकिन करोड़ों की लागत से बनाई जा रही फोरलेन सड़क पर भ्रष्टाचार की परत नजर आ रही है. सड़क के निर्माण को दो ही महीने हुए है लेकिन सड़क जगह-जगह से उखड़ रही है. आलम यह है कि धूल के गुबार और बड़े बड़े गड्डों की वजह लोग दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. वहीं जिम्मेदार केवल सड़क को दुरुस्त करने और गुणवत्तापूर्ण कार्य करने की हामी भर रहे हैं.
सड़क पर उठते धूल के गुबार और परेशान होते लोग
ये नजारा बिलासपुर शहर के व्यस्ततम मार्गो में से एक तोरवा चौक से लेकर लालखदान ओवर ब्रिज का है. दरसअल शहर में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने शासन ने 2020 में 365 करोड़ की लागत से इस मार्ग में फोरलेन सड़क बनाने का काम शुरू किया था. लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए ठेकेदार ने आनन-फानन में सड़क चौड़ीकरण और डामरीकरण का काम शुरू कर दिया. नतीजा यह रहा कि सड़क 2 महीनों में ही जबाव दे गई.
वहीं बारिश की वजह से सड़क निर्माण का काम भी बंद कर दिया गया है. जिससे यहां से गुजरने वाले मुसाफिर आए दिन सड़क दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. अब प्रशासन सड़क की जांच कराकर उसे दोबारा से दुरुस्त करने की बात कर रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारी भले ही बारिश के बाद सड़क में पैचवर्क (Patchwork) कर अधूरे काम को फिर से जल्द शुरू करने की बात कह रहे हो, लेकिन सड़क की बदहाल स्थिति और जर्जर हाल यहां के लोगों के लिए आफत बने हैं.
कोरबा में एक बारिश भी झेल नहीं पाती सड़कें, आखिर कब मिलेगा बेहतर रोड ?
चार साल पहले सड़क की खराब स्थिति और कीचड़ के विरोध में कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने सड़क की कीचड़ में ही धान की बुवाई की थी और विरोध प्रदर्शन किया था. लेकिन कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अब कांग्रेसियों को सड़क की खस्ताहाल स्थिति को देखने के लिए समय नहीं है. पूर्व महापौर और बीजेपी नेता किशोर राय (BJP leader Kishore Rai) ने आरोप लगाया है कि नगर निगम और पीडब्ल्यूडी पूरे शहर की सड़को को लेकर उदासीन है. पूर्व महापौर ने कहा कि राज्य सरकार सड़कों के मामले में इतनी लापरवाह है कि अब हाईकोर्ट को भी इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ रहा है.
HC के आदेश को किया अनदेखा
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) में प्रदेश की लगभग 32 सड़कों को लेकर न्याय मित्रों ने लिस्ट तैयार कर कोर्ट को सौंपी है. छत्तीसगढ़ की सड़कों की जर्जर स्थिति (Poor condition of roads of Chhattisgarh) को लेकर लगातार हाई कोर्ट राज्य सरकार और संबंधित विभागों को सड़क बनाने का आदेश दे रही है. लेकिन राज्य सरकार और संबंधित विभाग हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं.