बिलासपुर: कोटा के रतनपुर में तेलंगाना से आए हुए तीन और रायपुर से आए एक व्यक्ति को क्वॉरेंटाइन किया गया है. राम टेकरी मंदिर के पास रिहायशी इलाके में मौजूद बालक छात्रावास में बनाए गए इस क्वॉरेंटाइन सेंटर का भारी विरोध किया जा रहा है. आवासीय इलाके में क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए जाने से लोगों में आक्रोश है. लोगों का कहना है कि 'इस तरह से प्रशासन नागरिकों की जान आफत में डाल रहा है'.
दरअसल रायपुर से एक व्यक्ति और तेलंगाना से तीन लोगों ने जिले में प्रवेश किया है. इनमें दो पुरुष, एक महिला और एक 12 माह का बच्चा शामिल है. इनमें से तीन लोगों के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं. जिसकी रिपोर्ट तीन दिन बाद आएगी. इस दौरान इन लोगों को रतनपुर के बालक छात्रावास में क्वॉरेंटाइन किया गया है. इसी क्वॉरेंटाइन सेंटर का विरोध करते हुए स्थानीय रहवासियों का कहना है कि ऐसे में प्रशासन लोगों की जान खतरे में डाल रहा है.
प्रशासन की बढ़ी मुश्किल
बता दें कि अन्य प्रदेशों से मजदूर और दूसरे लोग भी पहुंच रहे हैं. जिनको 14 दिनों तक क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहराया जाएगा. अब बड़ी संख्या में मजदूरों के पहुंचने के कारण रिहायशी इलाकों में मौजूद सामुदायिक भवन, स्कूल भवन या फिर अन्य कमरों में ही उन्हें ठहराया जा रहा है, जिसका रहवासी विरोध कर रहे हैं. विरोध में रहवासियों ने इन लोगों रास्तों में बैरिकेड लगाकर रास्तों में ही रोक दिया है. जिससे स्थानीय प्रशासन की मुश्किल बढ़ गई है और नागरिकों के साथ टकराव की नौबत आन पड़ी है.
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शहर के बाहर बने क्वॉरेंटाइन सेंटर
लोगों का कहना है कि प्रशासन को क्वॉरेंटाइन सेंटर शहर के बाहर बनाना चाहिए. ताकि संक्रमण ज्यादा न फैले. रहवासी इलाकों में बनाए जा रहे क्वॉरेंटाइन सेंटर के चलते लोगों की जान को खतरा हो सकता है. प्रशासन यह व्यवस्था शहर के बाहर करें, ताकि संक्रमण को रोका जा सके.