बिलासपुर: मरवाही उपचुनाव में अब पहले जैसे टक्कर की स्थिति नहीं रही. इधर, जोगी परिवार अब लोगों से न्याय की उम्मीद कर रहा है. पूर्व सीएम अजीत जोगी की पत्नी और कोटा से विधायक रेणु जोगी ने मरवाही के वर्तमान राजनीतिक हालात को देखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की है. रेणु जोगी ने कांग्रेस सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाई हैं.
रेणु जोगी ने कहा कि, 'किसी के निधन के बाद उसे सम्मान की नजरों से देखा जाता है, लेकिन यहां सम्मान देना तो दूर उनके परिवार को चुनाव लड़ने से ही वंचित कर दिया गया है'. उन्होंने कहा कि, 'हम तो यहां तक उम्मीद कर रहे थे कि प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री के लिए उनके सम्मान को देखते हुए इस सीट को छोड़ दिया जाता, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इससे क्षेत्र की जनता में खासा नाराजगी है'.
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अब चुनावी मैदान में कांग्रेस-बीजेपी
अमित और ऋचा जोगी के नामांकन निरस्त होने पहले जो मरवाही उपचुनाव में जेसीसी(जे) और कांग्रेस में सीधा मुकाबला बताया जा रहा था, वह मुकाबला अब एक-तरफा माना जा रहा है. अब इस मुकाबले को प्रमुख रूप से कांग्रेस और बीजेपी के आमने-सामने माना जा रहा है. कांग्रेस की तुलना में बीजेपी की उम्मीदवारी कमजोर मानी जा रही है. लिहाजा हर कोण से यह सीट अब कांग्रेस के पाले में जाती दिख रही है. वहीं कांग्रेस ने इस सीट के लिए एड़ी-चोटी एक कर दिया है. दूसरी ओर बीजेपी के आला नेताओं ने भी मरवाही में डेरा डाल रखा है.
बीजेपी को जोगी समर्थकों का सपोर्ट!
बीजेपी को उम्मीद है कि नाराज जोगी समर्थकों का फायदा उन्हें मिल सकता है. मरवाही सीट पर बीते कई दशकों से जोगी परिवार का दबदबा रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से निकलने के बाद अजीत जोगी ने क्षेत्रीय दल के रूप में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) का गठन किया था. प्रदेश में मरवाही, कोटा समेत कुछ अन्य सीटों पर पार्टी ने जीत भी दर्ज किया. इसी साल अजीत जोगी का निधन हो गया था. इस दौरान जाति प्रकरण में उलझे जोगी परिवार को तगड़ा झटका भी लगा है. इस तरह अमित जोगी और उनकी पत्नी दोनों को ही मरवाही के सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ने को लेकर अपात्र घोषित कर दिया गया है.
अमित जोगी की जाति का मामला और उससे जुड़े तथ्य
- भाजपा नेता समीरा पैकरा और आदिवासी नेता संत कुमार नेताम ने अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को अविलंब रद्द करने की मांग की थी.
- शिकायत में 2019 में हाई पावर कमेटी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने के निर्णय के साथ ही अमित जोगी के जन्म स्थान को लेकर FIR का भी जिक्र किया गया था.
- शिकायत पत्र में कहा गया था कि इसमें नियमों की अनदेखी और दस्तावेजों की जांच किए बिना ही अमित जोगी को जाति प्रमाण पत्र 2 दिन में जारी कर दिया गया था.
- आदिवासी नेता संत कुमार नेताम ने 17 जून को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही कलेक्टर को आवेदन देकर मामले में अमित जोगी के जाति प्रमाण पत्र को रद्द करने की मांग की थी.