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रेलवे की जमीन पर रह रहे परिवार को हाईकोर्ट से राहत, विस्थापन पर लगी रोक

रेलवे की जमीन पर रह रहे परिवारों को हाईकोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के विस्थापन पर फरवरी 2020 तक रोक लगा दी है.

Relief from High Court to family living on railway land in bilaspur
रेलवे की जमीन पर रह रहे परिवार को हाईकोर्ट से राहत
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Published : Dec 3, 2019, 7:56 AM IST

बिलासपुर: बापू उप नगर में रेलवे की जमीन पर कई पीढ़ियों से रह रहे 264 परिवारों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी याचिका पर राज्य शासन को पुनर्वास के लिए वेरिफिकेशन करने और सरकारी योजना का लाभ देने का आदेश दिया है. साथ ही 264 कब्जाधारियों को फरवरी 2020 तक हटाने पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

बिलासपुर रेलवे ने 2016 में बाबू उप नगर के 264 परिवारों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने को कहा था. रेलवे के इस नोटिस को परिवार के सदस्य भंवर सेन मोगरे सहित अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा की सिंगल बेंच ने याचिका को निरस्त कर दिया था.

रेलवे की जमीन पर रह रहे परिवार को हाईकोर्ट से राहत

याचिकाकर्ताओं ने की पुनर्वास की मांग
इस आदेश को याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता किशोर नारायण के माध्यम से चुनौती देते हुए अपील याचिका पेश की. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में हुई. कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने पुनर्वास करने की मांग की है. तर्क को सुनने के बाद सोमवार को आए फैसले में कोर्ट ने वेरिफिकेशन करके राज्य शासन को सरकारी योजनाओं के तहत याचिकाकर्ताओं का पुनर्वास करने का आदेश दिया है. साथ ही उनके विस्थापन पर फरवरी 2020 तक स्टे लगा दिया है.

बिलासपुर: बापू उप नगर में रेलवे की जमीन पर कई पीढ़ियों से रह रहे 264 परिवारों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उनकी याचिका पर राज्य शासन को पुनर्वास के लिए वेरिफिकेशन करने और सरकारी योजना का लाभ देने का आदेश दिया है. साथ ही 264 कब्जाधारियों को फरवरी 2020 तक हटाने पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

बिलासपुर रेलवे ने 2016 में बाबू उप नगर के 264 परिवारों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने को कहा था. रेलवे के इस नोटिस को परिवार के सदस्य भंवर सेन मोगरे सहित अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा की सिंगल बेंच ने याचिका को निरस्त कर दिया था.

रेलवे की जमीन पर रह रहे परिवार को हाईकोर्ट से राहत

याचिकाकर्ताओं ने की पुनर्वास की मांग
इस आदेश को याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता किशोर नारायण के माध्यम से चुनौती देते हुए अपील याचिका पेश की. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में हुई. कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने पुनर्वास करने की मांग की है. तर्क को सुनने के बाद सोमवार को आए फैसले में कोर्ट ने वेरिफिकेशन करके राज्य शासन को सरकारी योजनाओं के तहत याचिकाकर्ताओं का पुनर्वास करने का आदेश दिया है. साथ ही उनके विस्थापन पर फरवरी 2020 तक स्टे लगा दिया है.

Intro:बिलासपुर बापू उप नगर में रेलवे की जमीन पर कई पीढ़ियों से रह रहे 264 परिवारों को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर राज्य शासन को पुनर्वास के लिए वेरिफिकेशन करने और सरकारी योजना का लाभ देने के लिए आदेशित किया है। साथ ही 264 कब्जाधारियों को फरवरी 2020 तक हटाने पर भी हाईकोर्ट ने रोक लगा दिया है।Body:दरअसल बिलासपुर रेलवे ने 2016 में बाबू उप नगर के 264 परिवारों को नोटिस जारी कर जमीन खाली करने कहा था। इसको परिवार के सदस्य भंवर सेन मोगरे सहित अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दिया। मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रशांत मिश्रा की सिंगल बेंच ने याचिका को निरस्त कर दिया था। इस आदेश को याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता किशोर नारायण के माध्यम से चुनौती देते हुए अपील याचिका प्रस्तुत की। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में हुई। कोर्ट में याचिकाकर्ताओं ने पुनर्वास करने की मांग किया। तर्क को सुनने के बाद सोमवार को आए फैसले में कोर्ट ने वेरिफिकेशन करके राज्य शासन सरकारी को योजनाओं के तहत याचिकाकर्ताओं का पुनर्वास करने का आदेश दिया। साथ ही उनके विस्थापन पर फरवरी 2020 तक स्टे लगा रहेगा।Conclusion:मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में हुई है। जिसमे सभी याचिकाकर्ताओं ने याचिका खारिज होने के बाद रिट अपील की थी।
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