बिलासपुरः नवरात्रि के आखिरी दिन रामनवमी बड़े ही धूम-धाम से मनाई गई. कई जगहों पर शनिवार को ही राम नवमी मनाई गई और कई जगहों पर रविवार को. बिलासपुर की धार्मिक नगरी रतनपुर में महानवमीं के अवसर पर मां महामाया देवी का सात किलो सोने के आभूषणों से श्रृंगार किया गया. मां के इस रूप को देखने के लिए सुबह से ही भक्तों की कतार लगी रही.
बेमेतरा में जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर बैजलपुर संडी में श्री सिध्द शक्तिपीठ मां सिद्धि का दिव्य दरबार है. ऐसी मान्यता है कि इस धाम में आने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. पूरे देश भर के श्रद्धालुओं का यहां दर्शन के लिए तांता लगा रहता है. नवरात्रि में यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई भक्तों के 10 हजार से अधिक मनोकामना ज्योत प्रज्जवलित किये गए हैं. क्षेत्रफल, ज्योति और भक्तों की भीड़ के नाम पर ये मंदिर प्रदेश का तीसरा बड़ा मंदिर है, जो 10 एकड़ से अधिक में फैला है.
बुचीपुर की मां महामाया की ये है माया
बेमेतरा जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर हाफ नदी के तट पर बसे ग्राम बुचीपुर में श्री सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया का दिव्य दरबार है. ये सिध्द स्थल छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों में से एक है. मां महामाया के दर्शन करने यहां देश भर के श्रद्धालु आते हैं. खासतौर पर निसंतान दंपतियों का संतान प्राप्ति के लिए यहां तांता लगा रहता है.
महामाया मंदिर गांव के बीचों बीच बसा है. इनके इर्द गिर्द दर्जनों अन्य मंदिर भी हैं. नवरात्रि के दोनों पर्व में यहां मेला लगा रहता है. महामाया धाम में लगभग 30 सालों से दोनों नवरात्रि पर्व में 9 दिन तक विशाल भंडारे का आयोजन निरतंर चलता आ रहा है. श्री अखण्ड सामूहिक ज्योति वर्षों से यहां प्रज्जवलित की जा रही है. वर्तमान में यहां 2403 मनोकामना ज्योति प्रज्जवलित हैं.
कई बार हो चुका है चमत्कार
मान्यता है कि एक बार बुचीपुर के निकट ग्राम कटई में हैजा का प्रकोप हुआ, जिसमें एक वृद्धा के एकमात्र पुत्र की हैजा से मृत्यु हो गई. वृद्धा ने मां महामाया से प्रार्थना कि मेरे पुत्र के बदले मुझे मृत्यु दे दी जाए. वृद्धा के घर जाते ही पुत्र पुनर्जीवित हो गया और वृद्धा का निधन हो गया. ऐसी संतान प्राप्ति के तमाम चमत्कार आये दिन होते रहते हैं और निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है.