बिलासपुर: बिलासपुर के मस्तूरी थाना क्षेत्र के ग्राम ईटवापाली से 25 अगस्त 2022 की दरम्यानी रात में अज्ञात चोरों ने प्राचीन भांवर गणेश मंदिर में चोरी (thieves of ancient Bhanwar Ganesh idol in bilaspur) की थी. चोरों ने पुजारी महेश राम केंवट को मारपीट करते हुए पिस्टल अड़ाकर पूरे शरीर को टेप से चिपकाकर बंधक बना दिया था. जिसके बाद मंदिर के ताले को सब्बल से तोड़कर ऐतिहासिक मूर्ति को लूट कर फरार हो गये थे. जिससे आसपास इलाके में प्रचीन मुर्ति चोरी होने से हड़कंप मच गया. मामले में मस्तुरी पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी रही. महिनों बाद चोरों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली है. Bilaspur crime news
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दोस्त से मंगाया मूर्ति, चंगुल में आ गये सभी: चौहा गांव के युवराज टंण्डन ने अपने दोस्त मोहताब सुमन को फोन कर मोटर सायकिल में मूर्ति मंगवाई. जैसे ही मोहताब सफेद रंग के झोले में मूर्ति लेकर आया और झोला खोलकर मुर्ति दिखाई, काईम ब्रांच टीम ने घेराबंदी कर युवराज और मोहताब को अपने कब्बे में लिया. पुलिस ने कड़ाई से पुछताछ किया, तो दोनों ने अपने तीन अन्य दोस्तों के साथ पैसे के लालच में घटना को अंजाम देना स्वीकार किया.
दो गांव के अलग अलग तलाब में छुपाया था मूर्ति: मस्तुरी पुलिस लगातार मूर्ति की तलाश में परेशान थी. चारों तरफ नाके बंदी और खोजबीन में बिलासपुर पुलिस लगी थी. बावजूद किसी प्रकार चोरों का पता नहीं चल पा रहा था. इससे पुलिस को लोकल लोगों के हाथ होने का शक हुआ. पकड़े गए युवकों से पुलिस ने मुर्ती चोरी कर छिपाये गये जगह की जानकारी ली, तो पता चला की चोरो ने ग्रेनाइट की प्राचीन मुर्ती को पहले नवागांव के तलाब में कुछ दिन छुपाया. जिसके बाद पकड़े जाने के डर से वहां से निकालकर टिकारी गांव के तलाब मे छुपाया था. ग्रामीणों के अनुसार इससे पहले भी यह मुर्ती दो बार चोरी हुई थी, जिसे चोरों ने वापस मंदिर पर ही लाकर स्थापित कर दिया था.
चार लोगों को मस्तुरी पुलिस ने गिरफ्तार, एक फरार: इस मामले में चार लोगों को मस्तुरी पुलिस ने गिरफ्तार किया है. वही अतूल भार्गव नाम का युवक फरार बताया जा रहा है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है. इनके पास से भगवान भांवर गणेश की खण्डित मूर्ति के चार टुकड़े मिले हैं. वहीं चांदी की मुकुट 31 टुकड़ें में, एक चिड़ियामार पिस्टल और सब्बल के साथ ही घटना में उपयोग दो बाईक पुलिस को मिली है. पुलिस ने इस मामले में पता देने वालों के लिए पहले ईनाम की घोषणा की थी. बहरहाल ऐसे प्राचीन ऐतिहासिक मंदिर, मूर्ति और धरोहरों को सुरक्षित रखने पुलिस प्रशासन व आम लोगों को भी ध्यान देने की जरूरत है.