बिलासपुर : छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 को संविधान के विरुद्ध होने को लेकर उच्च न्यायालय में दाखिल रिट याचिका पर चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और न्यायमूर्ति पी पी साहू की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई की. बैंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.
क्यों लगाई याचिका ?
यचिककर्ता पुनेश्वर नाथ मिश्रा ने वर्तमान में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत में 50 प्रतिशत की सीमा के ज्यादा सीटें आरक्षित किए जाने को विधि विरुद्ध बताते हुए याचिका दाखिल की है. साथ ही पंचायती राज अधिनियम की धारा 13(4)(ii), धारा 17, 23, 25, 32 और 129(E) को निरस्त करने का आग्रह किया है.
याचिका के माध्यम से पिछड़े वर्ग के नागरिकों को आरक्षण में अल्पसंख्यक, ऐसिड अटैक सर्वाइवर, महिला, थर्ड जेंडर, एंग्लो इंडियन आदि को राजनीतिक रूप से पिछड़ा मानते हुए चुनाव में आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है. पुनेश्वर नाथ मिश्रा की ओर से अधिवक्ता रोहित शर्मा ने याचिका लगाई थी.