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पंचायती राज अधिनियम को लेकर लगी याचिका पर सुनवाई, HC ने शासन से मांगा जवाब - शासन को जवाब के निर्देश

यचिककर्ता पुनेश्वर नाथ मिश्रा ने वर्तमान में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत में 50 प्रतिशत से ज्यादा सीटें आरक्षित किए जाने को विधि विरुद्ध बताते हुए याचिका दाखिल की है.

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Published : Jan 15, 2020, 9:24 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 को संविधान के विरुद्ध होने को लेकर उच्च न्यायालय में दाखिल रिट याचिका पर चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और न्यायमूर्ति पी पी साहू की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई की. बैंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.

त्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम पर HC में याचिका

क्यों लगाई याचिका ?
यचिककर्ता पुनेश्वर नाथ मिश्रा ने वर्तमान में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत में 50 प्रतिशत की सीमा के ज्यादा सीटें आरक्षित किए जाने को विधि विरुद्ध बताते हुए याचिका दाखिल की है. साथ ही पंचायती राज अधिनियम की धारा 13(4)(ii), धारा 17, 23, 25, 32 और 129(E) को निरस्त करने का आग्रह किया है.

याचिका के माध्यम से पिछड़े वर्ग के नागरिकों को आरक्षण में अल्पसंख्यक, ऐसिड अटैक सर्वाइवर, महिला, थर्ड जेंडर, एंग्लो इंडियन आदि को राजनीतिक रूप से पिछड़ा मानते हुए चुनाव में आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है. पुनेश्वर नाथ मिश्रा की ओर से अधिवक्ता रोहित शर्मा ने याचिका लगाई थी.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 को संविधान के विरुद्ध होने को लेकर उच्च न्यायालय में दाखिल रिट याचिका पर चीफ जस्टिस पी आर रामचंद्र मेनन और न्यायमूर्ति पी पी साहू की खंडपीठ ने बुधवार को सुनवाई की. बैंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते में जवाब मांगा है.

त्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम पर HC में याचिका

क्यों लगाई याचिका ?
यचिककर्ता पुनेश्वर नाथ मिश्रा ने वर्तमान में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत और जिला पंचायत में 50 प्रतिशत की सीमा के ज्यादा सीटें आरक्षित किए जाने को विधि विरुद्ध बताते हुए याचिका दाखिल की है. साथ ही पंचायती राज अधिनियम की धारा 13(4)(ii), धारा 17, 23, 25, 32 और 129(E) को निरस्त करने का आग्रह किया है.

याचिका के माध्यम से पिछड़े वर्ग के नागरिकों को आरक्षण में अल्पसंख्यक, ऐसिड अटैक सर्वाइवर, महिला, थर्ड जेंडर, एंग्लो इंडियन आदि को राजनीतिक रूप से पिछड़ा मानते हुए चुनाव में आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है. पुनेश्वर नाथ मिश्रा की ओर से अधिवक्ता रोहित शर्मा ने याचिका लगाई थी.

Intro:यचिककर्ता पुनेश्वर नाथ मिश्रा ने छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम 1993 को संविधान के विरुध होने को लेकर रिट याचिका अधिवक्ता रोहित शर्मा के माध्यम से प्रस्तूत की है।आज मुख्य न्यायमुर्ति पी आर रामचंद्र मेनन एवं न्यायमूर्ति पी पी साहु की खण्डपीठ मे सुनवाई हुई ।

Body:याचिकर्ता द्वारा वर्तमान मे ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत एवं जिला पंचायत मे 50 प्रतिशत की सीमा के परे सीटे आरक्षित किये जाने को विधि विरुध बताते हुए याचिका प्रस्तूत की है, वा पंचायती राज अधिनियम के धारा 13(4)(ii), धारा 17, 23, 25, 32 एवं 129(E) को निरस्त करने का आग्रह किया है।Conclusion:उक्त याचिका के माध्यम से यह भी मांग की गई है की पिछड़े वर्ग के नागरिको को आरक्षण मे अल्पसंख्यक, ऐसिड अटेक सरवाईवर , महिला, 3rd जेंडर, अन्ग्लो इंडियन आदी को राजनीतिक रुप से पिछड़ा मानते हुए चुनाव मे आरक्षण का लाभ देने की मांग की गई है।खंडपीठ ने राज्य को नोटिस जारी करते हुए 4 सप्ताह मे जवाब प्रस्तूत करने हेतु निर्देशित किया है।
Byte-advocate rohit sharma
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