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बिलासपुर: पढ़ाई और करियर को लेकर बेटियां ज्यादा जागरूक - बिलासपुर में बेटियां नाम रोशन कर रही है

बिलासपुर के कॉलेज में छात्राओं का प्रतिशत ज्यादा है. आंकड़ों के मुताबिक अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के 195 कॉलेजों में आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स में छात्राओं की संख्या ज्यादा है.

Percentage of girl students in the college of Bilaspur is high
कॉलेज की पढ़ाई में लड़कियों का दबदबा
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Published : Mar 24, 2021, 6:45 PM IST

Updated : Mar 24, 2021, 7:57 PM IST

बिलासपुर: कभी पढ़ने, लिखने और नौकरी करने को लेकर समाज में पुरुषों का ही एकाधिकार माना जाता था. कम लड़कियां ही कॉलेज का मुंह देख पाती थीं. लेकिन वक्त बदला और अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों ने अपना दबदबा साबित किया. जीवन के हर क्षेत्र में बेटियां अपना परचम लहरा रहीं हैं. बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के शासकीय कॉलेजों के आंकड़े इसी बात की गवाही दे रहे हैं.

बिलासपुर की बेटियां करियर को लेकर ज्यादा जागरूक

बेटियां, बेटों की तुलना में ज्यादा जागरूक

बिलासपुर के अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के इस सत्र की बात करें तो इस सत्र में कुल 1 लाख 1 हजार छात्रों ने तो कुल 1 लाख 8 हजार छात्राओं ने परीक्षा के लिए आवेदन किया है. इस तरह संभाग के दो जिलों के 12 शासकीय कॉलेजों में दर्ज आंकड़ों में छात्रों और छात्राओं के अनुपात में जमीन-आसमान का फर्क देखा जा रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के 195 कॉलेजों में आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स में भी छात्राओं ने बाजी मार ली है. ये तमाम आंकड़े बतातें है कि बेटियां, बेटों की तुलना में ज्यादा जागरूक हैं.

Percentage of girl students in the college of Bilaspur is high
बिलासपुर के कॉलेज

एक नजर डालते हैं बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के शासकीय कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या पर

कॉलेज छात्रछात्राएंकुल संख्या
बिल्हा गवर्नमेंट कॉलेज7137601473
रतनपुर गवर्नमेंट कॉलेज7188681586
सीपत गवर्नमेंट कॉलेज300408708
पेंड्रा गवर्नमेंट कॉलेज62411511775
पेंड्रारोड गवर्नमेंट कॉलेज179507686
कोटा गवर्नमेंट कॉलेज5807641344
तखतपुर गवर्नमेंट कॉलेज7106691379
मस्तूरी गवर्नमेंट कॉलेज383494877

मस्तूरी गवर्नमेंट कॉलेज में 6 थर्ड जेंडर की छात्राएं भी है.

Percentage of girl students in the college of Bilaspur is high
कॉलेज में छात्रों का प्रतिशत ज्यादा

बिलासपुर जिले के कॉलेज

बिलासपुर गवर्नमेंट साइंस कॉलेज 8133681181
जे पी वर्मा कॉलेज172812883016

आंकड़े देखे तो बिलासपुर जिले के कॉलेज से ज्यादा गौरेला पेंड्रा मरवाही में छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है. बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कॉलेज में कुछ छात्र-छात्राओं की संख्या देखें तो.

टोटल छात्र- 6748
टोटल छात्राएं- 12634

छात्राओं की अटेंडेंस ज्यादा
इस संदर्भ में ETV भारत ने कॉलेज प्राध्यापकों से बात की. कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ के के अग्रवाल बताते हैं कि पढ़ने में लड़कियां तो आगे हैं ही, अपने काम को लेकर सिन्सियर भी हैं. छात्राओं को अब अपने पैरों पर खड़ा होने का क्रेज बढ़ा है. यहीं वजह है कि छात्राएं स्कूल के बाद भी आगे पढ़ाई जारी रख रही है. सीनियर प्रोफेसर डॉ एम के पांडेय का कहना है कि पहले घरवाले समाज में फैले क्राइम और डर की वजह से अपनी बच्चियों को घर से बाहर भेजने में डरते थे. लेकिन अब माहौल बदला है. इस वजह से घरवाले अपनी बेटियों को कॉलेज भेज रहे हैं.

प्रैक्टिकल के लिए आए स्टुडेंट्स और हॉस्टल के छात्रों में मारपीट

'भविष्य को लेकर छात्राएं ज्यादा गंभीर'

सीनियर प्रोफेसर डॉ वंदना तिवारी ने ये बताया कि दूर-दूर से आने वाले छात्राओं की संख्या भी बढ़ी है. छात्रों के मुकाबले छात्राएं अपने भविष्य और करियर के लिए ज्यादा गंभीर है. इसी का नतीजा है कि कॉ़लेज में छात्राएं ज्यादा पहुंच रही है. खास बात ये भी है कि लड़कियों को अब पहले से ज्यादा पारिवारिक सपोर्ट मिल रहा है. कॉलेज स्टॉफ डीपी कर्ष ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि छात्राएं पढ़ने में आगे हैं. ना सिर्फ पढ़ने बल्कि दूसरी एक्टिविटी में भी वे आगे हैं.

ऑफलाइन क्लास के दौरान भी छात्राओं की उपस्थिति ज्यादा रही

अतिथि शिक्षकों ने बताया कि ऑफलाइन क्लास के दौरान भी छात्रों की संख्या ही ज्यादा होती थी. इस समय ऑनलाइन क्लासेस चल रही है. जिसमें 60 प्रतिशत अटेंडेंस छात्राओं की ही होती है. कई प्रोफेसर ने बताया कि पहले की तुलना में ज्यादा छात्राएं जागरूक हुई है. कॉलेज आनेवाले छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

लड़कियों को घरवालों का मिल रहा सपोर्ट

छात्राओं ने बताया कि उनके घरवाले भी यही चाहते हैं कि वे पढ़े और अपने पैरों पर खड़े हो. छात्रों ने ETV भारत से बात की. उन्होंने बताया कि वे प्रोफेसर बनना चाहती है. वहीं कुछ छात्राओं का मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने का मन है.

बिलासपुर: कभी पढ़ने, लिखने और नौकरी करने को लेकर समाज में पुरुषों का ही एकाधिकार माना जाता था. कम लड़कियां ही कॉलेज का मुंह देख पाती थीं. लेकिन वक्त बदला और अब उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेटियों ने अपना दबदबा साबित किया. जीवन के हर क्षेत्र में बेटियां अपना परचम लहरा रहीं हैं. बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के शासकीय कॉलेजों के आंकड़े इसी बात की गवाही दे रहे हैं.

बिलासपुर की बेटियां करियर को लेकर ज्यादा जागरूक

बेटियां, बेटों की तुलना में ज्यादा जागरूक

बिलासपुर के अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के इस सत्र की बात करें तो इस सत्र में कुल 1 लाख 1 हजार छात्रों ने तो कुल 1 लाख 8 हजार छात्राओं ने परीक्षा के लिए आवेदन किया है. इस तरह संभाग के दो जिलों के 12 शासकीय कॉलेजों में दर्ज आंकड़ों में छात्रों और छात्राओं के अनुपात में जमीन-आसमान का फर्क देखा जा रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के 195 कॉलेजों में आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स में भी छात्राओं ने बाजी मार ली है. ये तमाम आंकड़े बतातें है कि बेटियां, बेटों की तुलना में ज्यादा जागरूक हैं.

Percentage of girl students in the college of Bilaspur is high
बिलासपुर के कॉलेज

एक नजर डालते हैं बिलासपुर और गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के शासकीय कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की दर्ज संख्या पर

कॉलेज छात्रछात्राएंकुल संख्या
बिल्हा गवर्नमेंट कॉलेज7137601473
रतनपुर गवर्नमेंट कॉलेज7188681586
सीपत गवर्नमेंट कॉलेज300408708
पेंड्रा गवर्नमेंट कॉलेज62411511775
पेंड्रारोड गवर्नमेंट कॉलेज179507686
कोटा गवर्नमेंट कॉलेज5807641344
तखतपुर गवर्नमेंट कॉलेज7106691379
मस्तूरी गवर्नमेंट कॉलेज383494877

मस्तूरी गवर्नमेंट कॉलेज में 6 थर्ड जेंडर की छात्राएं भी है.

Percentage of girl students in the college of Bilaspur is high
कॉलेज में छात्रों का प्रतिशत ज्यादा

बिलासपुर जिले के कॉलेज

बिलासपुर गवर्नमेंट साइंस कॉलेज 8133681181
जे पी वर्मा कॉलेज172812883016

आंकड़े देखे तो बिलासपुर जिले के कॉलेज से ज्यादा गौरेला पेंड्रा मरवाही में छात्राओं की संख्या छात्रों से ज्यादा है. बिलासपुर और गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कॉलेज में कुछ छात्र-छात्राओं की संख्या देखें तो.

टोटल छात्र- 6748
टोटल छात्राएं- 12634

छात्राओं की अटेंडेंस ज्यादा
इस संदर्भ में ETV भारत ने कॉलेज प्राध्यापकों से बात की. कॉलेज के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ के के अग्रवाल बताते हैं कि पढ़ने में लड़कियां तो आगे हैं ही, अपने काम को लेकर सिन्सियर भी हैं. छात्राओं को अब अपने पैरों पर खड़ा होने का क्रेज बढ़ा है. यहीं वजह है कि छात्राएं स्कूल के बाद भी आगे पढ़ाई जारी रख रही है. सीनियर प्रोफेसर डॉ एम के पांडेय का कहना है कि पहले घरवाले समाज में फैले क्राइम और डर की वजह से अपनी बच्चियों को घर से बाहर भेजने में डरते थे. लेकिन अब माहौल बदला है. इस वजह से घरवाले अपनी बेटियों को कॉलेज भेज रहे हैं.

प्रैक्टिकल के लिए आए स्टुडेंट्स और हॉस्टल के छात्रों में मारपीट

'भविष्य को लेकर छात्राएं ज्यादा गंभीर'

सीनियर प्रोफेसर डॉ वंदना तिवारी ने ये बताया कि दूर-दूर से आने वाले छात्राओं की संख्या भी बढ़ी है. छात्रों के मुकाबले छात्राएं अपने भविष्य और करियर के लिए ज्यादा गंभीर है. इसी का नतीजा है कि कॉ़लेज में छात्राएं ज्यादा पहुंच रही है. खास बात ये भी है कि लड़कियों को अब पहले से ज्यादा पारिवारिक सपोर्ट मिल रहा है. कॉलेज स्टॉफ डीपी कर्ष ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि छात्राएं पढ़ने में आगे हैं. ना सिर्फ पढ़ने बल्कि दूसरी एक्टिविटी में भी वे आगे हैं.

ऑफलाइन क्लास के दौरान भी छात्राओं की उपस्थिति ज्यादा रही

अतिथि शिक्षकों ने बताया कि ऑफलाइन क्लास के दौरान भी छात्रों की संख्या ही ज्यादा होती थी. इस समय ऑनलाइन क्लासेस चल रही है. जिसमें 60 प्रतिशत अटेंडेंस छात्राओं की ही होती है. कई प्रोफेसर ने बताया कि पहले की तुलना में ज्यादा छात्राएं जागरूक हुई है. कॉलेज आनेवाले छात्राओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

लड़कियों को घरवालों का मिल रहा सपोर्ट

छात्राओं ने बताया कि उनके घरवाले भी यही चाहते हैं कि वे पढ़े और अपने पैरों पर खड़े हो. छात्रों ने ETV भारत से बात की. उन्होंने बताया कि वे प्रोफेसर बनना चाहती है. वहीं कुछ छात्राओं का मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने का मन है.

Last Updated : Mar 24, 2021, 7:57 PM IST
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