गौरेला पेंड्रा मरवाही : जिले के ग्रामीण इलाकों में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के पौष्टिक आहार के नाम पर स्वादिष्ट चना के पैकेट में कंकड़ पत्थर मिलने की शिकायत आई (pebbles found in gram of gaurela) है. जिसके बाद अब खाद्य विभाग के अधिकारी वितरित किए गए चने के पैकेट बदलने की बात कह रहे हैं. इन चने के पैकेट्स को खोलने पर जो चना निकला, वो गंदगी और कचरे से भरा था.
क्यों की गई थी चना वितरण योजना शुरु : गरीबों की थाली में कम दर पर प्रोटीन युक्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राशन दुकानों में चना वितरण की व्यवस्था शुरू की थी. योजना के तहत गरीब हितग्राहियों को कम कीमत पर स्वादिष्ट चना उपलब्ध कराया जा रहा है. नागरिक आपूर्ति निगम की जिम्मेदारी उच्च गुणवत्ता युक्त साफ चना उपलब्ध कराने की है. वह अपनी जिम्मेदारी में पूरी तरह फेल नजर आ रहा (pebbles in government ration in gaurela) है.
गरीबों की थाली में कचरा : गरीब हितग्राहियों को फिलहाल जो चना वितरित किया जा रहा है, वो कचरा युक्त है. चने के पैकेट में न सिर्फ भुट्टे के दाने हैं बल्कि लकड़ी के डंठल , मिट्टी, कंकड़ के साथ तिवरे की मिलावट भी नजर आती है. पैकेट खोलने के बाद हितग्राही उसे सीधे सिर्फ धोकर नहीं खा सकते. उसे लगातार साफ करना पड़ता है. फिलहाल इस प्रकार का चना बैगा आदिवासी क्षेत्र में ज्यादा बांटा जा रहा है. गौरेला विकासखंड के अंतर्गत आने वाले बैगा बाहुल्य ग्राम आमानाला, ठाड़पथरा इलाके में इस प्रकार का चना बांटा जा रहा है. बैगा आदिवासियों का कहना है कि ''पिछले दो तीन महीने से इसी प्रकार का गंदा, मिट्टी, कंकड़ और कचरे युक्त चना वितरित किया जा रहा है.''
अधिकारियों ने दिए चना बदलने के निर्देश : सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा निम्न गुणवत्ता का कचरा, मिट्टी, कंकड़ युक्त चना वितरित किए जाने की बात जिले के खाद्य अधिकारी तक पहुंची. इसके बाद उन्होंने नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों को फोन पर निर्देशित करते हुए सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से चना बदलने के लिए कहा है. लेकिन हितग्राहियों को वितरित किया जा चुका चना कैसे बदला जाएगा, इसका जवाब उनके पास भी नहीं था.
अधिकारी कर रहे हैं खेल! : गरीब हितग्राहियों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले खाद्यान्न की क्वालिटी कंट्रोल के लिए अलग अलग स्तर पर क्वालिटी कंट्रोलर हैं. लेकिन जिस क्वालिटी का चना खरीदा गया है, उससे कई सवाल उठ रहे हैं.