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Paddy purchase in chhattisgarh: धान खरीदी केन्द्र की व्यवस्था बदहाल, बारदाना की कमी का संकट भी बरकरार

बिलासपुर किसानों से समर्थन (Bilaspur farmers) मूल्य पर धान की खरीदी (paddy purchase in chhattisgarh)1 दिसंबर से शुरू हो रही है. इसके पूर्व जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, मार्कफेड का अमला उपार्जन केन्द्रों की व्यवस्था का जायजा (Markfed also dealing with gunny bag) लेने के लिए मौके पर पहुंच रहा है और व्यवस्था दुरुस्त होने की बात कहते हुए अपने दायित्व से पीछे हट रहे हैं.

Supplies of burdana may increase the problems of farmers
बारदाने की कमी
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Published : Nov 26, 2021, 8:49 PM IST

Updated : Nov 26, 2021, 11:08 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार (paddy purchase in chhattisgarh) 1 दिसंबर से धान खरीदी प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. किसान (Bilaspur farmers) खेतों से धान की फसल अब काटकर खलिहान और सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने लगे हैं. किसान बेसब्री से 1 दिसम्बर का इंतजार कर रहे हैं. किसान अपनी मेहनत से उगाए हुए फसल को बेचने को धान खरीदी केंद्र पहुंचेंगे.

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी

धान खरीदी नियम के अनुसार किसान अपनी फसल को धान खरीदी केंद्र तक लेकर जाएंगे. वहां टोकन लेकर धान सोसाइटी में बेचेंगे, लेकिन अगर धान खरीदी केंद्रों (Paddy procurement centers) की बात करें तो यहां अव्यवस्था फैली हुई है. या यूं कहें कि अव्यवस्था का अंबार लगा हुआ है. हालांकि धान खरीदने के बाद जो व्यवस्था रखने के लिए की गई है, वहां न तो चबूतरा है और न ही शेड है. यहां तक कि कवरिंग के लिए कवर तक नहीं है. ऐसे में यदि कभी भी बारिश हुई तो खुले में रखा धान भींग कर सड़ जाएगा.

खोखला साबित हो रहा अधिकारियों का दावा

इसके इतर, अधिकारियों का दावा है कि व्यवस्था करने समितियों को निर्देशित कर दिया गया है जबकि इस दौरान केंद्रों में फड़, चबूतरा, पानी निकासी, कैप कवहर, काटातार की मौजूदा व्यवस्था बिल्कुल खराब है. वहीं, मार्कफेड भी बारदाना संकट से निपटने (Markfed also dealing with gunny bag) के लिए कई जगहों से बारदाने के आपूर्ति में जुट गया है. विभाग का दावा है कि 30 प्रतिशत बारदाना सोसायटियों में भेज दिया जाएगा, जबकि धरातल पर देखे तो बारदाना उतना नहीं पहुचा है. जितने कि जरूरत हैं. अधिकारी बार-बार दावा कर रहे है कि 1 दिसंबर से पहले सभी व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी.

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पंजीकृत किसानों की संख्या 10 हजार से अधिक बढ़ी
दरअसल, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरु हो रहा है. सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान खरीदी के लक्ष्य को बढ़ाया है. वहीं जिले में किसानों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. बताया जा रहा है कि इस बार पंजीकृत किसानों की संख्या 10 हजार से अधिक बढ़ गई है. एक नवीन केंद्र के साथ जिले के 125 उपार्जन केन्द्रों से खरीदी होगी. वहीं, बारदाना संकट से किसान पिछले एक दो सालो से जूझ रहे हैं. इस बार भी बरदाना आपूर्ति को लेकर मचे घमासान से संकट आना भी तय माना जा रहा है.

बारदाने को लेकर संकट

विभाग का दावा है कि 50 फीसद बारदाना मौजूद है. शेष की व्यवस्था भी हो जाएगी. 30 फीसद बारदाना सोसायटियों में पहुंचा दिया जाएगा. वर्तमान में मार्कफेड बारदाना संकट से इंकार कर रहा है. उसका दावा है कि बारदाना संकंट इस बार नहीं होगा. हालांकि इस दावे की असलियत अब धीरे-धीरे सबके सामने आ रही है. क्योंकि 1 दिसंबर से खरीदी होनी है और मात्र 30 प्रतिशत ही केंद्रों में बारदाना है. वह भी पुराने हैं, जो पहले से ही खराब स्थिति में है.

किसानों की लगातार बढ़ रही चिंता

ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि उनके पास पहले ही बारदाना नहीं है. अपने धान को रखने के लिए उसपर सरकार 25 फीसद किसानों को अपने बारदाना देने को कह रही है. ऐसे में किसान मुश्किल में पड़ते जा रहे है.आने वाले समय में धान खरीदी को लेकर काफी मुश्किलें सामने आने वाली है. एक तो धान खरीदी केंद्रों की व्यवस्था सही नहीं है. ऊपर से बारदाना की कमी किसानों के अंदर आक्रोश पैदा कर सकती है.

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ सरकार (paddy purchase in chhattisgarh) 1 दिसंबर से धान खरीदी प्रक्रिया शुरू करने जा रही है. किसान (Bilaspur farmers) खेतों से धान की फसल अब काटकर खलिहान और सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने लगे हैं. किसान बेसब्री से 1 दिसम्बर का इंतजार कर रहे हैं. किसान अपनी मेहनत से उगाए हुए फसल को बेचने को धान खरीदी केंद्र पहुंचेंगे.

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी

धान खरीदी नियम के अनुसार किसान अपनी फसल को धान खरीदी केंद्र तक लेकर जाएंगे. वहां टोकन लेकर धान सोसाइटी में बेचेंगे, लेकिन अगर धान खरीदी केंद्रों (Paddy procurement centers) की बात करें तो यहां अव्यवस्था फैली हुई है. या यूं कहें कि अव्यवस्था का अंबार लगा हुआ है. हालांकि धान खरीदने के बाद जो व्यवस्था रखने के लिए की गई है, वहां न तो चबूतरा है और न ही शेड है. यहां तक कि कवरिंग के लिए कवर तक नहीं है. ऐसे में यदि कभी भी बारिश हुई तो खुले में रखा धान भींग कर सड़ जाएगा.

खोखला साबित हो रहा अधिकारियों का दावा

इसके इतर, अधिकारियों का दावा है कि व्यवस्था करने समितियों को निर्देशित कर दिया गया है जबकि इस दौरान केंद्रों में फड़, चबूतरा, पानी निकासी, कैप कवहर, काटातार की मौजूदा व्यवस्था बिल्कुल खराब है. वहीं, मार्कफेड भी बारदाना संकट से निपटने (Markfed also dealing with gunny bag) के लिए कई जगहों से बारदाने के आपूर्ति में जुट गया है. विभाग का दावा है कि 30 प्रतिशत बारदाना सोसायटियों में भेज दिया जाएगा, जबकि धरातल पर देखे तो बारदाना उतना नहीं पहुचा है. जितने कि जरूरत हैं. अधिकारी बार-बार दावा कर रहे है कि 1 दिसंबर से पहले सभी व्यवस्था दुरुस्त कर ली जाएगी.

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पंजीकृत किसानों की संख्या 10 हजार से अधिक बढ़ी
दरअसल, समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 दिसंबर से शुरु हो रहा है. सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष धान खरीदी के लक्ष्य को बढ़ाया है. वहीं जिले में किसानों की संख्या में भी वृद्धि हुई है. बताया जा रहा है कि इस बार पंजीकृत किसानों की संख्या 10 हजार से अधिक बढ़ गई है. एक नवीन केंद्र के साथ जिले के 125 उपार्जन केन्द्रों से खरीदी होगी. वहीं, बारदाना संकट से किसान पिछले एक दो सालो से जूझ रहे हैं. इस बार भी बरदाना आपूर्ति को लेकर मचे घमासान से संकट आना भी तय माना जा रहा है.

बारदाने को लेकर संकट

विभाग का दावा है कि 50 फीसद बारदाना मौजूद है. शेष की व्यवस्था भी हो जाएगी. 30 फीसद बारदाना सोसायटियों में पहुंचा दिया जाएगा. वर्तमान में मार्कफेड बारदाना संकट से इंकार कर रहा है. उसका दावा है कि बारदाना संकंट इस बार नहीं होगा. हालांकि इस दावे की असलियत अब धीरे-धीरे सबके सामने आ रही है. क्योंकि 1 दिसंबर से खरीदी होनी है और मात्र 30 प्रतिशत ही केंद्रों में बारदाना है. वह भी पुराने हैं, जो पहले से ही खराब स्थिति में है.

किसानों की लगातार बढ़ रही चिंता

ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि उनके पास पहले ही बारदाना नहीं है. अपने धान को रखने के लिए उसपर सरकार 25 फीसद किसानों को अपने बारदाना देने को कह रही है. ऐसे में किसान मुश्किल में पड़ते जा रहे है.आने वाले समय में धान खरीदी को लेकर काफी मुश्किलें सामने आने वाली है. एक तो धान खरीदी केंद्रों की व्यवस्था सही नहीं है. ऊपर से बारदाना की कमी किसानों के अंदर आक्रोश पैदा कर सकती है.

Last Updated : Nov 26, 2021, 11:08 PM IST
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