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GPM Dhan tihar: टोकन तुंहर हाथ एप के साथ पुरानी व्यवस्था से भी मिलेगा टोकन

paddy procurement centers of Gaurela गौरेला पेंड्रा मरवाही में धान खरीदी के लिए 18 केंद्र बनाए गए हैं. प्रशासन ने 78000 मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. जिसके लिए 20 लाख बारदानों की जरूरत होगी. हालांकि अभी आधे बारदाने ही जमा हो पाए हैं. Paddy purchase in Gaurela Pendra Marwahi

GPM Dhan tihar
गौरेला पेंड्रा मरवाही में धान खरीदी केंद्र
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Published : Nov 1, 2022, 1:17 PM IST

गौरेला पेंड्रा मरवाही: मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाके से सटे छत्तीसगढ़ के गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले के धान खरीदी केंद्रों में एमपी का धान ना आ सके इसे देखते हुए प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था खरीदी केंद्रों में बना रखी है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में इस बार लगभग 78 हजार मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके लिए लगभग 20 लाख बारदानों की आवश्यकता होगी. निर्धारित लक्ष्य से लगभग आधे ही बारदाने अभी तक समितियों में संग्रहित किए गए हैं. इस बार जूट बारदानों के साथ प्लास्टिक बारदानों में भी धान खरीदी की जाएगी.

जीपीएम के 18 केंद्रों में धान खरीदी: धान खरीदी के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में 18 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. ज्यादातर केंद्रों में 50-50 गठान के बारदाने संग्रहित कर दिए गए हैं, प्रशासन ने इस बार 78000 मीट्रिक टन धान खरीदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके लिए लगभग 20 लाख बारदानों की आवश्यकता होगी. जिसमें मार्केटिंग फेडरेशन के बाद कुल 1300 गठान बारदाने ही मौजूद है. लगभग 10 लाख बारदाने मिलरों से लिए जाएगें जो पुराने होंगे. जिसमें 5 लाख जूट बारदाने और 5 लाख प्लास्टिक बारदाने मिलर धान खरीदी के लिए संग्रहण केंद्रों में पहुंचाएंगे. पीडीएस दुकानों से भी पुराने बारदाने एकत्रित किए जा रहे हैं. जिनमें भी धान खरीदी की जाएगी.

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की तैयारियां पूरी, धान उपार्जन केंद्रों पर ऐसे हैं इंतजाम

टोकन तुंहर हाथ एप के साथ पुरानी व्यवस्था से भी मिलेगा टोकन: राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों के पंजीयन एवं सुगंधित किस्म के धान लगाने की वजह से इस बार कुछ किसानों का रकबा कटा है. इसके अलावा प्रशासन ने लगातार धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के लिए अलग-अलग स्तर पर टीमें बना रखी है. जो लगातार खरीदी केंद्रों की निगरानी निरीक्षण के साथ-साथ डेली स्टेटस रिपोर्ट प्रशासन को उपलब्ध कराएगी. इस बार किसानों का धान बेचना आसान करने के लिए प्रशासन ने टोकन तुंहर हाथ एप भी लॉन्च किया है. जिसके माध्यम से किसान घर बैठे ही अपना पंजीयन धान संग्रहण केंद्रों में करा सकेंगे. इसके साथ-साथ पुरानी व्यवस्था भी लागू रहेगी. जिसमें किसान समिति में पहुंचकर अपना टोकन कटवा सकेंगे.


गौरेला पेंड्रा मरवाही: मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाके से सटे छत्तीसगढ़ के गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले के धान खरीदी केंद्रों में एमपी का धान ना आ सके इसे देखते हुए प्रशासन ने चाक चौबंद व्यवस्था खरीदी केंद्रों में बना रखी है. गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में इस बार लगभग 78 हजार मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके लिए लगभग 20 लाख बारदानों की आवश्यकता होगी. निर्धारित लक्ष्य से लगभग आधे ही बारदाने अभी तक समितियों में संग्रहित किए गए हैं. इस बार जूट बारदानों के साथ प्लास्टिक बारदानों में भी धान खरीदी की जाएगी.

जीपीएम के 18 केंद्रों में धान खरीदी: धान खरीदी के लिए गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में 18 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. ज्यादातर केंद्रों में 50-50 गठान के बारदाने संग्रहित कर दिए गए हैं, प्रशासन ने इस बार 78000 मीट्रिक टन धान खरीदी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके लिए लगभग 20 लाख बारदानों की आवश्यकता होगी. जिसमें मार्केटिंग फेडरेशन के बाद कुल 1300 गठान बारदाने ही मौजूद है. लगभग 10 लाख बारदाने मिलरों से लिए जाएगें जो पुराने होंगे. जिसमें 5 लाख जूट बारदाने और 5 लाख प्लास्टिक बारदाने मिलर धान खरीदी के लिए संग्रहण केंद्रों में पहुंचाएंगे. पीडीएस दुकानों से भी पुराने बारदाने एकत्रित किए जा रहे हैं. जिनमें भी धान खरीदी की जाएगी.

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टोकन तुंहर हाथ एप के साथ पुरानी व्यवस्था से भी मिलेगा टोकन: राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों के पंजीयन एवं सुगंधित किस्म के धान लगाने की वजह से इस बार कुछ किसानों का रकबा कटा है. इसके अलावा प्रशासन ने लगातार धान खरीदी केंद्रों में निगरानी के लिए अलग-अलग स्तर पर टीमें बना रखी है. जो लगातार खरीदी केंद्रों की निगरानी निरीक्षण के साथ-साथ डेली स्टेटस रिपोर्ट प्रशासन को उपलब्ध कराएगी. इस बार किसानों का धान बेचना आसान करने के लिए प्रशासन ने टोकन तुंहर हाथ एप भी लॉन्च किया है. जिसके माध्यम से किसान घर बैठे ही अपना पंजीयन धान संग्रहण केंद्रों में करा सकेंगे. इसके साथ-साथ पुरानी व्यवस्था भी लागू रहेगी. जिसमें किसान समिति में पहुंचकर अपना टोकन कटवा सकेंगे.


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