बिलासपुर: कृषि विभाग के अधिकारियों ने मस्तूरी विकासखंड में स्थित कृषि केंद्रों और उर्वरक दुकानों का गुरुवार को औचक निरीक्षण किया. इस दौरान अनियमितता पाए जाने पर दुकानदारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.
कृषि उप संचालक (बिलासपुर) ने बताया कि जिले के मस्तूरी विकासखंड में प्राईवेट कृषि केंद्रों में लापरवाही बरतने की शिकायत मिल रही थी. कीटनाशकों और उर्वरकों को अधिक मूल्य में विक्रय करने, क्रेताओं को कैश/क्रेडिट मेमो अथवा रसीद न होना और कीटनाशकों के साथ ही उर्वरकों के भण्डारण संबंधी नियमों के पालन न करने के संबंध में लगातार मैदानी अम्लों से और किसानों से शिकायत प्राप्त हो रही थी, जिसकी जांच के लिए निरीक्षण किया गया.
निर्धारित विक्रय दर का प्रदर्शन नहीं किया गया
निरीक्षण में पाया गया कि कीटनाशक विक्रय करने वाले कृषि केंद्रों जैसे कृषि स्वास्थ्य केन्द्र मल्हार, देवांगन कृषि केन्द्र मल्हार, कैवत्र्य कृषि केन्द्र मल्हार, राय कृषि केन्द्र मल्हार में निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कीटनाशी अधिनियम 1985 के तहत सूचना बोर्ड पर स्टाक और निर्धारित विक्रय दर का प्रदर्शन नहीं किया गया था. साथ ही क्रेताओं को केश/क्रेडिट मेमो जारी नहीं किया जा रहा था और विहित अभिलेखों, स्टाक पंजी का भी रखरखाव और संधारण नहीं किया जा रहा था.
कई दुकानों का किया गया निरीक्षण
कीटनाशक और उर्वरक निरीक्षक के एन साहू (वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी) ने उर्वरक विक्रय करने वाले कृषि केंद्रों जैसे गुप्ता खाद भंडार मल्हार और गुरूनानक जनरल स्टोर्स मस्तूरी का भी औचक निरीक्षण किया, जिसमें यह पाया गया कि इन दुकानों के संचालक नियमित रूप से उर्वरक नियंत्रण आदेश 85 के अंतर्गत नियमित रूप से प्रगति प्रतिवेदन और उर्वरक भंडारण और वितरण की जानकारी नहीं दे रहे थे और भण्डारण संबंधी उर्वरकों का स्टेकिंग नहीं किया जा रहा था.
एक सप्ताह के भीतर मांगा गया जवाब
इस संबंध में कृषि केंद्र संचालकों और उर्वरक विक्रेताओं को कीटनाशी अधिनियम 1968 के नियंत्रण आदेश 1985 और उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के धाराओं के तहत कार्रवाई करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है और एक सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है. जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.