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आस्था के नाम पर लूट: छठ घाट पर कचरा डंप कर रहा नगर निगम, फिर सफाई के नाम पर होगी कमाई

बिलासपुर के छठ घाट (Chath ghat) को छठ (Chath) से पहले ही नगर निगम (Municipal corporation) गंदा करने का काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि निगम यहां कचरा डंप (Garbage dump) करवा रहा है, ताकि पर्व के समय सफाई के नाम पर मोटी कमाई (Big money) कर सके.

Municipal Corporation is making garbage dump at Chhath Ghat
छठ घाट पर कचरा डंप बना रहा नगर निगम
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Published : Sep 27, 2021, 5:31 PM IST

बिलासपुरः प्रदेश का सबसे बड़ा छठ घाट (Chath ghat), जहां लाखों व्रती आकर छठ (Chath) पर्व मनाते हैं. वहीं, नगर निगम (Municipal corporation) श्रद्धा (sraddha)के नाम पर कमाई की लालच में घाट को गंदा करने का काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि, यहां की सुंदरता बिगाड़ने का काम खुद ही निगम का सफाई विभाग (Corporation cleaning department) कर रहा है. बाद में पर्व के दौरान लाखो रुपए खर्च कर इसकी सफाई करवा कर निगम कमाई करने के लिए यहा कचरा डंप करवा रहा है. दरअसल, बिलासपुर से छठ घाट (Chath ghat) को खुद नगर निगम (Municipal corporation) महज इसलिए गंदा कर रहा है, ताकि छठ पर्व के दौरान घाट की सफाई के नाम पर मोटी रकम वसूल सके. जी हां, कमीशन खोरी की कमाई के लिए निगम के अफसर (Corporation officials) अब पूजा स्थलों को भी नही छोड़ रहे है.

आस्था के नाम पर लूट

बता दें कि निगम का पहले बनाओ, फिर तोड़ो, फिर बनाओ का खेल शहर में लंबे समय से चल रहा है. इसी तरह शहर के अरपा नदी के किनारे करीब 20 साल से उत्तर भारतीय छठ पर्व मनाने आते हैं. तोरवा पुल के बगल में नगर निगम छठघाट का निर्माण कराता है. जहां लाखो श्रद्धालु उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठपर्व मानते है. लेकिन पिछले कई सालों से निगम के अफसर यहां से भी कमाई का रास्ता निकाल लिए है.

निगम यहां कचरा डंप कर रहा

बताया जा रहा है कि कमाई के लिए निगम यहां तोरवा, राजकिशोर नगर और आसपास का कचरा डंप कर रहा है. निगम यहां रोजाना आसपास का कई क्विंटल कचरा डंप कर रहा है. वहीं, इस बात की जानकारी मिलने के बाद भी अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं. जिससे छठ घाट के चारों ओर कचरा का अंबार लग गया है.

किसान हित के बारे में सोचना भूल जाते हैं प्रधानमंत्री : निश्चलानंद सरस्वती महाराज

ग्राम कछार में है डंपिंग जोन

वहीं, नगर निगम का कचरा डंपिंग जोन ग्राम कछार में बनाया गया है. जहां घरों से निकलने वाले कचरा को डंप किया जाता है. डोर टू डोर कचरा लेने के बाद कचरा गाड़ियों को कछार ले जाना होता है. लेकिन छठ घाट के आसपास के क्षेत्र के कचरा ले जाने वाले सफाई कर्मचारी छठ घाट के पास ही कचरा डंप कर चले जा रहे हैं. इससे पूरे क्षेत्र में कचरे का ढेर बढ़ता ही जा रहा है.

छठ घाट की सुंदरता खत्म हो रही

कचरा का ढ़ेर बन जाने से छठ घाट की सुंदरता खत्म हो रही है. साथ ही कचरा होने के कारण पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैलने लगा है. जिससे बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि बारिश में कचरा का दूषित पानी बह कर अरपा नदी में आता है, जिससे नदी का पानी भी दूषित होता है. बावजूद इसके निगम के अधिकारी इस ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में छठ घाट के हालात बिगड़ते ही जा रही हैं.इधर, नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी कहते है कि उस क्षेत्र में कचरा डंपिंग यार्ड निर्माण करवाया जा रहा और वो जल्द बन जाएगा. जिसके बाद उस क्षेत्र का कचरा वहां डंप किया जाएगा.

कचरा खाने पहुचते हैं मवेशी और होते हैं बीमार

वहीं, कचरा डंप होने के बाद से घाट में मवेशियों की संख्या भी बढ़ गई है. जिसकी वजह से आसपास के रोड की यातायात व्यवस्था भी बिगड़ गई है. मवेशियों की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटना भी हो रही है. इसी वजह से तोरवा पुल में भी मवेशियों की संख्या बढ़ते जा रही है. इसके अलावा कचरा खाने मवेशी पहुच रहे हैं. जो पॉलीथिन खाकर बीमार पड़ रहे है और उनकी मौत भी हो रही है.

बिलासपुरः प्रदेश का सबसे बड़ा छठ घाट (Chath ghat), जहां लाखों व्रती आकर छठ (Chath) पर्व मनाते हैं. वहीं, नगर निगम (Municipal corporation) श्रद्धा (sraddha)के नाम पर कमाई की लालच में घाट को गंदा करने का काम कर रहा है. बताया जा रहा है कि, यहां की सुंदरता बिगाड़ने का काम खुद ही निगम का सफाई विभाग (Corporation cleaning department) कर रहा है. बाद में पर्व के दौरान लाखो रुपए खर्च कर इसकी सफाई करवा कर निगम कमाई करने के लिए यहा कचरा डंप करवा रहा है. दरअसल, बिलासपुर से छठ घाट (Chath ghat) को खुद नगर निगम (Municipal corporation) महज इसलिए गंदा कर रहा है, ताकि छठ पर्व के दौरान घाट की सफाई के नाम पर मोटी रकम वसूल सके. जी हां, कमीशन खोरी की कमाई के लिए निगम के अफसर (Corporation officials) अब पूजा स्थलों को भी नही छोड़ रहे है.

आस्था के नाम पर लूट

बता दें कि निगम का पहले बनाओ, फिर तोड़ो, फिर बनाओ का खेल शहर में लंबे समय से चल रहा है. इसी तरह शहर के अरपा नदी के किनारे करीब 20 साल से उत्तर भारतीय छठ पर्व मनाने आते हैं. तोरवा पुल के बगल में नगर निगम छठघाट का निर्माण कराता है. जहां लाखो श्रद्धालु उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर छठपर्व मानते है. लेकिन पिछले कई सालों से निगम के अफसर यहां से भी कमाई का रास्ता निकाल लिए है.

निगम यहां कचरा डंप कर रहा

बताया जा रहा है कि कमाई के लिए निगम यहां तोरवा, राजकिशोर नगर और आसपास का कचरा डंप कर रहा है. निगम यहां रोजाना आसपास का कई क्विंटल कचरा डंप कर रहा है. वहीं, इस बात की जानकारी मिलने के बाद भी अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं. जिससे छठ घाट के चारों ओर कचरा का अंबार लग गया है.

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ग्राम कछार में है डंपिंग जोन

वहीं, नगर निगम का कचरा डंपिंग जोन ग्राम कछार में बनाया गया है. जहां घरों से निकलने वाले कचरा को डंप किया जाता है. डोर टू डोर कचरा लेने के बाद कचरा गाड़ियों को कछार ले जाना होता है. लेकिन छठ घाट के आसपास के क्षेत्र के कचरा ले जाने वाले सफाई कर्मचारी छठ घाट के पास ही कचरा डंप कर चले जा रहे हैं. इससे पूरे क्षेत्र में कचरे का ढेर बढ़ता ही जा रहा है.

छठ घाट की सुंदरता खत्म हो रही

कचरा का ढ़ेर बन जाने से छठ घाट की सुंदरता खत्म हो रही है. साथ ही कचरा होने के कारण पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैलने लगा है. जिससे बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि बारिश में कचरा का दूषित पानी बह कर अरपा नदी में आता है, जिससे नदी का पानी भी दूषित होता है. बावजूद इसके निगम के अधिकारी इस ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रहे हैं. ऐसे में छठ घाट के हालात बिगड़ते ही जा रही हैं.इधर, नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी कहते है कि उस क्षेत्र में कचरा डंपिंग यार्ड निर्माण करवाया जा रहा और वो जल्द बन जाएगा. जिसके बाद उस क्षेत्र का कचरा वहां डंप किया जाएगा.

कचरा खाने पहुचते हैं मवेशी और होते हैं बीमार

वहीं, कचरा डंप होने के बाद से घाट में मवेशियों की संख्या भी बढ़ गई है. जिसकी वजह से आसपास के रोड की यातायात व्यवस्था भी बिगड़ गई है. मवेशियों की वजह से आए दिन सड़क दुर्घटना भी हो रही है. इसी वजह से तोरवा पुल में भी मवेशियों की संख्या बढ़ते जा रही है. इसके अलावा कचरा खाने मवेशी पहुच रहे हैं. जो पॉलीथिन खाकर बीमार पड़ रहे है और उनकी मौत भी हो रही है.

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