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Motivational Story: बिलासपुर की पोहा वाली आंटी के जज्बे की कहानी - कैसे फेमस हुई पोहा वाली आंटी

बिलासपुर की पोहा वाली आंटी poha wali aunty यानी सविता गुप्ता के बुलंद हौसले और जज्बे की कहानी प्रेरणादायक Motivational Story है. इन दिनों पूरे देश में उनकी चर्चा है. पहले पोहा वाली आंटी के संघर्ष की दास्तां का वीडियो वायरल हुआ, फिर एक निजी टीवी चैनल ने अपने शो में बतौर अतिथि बुलाया और उन्हें सम्मानित किया. दरअसल सविता की कहानी एक ऐसी खुद्दार महिला की दास्तां है, जिसने हार नहीं मानी और पति के अधूरे सपने को पूरा किया.

poha wali aunty
बिलासपुर की पोहा वाली आंटी
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Published : Dec 21, 2022, 6:29 PM IST

बिलासपुर: latest news of bilaspurसीपत चौक सरकंडा क्षेत्र में रहने वाली सविता गुप्ता की हिम्मत और उसके जज्बे की कहानी इन दिनों चर्चा में है. सविता गुप्ता को हाल ही में एक निजी टीवी चैनल के लोकप्रिय कार्यक्रम में बतौर अतिथि बुलाया गया. सविता ने बताया कि ''पति की मौत के बाद बच्चों को पालने, पढ़ाने लिखाने की एक बहुत बड़ी चुनौती थी. इस चुनौती का उन्होंने डटकर सामना किया. पोहा, चाय और टिफिन का काम कर अपने मजबूत इरादे और जज्बे को लोगों के सामने रखा.poha wali aunty

कैसे फेमस हुई पोहा वाली आंटी: हर दिन सुबह तीन बजे उठ कर लोगों के लिए पोहा और चाय बनाकर सेवा देने वाली सविता गुप्ता ने बताया कि '' संघर्ष वर्षों से जारी है. इसी संघर्ष की बदौलत अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दी है. अकेली एक महिला को आधी रात से काम करते हुए देखना हर किसी को आश्चर्य में डाल देता है. उनके इसी काम को शूट करके किसी ने सोशल मीडिया में डालकर वायरल कर दिया, जिसे 12 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा. वायरल वीडियो को देखकर एक निजी टीवी चैनल की टीम ने उनसे संपर्क किया. poha wali aunty

ये भी पढ़ें: बिलासपुर की पूजा को मिला पर्ल क्वीन का ओहदा, मोतियों की खेती ने बनाया समृद्ध

दिल्ली की मूल निवासी हैं पोहा वाली आंटी: दसवीं क्लास तक पढ़ी सविता गुप्ता मूलतः दिल्ली की रहने वाली हैं. शादी होने के बाद वह बिलासपुर में आकर रहने लगी हैं. पति के निधन के बाद उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया था लेकिन जिस तरह उन्होंने परिवार को संभाला, उसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है.poha wali aunty

आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं सविता: गायत्री मंदिर के सामने छोटी सी दुकान लगाकर वह न सिर्फ अपने बच्चों का जीवन संवार रहीं हैं, बल्कि लोगों के लिए एक आदर्श भी बन चुकी हैं. सविता बहुत ही स्पष्ट रूप से कहती हैं कि वह अपने काम में किसी नौकर का सहयोग ना लेकर खुद काम करना ज्यादा पसंद करती हैं. सरकंडा क्षेत्र में सविता गुप्ता पोहा वाली आंटी के रूप में पहचान बना चुकी हैं. साल 2008-09 से उनका यह काम लगातार चल रहा है.poha wali aunty

बिलासपुर: latest news of bilaspurसीपत चौक सरकंडा क्षेत्र में रहने वाली सविता गुप्ता की हिम्मत और उसके जज्बे की कहानी इन दिनों चर्चा में है. सविता गुप्ता को हाल ही में एक निजी टीवी चैनल के लोकप्रिय कार्यक्रम में बतौर अतिथि बुलाया गया. सविता ने बताया कि ''पति की मौत के बाद बच्चों को पालने, पढ़ाने लिखाने की एक बहुत बड़ी चुनौती थी. इस चुनौती का उन्होंने डटकर सामना किया. पोहा, चाय और टिफिन का काम कर अपने मजबूत इरादे और जज्बे को लोगों के सामने रखा.poha wali aunty

कैसे फेमस हुई पोहा वाली आंटी: हर दिन सुबह तीन बजे उठ कर लोगों के लिए पोहा और चाय बनाकर सेवा देने वाली सविता गुप्ता ने बताया कि '' संघर्ष वर्षों से जारी है. इसी संघर्ष की बदौलत अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दी है. अकेली एक महिला को आधी रात से काम करते हुए देखना हर किसी को आश्चर्य में डाल देता है. उनके इसी काम को शूट करके किसी ने सोशल मीडिया में डालकर वायरल कर दिया, जिसे 12 लाख से ज्यादा लोगों ने देखा. वायरल वीडियो को देखकर एक निजी टीवी चैनल की टीम ने उनसे संपर्क किया. poha wali aunty

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दिल्ली की मूल निवासी हैं पोहा वाली आंटी: दसवीं क्लास तक पढ़ी सविता गुप्ता मूलतः दिल्ली की रहने वाली हैं. शादी होने के बाद वह बिलासपुर में आकर रहने लगी हैं. पति के निधन के बाद उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा गया था लेकिन जिस तरह उन्होंने परिवार को संभाला, उसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है.poha wali aunty

आत्मनिर्भरता की मिसाल हैं सविता: गायत्री मंदिर के सामने छोटी सी दुकान लगाकर वह न सिर्फ अपने बच्चों का जीवन संवार रहीं हैं, बल्कि लोगों के लिए एक आदर्श भी बन चुकी हैं. सविता बहुत ही स्पष्ट रूप से कहती हैं कि वह अपने काम में किसी नौकर का सहयोग ना लेकर खुद काम करना ज्यादा पसंद करती हैं. सरकंडा क्षेत्र में सविता गुप्ता पोहा वाली आंटी के रूप में पहचान बना चुकी हैं. साल 2008-09 से उनका यह काम लगातार चल रहा है.poha wali aunty

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