बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में दस दिनों के अंदर मानसून की दस्तक हो सकती है. इन दिनों शहर में चारों तरफ नाली निर्माण का काम चल रहा है. मानसून से पहले नगर निगम ने नाली नाले के निर्माण का काम शुरू किया था. हालांकि ये काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है. काम की धीमी गति को देख ये साफ है कि मानसून के पहले काम पूरा नहीं होगा. ऐसे में ये कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि एक बार फिर पूरा शहर मानसून में जलमग्न हो जाएगा.
नहीं हुआ नाली निर्माण का काम पूरा: बताया जा रहा है कि शहर में नाली निर्माण का काम कहीं 40 फीसदी हुआ है. तो कहीं 60 फीसदी. इतने कम समय मे काम पूरा न होने से शहर का तकरीबन हर इलाका जलमग्न हो जाएगा. शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों पर 60 करोड़ से अधिक के लागत से नाली निर्माण का काम किया जा रहा है. 15 से 20 दिनों में काम पूरा नहीं हुआ तो एक बार फिर बारिश में लोगों की मुसीबतें बढ़ जाएगी.
बगैर मॉनिटरिंग के चल रहा था काम: बिना मॉनिटरिंग चल रहे नाला निर्माण में सुरक्षा मानक और लोगों की सुविधा का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. सड़कों पर निर्माण सामग्री, मलबा और मशीनें रखी हुई है. इससे हर दिन सड़क जाम की समस्या तेज हो गई है. इसके अलावा अरपा नदी के किनारे की बस्ती चांटीडीह, चिंगराजपारा, कतियापारा से लेकर दोमुहानी तक निचली बस्तियों की अधिकतर नालियां भी बदहाल हैं. इन नालों की सफाई नहीं हुई है. इससे बारिश के दिनों में शहर के डूबने का खतरा बढ़ गया है.
समय से करवा लेना चाहिए था काम: नगर निगम के पूर्व महापौर भाजपा के नेता किशोर राय ने कहा, "नगर निगम जिन कार्यों को करवा रहा है. उसे गर्मी से पहले ही करवा लेना चाहिए था. मानसून में शहर के कई इलाके जलमग्न होते हैं. इन इलाकों में नाली की साफ सफाई नहीं की गई है. ना ही ड्रेनेज सिस्टम को ठीक किया गया है. हर साल नालियों का निर्माण किया जाता है, लेकिन इसमें खामियां रहती है."
क्या कहते हैं महापौर: नगर निगम महापौर रामचरण यादव का कहना है कि, "नाली की सफाई का निर्देश पहले ही दिया जा चुका है. अलग से 50 लोगों की टीम तैयार की गई थी. पानी भरने वाले इलाकों की पहचान कर नाली नालों का सफाई तो करवाएंगे ही. साथ ही बहाव की दिशा में बनाए गए नालों की चौड़ाई को बढ़ाया जाएगा. इससे आने वाले समय में पानी भराव की स्थिति शहर में नहीं रहेगी. नगर निगम ने पहले ही नाली नालों का निर्माण शुरू कर दिया था. यह काम 1 सप्ताह में पूरा कर लिया जाएगा. इस बार मानसून में शहर वासियों को जलभराव की स्थिति नहीं झेलनी पड़ेगी."
जल भराव वाले जगहों पर हो रहा नाले का निर्माण: नगर निगम के जोन कमिश्नर राजकुमार मिश्रा का कहना है कि "पुराने बस स्टैंड चौक में बारिश के पानी में सबसे ज्यादा जलभराव की स्थिति उत्पन्न होती है. जलभराव ना हो इसलिए यहां 20 फीट चौड़ा नाला का निर्माण कराया गया है. जो बारिश के दौरान सड़कों पर भरने वाले पानी को अपने अंदर ले लेगा. फिर इसे धीरे-धीरे रिलीज करेगा. यह पानी कश्यप कॉलोनी से होते हुए जवाली नाला में मिल जाएगा. नाले से पानी अरपा नदी में पहुंच जाएगा. अभी नाले का काम 70% फीसदी हो गया है. बांकी के 30 परसेंट का काम यानी कि 15 से 16 मीटर का काम अभी बाकी है. एक सप्ताह में काम पूरा हो जाएगा और आवागमन भी व्यवस्थित कर लिया जाएगा."
हर साल मानसून में निगम के दावे होते हैं फेल: बता दें कि नगर निगम मानसून से पहले नाली-नालों की सफाई के साथ ही इसका निर्माण कार्य करवाता है. हर बार यही दावा करता है कि मानसून में बारिश के पानी का भराव नहीं होगा. सड़कें सूखी रहेंगी. हालांकि हर साल निगम का ये दावा फेल होता है. अब देखना होगा कि इस आधे अधूरी तैयारी के बीच नगर निगम मानसून का सामना कैसे करता है ?