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बिल्हा से लगे मोहभट्टा शिव धाम हुआ जलमग्न, फिर भी भक्त पहुंच रहे मंदिर

बिलासपुर के शिव धाम मोहभट्टा जलमग्न हो गया है. इसके बाद भी भक्त दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. यहीं वजह है कि भक्तगण स्वयंभू शिव धाम में जलाभिषेक करने आते हैं.

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Published : Aug 31, 2020, 5:04 PM IST

Updated : Aug 31, 2020, 7:32 PM IST

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जलमग्न

बिलासपुर: लगातार भारी बारिश के कारण बिल्हा से लगे स्वयंभू शिव धाम मोहभट्टा जलमग्न हो गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण इस बार मंदिर परिषद लबालब हो गया है. प्राचीनतम मंदिर के लिए भक्तों की आस्था है कि यहां जलाभिषेक करने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. यहीं वजह है कि भक्तगण स्वयंभू शिव धाम में जलाभिषेक करने आते हैं.

मोहभट्टा शिव धाम हुआ जलमग्न

दूरदराज से आने वाले भक्तों के लिए सावन और महाशिवरात्रि विशेष पर्व है, वैसे प्रत्येक सोमवार को भगवान शंकर के दर्शन के लिए दूर दराज से भक्तगण मंदिर पहुंचते हैं. भारी बारिश के कारण मंदिर जलमग्न हो गया है. इससे भक्तों को पूजा अर्चना में थोड़ी कठिनाई आ रही है, फिर भी मंदिर आने वाले भक्त बगैर दर्शन किए वापस नहीं जाते हैं. मंदिर के पुजारी के मुताबिक मंदिर लगभग चार-पांच सौ वर्ष पुराना है, मगर स्वयंभू शिव धाम में भगवान शंकर का शिवलिंग बहुत पहले से स्वयं प्रकट होना माना जाता है. मंदिर आने वाले भक्तगण बताते हैं कि मौसम कैसा भी हो पर भगवान की आराधना जरूरी है. यहीं वजह है कि पानी में डुबकी लगाकर भी भक्त पूजा अर्चना कर रहे हैं.

पढ़ें : एलएसी पर चीन क्यों कर रहा है झड़प, 1962-2020 ड्रैगन की चाल 'डिकोड'

पानी कहां जाता इसकी जानकारी नहीं

बता दें, स्वयंभू शिव धाम के मंदिर से पोला उत्सव के अवसर पर हर बार देवरानी-जेठानी मंदिर ताला के लिए भगवान शंकर की बारात निकाली जाती है. हालांकि संक्रमण काल के चलते भक्तों में इस बार यात्रा स्थगित कर दी है. इसके बाद भी पूजा अर्चना करने वाले पीछे नहीं रहे. अब बारिश भी भक्तों को मंदिर आने से नहीं रोक पा रही है. मंदिर के पुजारी के अनुसार मंदिर परिसर से बाहर पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए मोटर भी लगाई गई है. इससे पानी धीरे-धीरे खाली हो रहा है. वहीं मंदिर की मान्यता है, भक्त जो जलाभिषेक करते हैं वह पानी कहां जाता है आजतक किसी को पता नहीं चल पाया है.

बिलासपुर: लगातार भारी बारिश के कारण बिल्हा से लगे स्वयंभू शिव धाम मोहभट्टा जलमग्न हो गया है. लगातार हो रही बारिश के कारण इस बार मंदिर परिषद लबालब हो गया है. प्राचीनतम मंदिर के लिए भक्तों की आस्था है कि यहां जलाभिषेक करने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. यहीं वजह है कि भक्तगण स्वयंभू शिव धाम में जलाभिषेक करने आते हैं.

मोहभट्टा शिव धाम हुआ जलमग्न

दूरदराज से आने वाले भक्तों के लिए सावन और महाशिवरात्रि विशेष पर्व है, वैसे प्रत्येक सोमवार को भगवान शंकर के दर्शन के लिए दूर दराज से भक्तगण मंदिर पहुंचते हैं. भारी बारिश के कारण मंदिर जलमग्न हो गया है. इससे भक्तों को पूजा अर्चना में थोड़ी कठिनाई आ रही है, फिर भी मंदिर आने वाले भक्त बगैर दर्शन किए वापस नहीं जाते हैं. मंदिर के पुजारी के मुताबिक मंदिर लगभग चार-पांच सौ वर्ष पुराना है, मगर स्वयंभू शिव धाम में भगवान शंकर का शिवलिंग बहुत पहले से स्वयं प्रकट होना माना जाता है. मंदिर आने वाले भक्तगण बताते हैं कि मौसम कैसा भी हो पर भगवान की आराधना जरूरी है. यहीं वजह है कि पानी में डुबकी लगाकर भी भक्त पूजा अर्चना कर रहे हैं.

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पानी कहां जाता इसकी जानकारी नहीं

बता दें, स्वयंभू शिव धाम के मंदिर से पोला उत्सव के अवसर पर हर बार देवरानी-जेठानी मंदिर ताला के लिए भगवान शंकर की बारात निकाली जाती है. हालांकि संक्रमण काल के चलते भक्तों में इस बार यात्रा स्थगित कर दी है. इसके बाद भी पूजा अर्चना करने वाले पीछे नहीं रहे. अब बारिश भी भक्तों को मंदिर आने से नहीं रोक पा रही है. मंदिर के पुजारी के अनुसार मंदिर परिसर से बाहर पानी निकालने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके लिए मोटर भी लगाई गई है. इससे पानी धीरे-धीरे खाली हो रहा है. वहीं मंदिर की मान्यता है, भक्त जो जलाभिषेक करते हैं वह पानी कहां जाता है आजतक किसी को पता नहीं चल पाया है.

Last Updated : Aug 31, 2020, 7:32 PM IST
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