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मंत्री कवासी लखमा ने महामाया मंदिर में की पूजा , नियमों का किया पालन - Guidelines for temples

छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा बुधवार को रतनपुर के सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख शांति और समृद्धि की कामना की. साथ ही कोविड-19 के नियमों का भी पालन किया.

Minister Kawasi Lakhma reached Mahamaya temple
महामाया मंदिर पहुंचे मंत्री कवासी लखमा
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Published : Jul 1, 2020, 8:51 PM IST

Updated : Jul 1, 2020, 9:34 PM IST

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा बुधवार को दर्शन करने के लिए अमरकंटक गए थे. जहां से दोपहर 12 बजे वे रतनपुर के सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर दर्शन करने पहुंचे. जहां पर उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख शांति और समृद्धि की कामना की. इस दौरान रतनपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे.

मंत्री कवासी लखमा ने महामाया मंदिर में की पूजा

रतनपुर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा अमरकंटक दर्शन करने के लिए गए हुए थे. जहां से लौटते वक्त दोपहर वे रतनपुर सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया देवी मंदिर पहुंचे. जहां पर मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्होंने मां महामाया देवी के दर्शन किए. साथ ही पूजा अर्चना करते हुए मत्था टेका. इसके बाद वे कुछ देर कार्यालय में रुके. जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद वे बिलासपुर के लिए रवाना हो गए.

minister Kawasi Lakhma arrived to visit Mahamaya temple in Ratanpur
महामाया मंदिर पहुंचे मंत्री कवासी लखमा

लॉकडाउन के दौरान बंद थे धार्मिक स्थल

बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से पूरे देशभर के धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए थे. वहीं केंद्र सरकार ने 8 जून को देशभर के धार्मिक स्थलों को खोलने के निर्देश जारी कर दिए थे, जिसके बाद प्रदेश में भी 81 दिनों के बाद यानी 8 जून को धार्मिक स्थल खोले गए , जिसमें मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च शामिल हैं.

पढ़ें: बम्लेश्वरी मां के दर्शन के लिए डोंगरगढ़ पहुंचीं राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम

वहीं केंद्र सरकार के आदेश के बाद राज्य सरकार भी धीरे-धीरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दे रहा है. 9 जून को ही बस्तर में सभी मंदिरों को शर्तों के साथ खोलने के निर्देश दिए गए थे. इसके साथ ही प्रदेश के अधिकांश मंदिरों को खोलने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन इसके साथ ही कई तरह के नियम और शर्तें जारी किए गए है, जिसका पालन करना अनिवार्य है.

इन नियम और शर्तों के साथ खोले गए हैं मंदिर के पट

  • सुबह 7:00 से शाम 7:00 बजे तक दर्शन करने की अनुमति.
  • भक्तों को सिर्फ माता के दर्शन की अनुमति दी गई है.
  • भक्तों को घंटी बजाने, प्रसाद चढ़ाने और गर्भ गृह में जाने की परमिशन नहीं है.
  • पुजारी भी भक्तों को टीका नहीं लगा पाएंगे.
  • मंदिर में घंटी बजाने की अनुमति नहीं दी गई है.
  • मंदिर में सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद ही प्रसाद दिया जाएगा.
  • मंदिर परिसर में नहीं खुलेंगी दुकानें.
  • मंदिरों में फूल और प्रसाद पर रोक.
  • मंदिरों में सामूहिक आरती पर रोक.
  • मंदिरों में एक साथ फेरे लगाने की अनुमति नहीं है.
  • मंदिरों में बिना मास्क के प्रवेश पर रोक.

बिलासपुर : छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा बुधवार को दर्शन करने के लिए अमरकंटक गए थे. जहां से दोपहर 12 बजे वे रतनपुर के सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया मंदिर दर्शन करने पहुंचे. जहां पर उन्होंने पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख शांति और समृद्धि की कामना की. इस दौरान रतनपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी उपस्थित रहे.

मंत्री कवासी लखमा ने महामाया मंदिर में की पूजा

रतनपुर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बताया कि छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा अमरकंटक दर्शन करने के लिए गए हुए थे. जहां से लौटते वक्त दोपहर वे रतनपुर सिद्ध शक्तिपीठ मां महामाया देवी मंदिर पहुंचे. जहां पर मास्क पहनकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए उन्होंने मां महामाया देवी के दर्शन किए. साथ ही पूजा अर्चना करते हुए मत्था टेका. इसके बाद वे कुछ देर कार्यालय में रुके. जहां पर कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारियों से चर्चा करने के बाद वे बिलासपुर के लिए रवाना हो गए.

minister Kawasi Lakhma arrived to visit Mahamaya temple in Ratanpur
महामाया मंदिर पहुंचे मंत्री कवासी लखमा

लॉकडाउन के दौरान बंद थे धार्मिक स्थल

बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर किए गए लॉकडाउन की वजह से पूरे देशभर के धार्मिक स्थल बंद कर दिए गए थे. वहीं केंद्र सरकार ने 8 जून को देशभर के धार्मिक स्थलों को खोलने के निर्देश जारी कर दिए थे, जिसके बाद प्रदेश में भी 81 दिनों के बाद यानी 8 जून को धार्मिक स्थल खोले गए , जिसमें मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च शामिल हैं.

पढ़ें: बम्लेश्वरी मां के दर्शन के लिए डोंगरगढ़ पहुंचीं राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम

वहीं केंद्र सरकार के आदेश के बाद राज्य सरकार भी धीरे-धीरे प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोलने की इजाजत दे रहा है. 9 जून को ही बस्तर में सभी मंदिरों को शर्तों के साथ खोलने के निर्देश दिए गए थे. इसके साथ ही प्रदेश के अधिकांश मंदिरों को खोलने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन इसके साथ ही कई तरह के नियम और शर्तें जारी किए गए है, जिसका पालन करना अनिवार्य है.

इन नियम और शर्तों के साथ खोले गए हैं मंदिर के पट

  • सुबह 7:00 से शाम 7:00 बजे तक दर्शन करने की अनुमति.
  • भक्तों को सिर्फ माता के दर्शन की अनुमति दी गई है.
  • भक्तों को घंटी बजाने, प्रसाद चढ़ाने और गर्भ गृह में जाने की परमिशन नहीं है.
  • पुजारी भी भक्तों को टीका नहीं लगा पाएंगे.
  • मंदिर में घंटी बजाने की अनुमति नहीं दी गई है.
  • मंदिर में सैनिटाइजर से हाथ साफ करने के बाद ही प्रसाद दिया जाएगा.
  • मंदिर परिसर में नहीं खुलेंगी दुकानें.
  • मंदिरों में फूल और प्रसाद पर रोक.
  • मंदिरों में सामूहिक आरती पर रोक.
  • मंदिरों में एक साथ फेरे लगाने की अनुमति नहीं है.
  • मंदिरों में बिना मास्क के प्रवेश पर रोक.
Last Updated : Jul 1, 2020, 9:34 PM IST
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