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Peacock died in Kanan Pendari Zoo: कानन पेंडारी में नर मोर की मौत, आपसी संघर्ष में गई जान - बिलासपुर के जू में मोर की मौत

बिलासपुर कानन पेंडारी जू में एक बार फिर एक वन्य प्राणियों की मौत की जानकारी सामने आई है. इससे पहले बाघ के नर शावक की मौत की जानकारी आई थी और अब एक मोर के मौत ने सनसनी फैला दी है. कानन पेंडारी जुलाजिकल गार्डन में मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. नर मोर के दम तोड़ने की घटना सामने आने के बाद एक बार फिर वन्य प्राणी प्रेमियों को दूसरा झटका लगा है. केज में अपनी संघर्ष में मोर ने एक दूसरे को घायल कर दिया था. एक मोर को इस आपसी संघर्ष में ज्यादा गंभीर चोट आने से मौत हो गई है.

Peacock died in Kanan Pendari Zoo
कानन पेंडारी में नर मोर की मौत
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Published : Feb 3, 2023, 1:12 PM IST

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू के वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. इस बार एक जवान नर मोर की मौत की बात सामने आ रही है. इससे पहले बाघिन रंभा के नर शावक मितान की मौत ने वन्य प्राणी प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया था और अब मोर की मौत ने उन्हें मायूस कर दिया है. कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में लगातार हो रही वन्य प्राणियों की मौत ने यह साबित कर दिया है कि लगातार कानन प्रबंधन लापरवाही कर रहा है. अत्यधिक जानवर होने की वजह और कर्मचारियों की कमी या फिर इसे लापरवाही कहे, वन्य प्राणियों की मौत प्रबंधन की लापरवाही होने से माना जा रहा है.

कानन में नर मोर की कैसे हुई मौत: जानकारी के अनुसार दोनों नर मोर को सर्दी हुआ था, जिन्हें डार्क रूम के केज पर रखा गया था. इसी दौरान दोनों का संपर्क हुआ और दोनों नर मोर आपस में लड़ने लगे. इस संघर्ष में एक नर मोर को अत्यधिक चोट लगी थी, जिस पर प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया था. गंभीर चोट होने की वजह से नर मोर दर्द बर्दाश्त नहीं कर सका और इस दौरान उसकी मौत हो गई. नर मोर के मौत होने के बाद कनन प्रबंधन ने जब उसके डेड बॉडी की जांच की तो पता चला कि उसे आपसी संघर्ष में गंभीर चोट लगी थी. मोर का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें: कानन पेंडारी जू में बाघिन चेरी की मौत, आपसी संघर्ष में गई जान

छह दिन पुरानी घटना है, प्रबंधन इसे दबाने की कोशिश कर रहा था: बताया जा रहा है कि मोर की मौत का मामला 6 दिन पुराना है और 6 दिन पहले हुई मौत को लेकर प्रबंधन लगातार मामले को दबाने की कोशिश कर रहा था. इस मामले में अधिकारी खुद पूरे मामले को दबाने की कोशिश में लगे हुए थे लेकिन यह मामला उजागर हो गया. प्रबंधन की लापरवाही इतनी कि दोनों मोर के बीच जमकर लड़ाई होती रही, लेकिन जू कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. कानन जू में वन्य प्राणियों के बीच लड़ाई की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले तेंदुआ, बाघ, चीतल और बारहसिंगा की आपस में भिड़ंत हो चुकी हैं. इस बार दो नर मोर आपस में भिड़ गए. मौसम में बदलाव के कारण दो मोर को सर्दी हो गई. ऐसे में उन्हें आइसोलेट कर दिया गया था, ताकि उनका संक्रमण दूसरे मोरों तक ना पहुंचे.

बिलासपुर: कानन पेंडारी जू के वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है. इस बार एक जवान नर मोर की मौत की बात सामने आ रही है. इससे पहले बाघिन रंभा के नर शावक मितान की मौत ने वन्य प्राणी प्रेमियों को झकझोर कर रख दिया था और अब मोर की मौत ने उन्हें मायूस कर दिया है. कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में लगातार हो रही वन्य प्राणियों की मौत ने यह साबित कर दिया है कि लगातार कानन प्रबंधन लापरवाही कर रहा है. अत्यधिक जानवर होने की वजह और कर्मचारियों की कमी या फिर इसे लापरवाही कहे, वन्य प्राणियों की मौत प्रबंधन की लापरवाही होने से माना जा रहा है.

कानन में नर मोर की कैसे हुई मौत: जानकारी के अनुसार दोनों नर मोर को सर्दी हुआ था, जिन्हें डार्क रूम के केज पर रखा गया था. इसी दौरान दोनों का संपर्क हुआ और दोनों नर मोर आपस में लड़ने लगे. इस संघर्ष में एक नर मोर को अत्यधिक चोट लगी थी, जिस पर प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया था. गंभीर चोट होने की वजह से नर मोर दर्द बर्दाश्त नहीं कर सका और इस दौरान उसकी मौत हो गई. नर मोर के मौत होने के बाद कनन प्रबंधन ने जब उसके डेड बॉडी की जांच की तो पता चला कि उसे आपसी संघर्ष में गंभीर चोट लगी थी. मोर का पोस्टमार्टम कर अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

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छह दिन पुरानी घटना है, प्रबंधन इसे दबाने की कोशिश कर रहा था: बताया जा रहा है कि मोर की मौत का मामला 6 दिन पुराना है और 6 दिन पहले हुई मौत को लेकर प्रबंधन लगातार मामले को दबाने की कोशिश कर रहा था. इस मामले में अधिकारी खुद पूरे मामले को दबाने की कोशिश में लगे हुए थे लेकिन यह मामला उजागर हो गया. प्रबंधन की लापरवाही इतनी कि दोनों मोर के बीच जमकर लड़ाई होती रही, लेकिन जू कर्मियों को इसकी भनक तक नहीं लगी. कानन जू में वन्य प्राणियों के बीच लड़ाई की यह पहली घटना नहीं है. इससे पहले तेंदुआ, बाघ, चीतल और बारहसिंगा की आपस में भिड़ंत हो चुकी हैं. इस बार दो नर मोर आपस में भिड़ गए. मौसम में बदलाव के कारण दो मोर को सर्दी हो गई. ऐसे में उन्हें आइसोलेट कर दिया गया था, ताकि उनका संक्रमण दूसरे मोरों तक ना पहुंचे.

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