बिलासपुर से लोकसभा सांसद अरुण साव ने बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल में केंद्रीय विद्यालय का मुद्दा उठाया. साव ने कहा कि उनके लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत बिलासपुर, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में केंद्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव लंबे समय से विचाराधीन है. उन्होंने तीनों ही क्षेत्रों में केंद्रीय विद्यालय जल्द से जल्द खोलने की मांग की.
बिलासपुर, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में KV खोलने की मांग
अरुण साव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए कहा कि शिक्षा को सर्वव्यापी, उपयोगी और विश्वस्तरीय बनाया गया है. साव ने कहा कि उनके क्षेत्र के बच्चों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. उन्होंने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से उनके लोकसभा क्षेत्र के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और अवसर देने के लिए बिलासपुर, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में केंद्रीय विद्यालय खोलने की अपील की.
नई शिक्षा नीति
29 जुलाई 2020 को नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई. 1986 में जारी हुई शिक्षा नीति के बाद भारत की शिक्षा नीति में यह पहला नया परिवर्तन है. छत्तीसगढ़ में अगले सत्र से नई शिक्षा नीति लागू होने की उम्मीद है.
नई शिक्षा नीति के तहत स्कूली पाठ्यक्रम में 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 का नया स्ट्रक्चर शामिल किया गया है. 5+3+3+4 में 5 का मतलब है - तीन साल प्री-स्कूल, क्लास 1 और 2. अगले 3 का मतलब है क्लास 3, 4 और 5. उसके बाद के 3 का मतलब है क्लास 6, 7 और 8. आखिर के 4 का मतलब है क्लास 9, 10, 11 और 12.
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एजुकेशन फॉर ऑल का लक्ष्य
साल 2030 तक स्कूल शिक्षा में 100% जीईआर(सकल नामांकन अनुपात) के साथ माध्यमिक स्तर तक एजुकेशन फॉर ऑल का लक्ष्य रखा गया है. जीईआर देश के भीतर स्नातक, स्नातकोत्तर और शोध स्तर के अध्ययनों में नामांकित छात्रों की संख्या का निर्धारण करने हेतु एक सांख्यिकीय माप है. इसे जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है.