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बिलासपुर : स्टाफ और अत्याधुनिक उपकरणों की कमी से जूझ रहा दमकल विभाग - bilaspur

जिले में 40 लोगों का स्टाफ है इनमें से आधे से ज्यादा स्टाफ अर्ध प्रशिक्षित स्टाफ है. इसके अलावा फायर ब्रिगेड वाहन के चालक भी सिर्फ 9 ही

दमकल विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा
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Published : May 14, 2019, 11:05 PM IST

बिलासपुर : जिले में गर्मियों में आए दिन आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन आग से निपटने वाला दमकल विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. वहीं जो स्टाफ है उसमें से आधे से ज्यादा स्टाफ पूरी तरह प्रशिक्षित भी नहीं है, जिसका खामियाजा जान-माल को हो सकता है.

दमकल विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा

दरअसल, जिले में 40 लोगों का स्टाफ है इनमें से आधे से ज्यादा स्टाफ अर्ध प्रशिक्षित स्टाफ है. इसके अलावा फायर ब्रिगेड वाहन के चालक भी सिर्फ 9 ही हैं. ऐसे में जब कभी एक से अधिक जगहों में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं तो ज्यादातर स्टाफ को ओवर ड्यूटी करनी पड़ती है.

हाइड्रोलिक वाहन की कमी
फायर बिग्रेड टीम के साथ सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि उनके पास एक भी हाइड्रोलिक वाहन नहीं है. इस कारण ऊंची इमारतों में आग की घटना घटने पर आग पर कापू करना मुश्किल हो जाता है.

अवेयरनेस की कमी
एक्सपर्ट की मानें तो ऐसी घटना को लेकर आम लोगों में भी अवेयरनेस की कमी है. ऐसी घटनाओं में लोग अक्सर पुलिस को फोन करते हैं फिर डायल 112 पर फोन लगाते हैं. इससे कम्युनिकेशन गैप होता है और इसका खामियाजा आग से पीड़ित हुए लोगों को उठाना पड़ता है.

शॉर्ट सर्किट अहम कारण
एक्सपर्ट के मुताबिक आग की घटना का सबसे अहम कारण है शॉर्टसर्किट. इसके लिए लोगों को बिजली के तारों को अक्सर चेक करवाते रहना चाहिए. इसके अलावा पुराने बिजली के ट्रांसफार्मर के नजदीक भी आग लगने की संभावना अत्यधिक रहती है. बिजली विभाग के लोगों को भी इस पर सतर्कता बरतनी चाहिए.

बिलासपुर और उसके आसपास के इलाकों में रोजाना 5 से 7 आग लगने की घटनाएं घटती हैं ऐसे में दमकल विभाग के कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनके पास अत्याधुनिक उपकरण नहीं हैं. साथ ही स्टाफ की कमी से भी विभाग जूझ रहा है, लेकिन मौजूदा स्टाफ ओवर टाइम कर अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभा रहा है.

बिलासपुर : जिले में गर्मियों में आए दिन आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं, लेकिन आग से निपटने वाला दमकल विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. वहीं जो स्टाफ है उसमें से आधे से ज्यादा स्टाफ पूरी तरह प्रशिक्षित भी नहीं है, जिसका खामियाजा जान-माल को हो सकता है.

दमकल विभाग स्टाफ की कमी से जूझ रहा

दरअसल, जिले में 40 लोगों का स्टाफ है इनमें से आधे से ज्यादा स्टाफ अर्ध प्रशिक्षित स्टाफ है. इसके अलावा फायर ब्रिगेड वाहन के चालक भी सिर्फ 9 ही हैं. ऐसे में जब कभी एक से अधिक जगहों में आग लगने की घटनाएं सामने आती हैं तो ज्यादातर स्टाफ को ओवर ड्यूटी करनी पड़ती है.

हाइड्रोलिक वाहन की कमी
फायर बिग्रेड टीम के साथ सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि उनके पास एक भी हाइड्रोलिक वाहन नहीं है. इस कारण ऊंची इमारतों में आग की घटना घटने पर आग पर कापू करना मुश्किल हो जाता है.

अवेयरनेस की कमी
एक्सपर्ट की मानें तो ऐसी घटना को लेकर आम लोगों में भी अवेयरनेस की कमी है. ऐसी घटनाओं में लोग अक्सर पुलिस को फोन करते हैं फिर डायल 112 पर फोन लगाते हैं. इससे कम्युनिकेशन गैप होता है और इसका खामियाजा आग से पीड़ित हुए लोगों को उठाना पड़ता है.

शॉर्ट सर्किट अहम कारण
एक्सपर्ट के मुताबिक आग की घटना का सबसे अहम कारण है शॉर्टसर्किट. इसके लिए लोगों को बिजली के तारों को अक्सर चेक करवाते रहना चाहिए. इसके अलावा पुराने बिजली के ट्रांसफार्मर के नजदीक भी आग लगने की संभावना अत्यधिक रहती है. बिजली विभाग के लोगों को भी इस पर सतर्कता बरतनी चाहिए.

बिलासपुर और उसके आसपास के इलाकों में रोजाना 5 से 7 आग लगने की घटनाएं घटती हैं ऐसे में दमकल विभाग के कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि उनके पास अत्याधुनिक उपकरण नहीं हैं. साथ ही स्टाफ की कमी से भी विभाग जूझ रहा है, लेकिन मौजूदा स्टाफ ओवर टाइम कर अपनी ड्यूटी मुस्तैदी से निभा रहा है.

Intro:पूरे प्रदेश के साथ साथ बिलासपुर में भी इनदिनों आगजनी की घटना खूब घट रही है । एक तथ्य के मुताबिक बिलासपुर और उसके आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों औसतन रोज 5 से 7 आगजनी की घटना घटती है ।


Body:आगजनी के घटना के बाद फायर बिग्रेड की टीम को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । शहर में फायर बिग्रेड की टीम स्टाफ की कमी को झेल रहा है । एक तरफ जहां स्टाफ की कमी है तो वहीं कुल 40 स्टाफ की टीम में आधे से अधिक अर्ध प्रशिक्षित स्टाफ ड्यूटी कर रहे हैं । फायर बिग्रेड के वाहन को चलानेवाले चालक भी महज 9 हैं । जब एक से अधिक जगहों में आगजनी की घटना घटती है तो कई स्टाफों को ओवर ड्यूटी करनी पड़ती है । जिले में अग्निशमन दल के साथ सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि यहाँ एक भी अत्याधुनिक तकनीकी का हाइड्रोलिक वाहन नहीं है , जिससे ऊंची इमारतों में आगजनी की घटना घटने पर आग पर नियंत्रण करना मुश्किल हो जाता है । एक्सपर्ट की मानें तो आगजनी की घटना को लेकर आमलोगों में भी अवेर्नेस की भारी कमी है । आगजनी से प्रभावित लोग पहले पुलिस को फोन करते और फिर डायल 112 पर फोन लगाते । इससे कम्युनिकेशन गैप होता है और इसका खामियाजा आगजनी के पीड़ितों को उठाना पड़ता है । एक्सपर्ट के मुताबिक आगजनी के लिए सबसे अहम कारण है शॉर्टसर्किट । लिहाजा लोगों को चाहिए कि घर के बिजली तारों का चेकअप एक तय समय के बाद जरूर कराएं । इसके अलावा पुराने बिजली के ट्रांसफार्मर के नजदीक भी आग लगने की संभावना अत्यधिक रहती है।बिजली विभाग के लोगों को भी इस ओर सतर्कता बरतनी चाहिए ।

bite....पीबी सिदार....जिला अग्निशमन अधिकारी
विशाल झा.... बिलासपुर


Conclusion:
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