बिलासपुर: उद्योगों के निजीकरण, कमर्शियल माइनिंग, निजी क्षेत्रों में कोल ब्लॉकों के आवंटन, सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने ,श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी संशोधन के खिलाफ और अन्य मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन के तहत बिलासपुर में भी मजदूर संगठनों ने धरना प्रदर्शन किया. SECL के केंद्रीय महामंत्री का कहना है कि इससे सिर्फ उद्योगपतियों को फायदा होता है, न ही किसी मजदूर का.
केंद्र सरकार की नई नीतियों के खिलाफ मजदूरों यूनियनों का हल्ला बोल
उन्होंने राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता 8 और 9 में वर्णित प्रावधानों को बताते हुए कहा कि इसे कोयला वेतन समझौता-10 में भी लागू किया जाए. मजदूर संगठन आगे आने वाले दिनोंं में भी इन मुद्दों को लेकर देशव्यापी आंदोलन करेंगे और केंद्र सरकार की नई नीतियों के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे.
पढ़ें- भूपेश सरकार में चल रही खींचतान से जनता को हो रहा नुकसान : धरमलाल कौशिक
आगे भी जारी रहेगा मजदूर यूनियनों का प्रदर्शन
यूनियन ने स्पष्ट किया है कि आज का उनका आंदोलन भले ही सांकेतिक क्यों ना हो लेकिन उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया तो वो आगे उग्र आंदोलन करेंगे. वहीं SECL के कार्मिक विभाग के महाप्रबंधक एके सक्सेना ने कहा कि वो इस ज्ञापन का अध्ययन कर इसे आगे फॉरवर्ड करेंगे. इस आंदोलन में एटक,एचएमएस, इंटक और सीटू ने पूरे देश में अपनी भागीदारी निभाई है.