रायपुर: 14 मार्च से खरमास शुरू हो चुका है जो 13 अप्रैल कर रहेगा. इस अवधि में सूर्य मीन राशि में प्रवेश करता है. इस अवधि को खरमास कहा जाता है. इसका प्रभाव अलग-अलग राशियों में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही तरह का हो सकता है. खरमास के दौरान शुभ और मांगलिक कार्य शुरू नहीं होते हैं, लेकिन जो धार्मिक कार्य पहले से हो रहे हैं, वे वैसे ही चलते रहते हैं.
ज्योतिषाचार्य पंडित अरुण शर्मा की मानें तो सूर्य जैसे ही कुंभ राशि को छोड़कर देवगुरु बृहस्पति की राशि मीन में प्रवेश करते हैं, तो खरमास शुरू हो जाता है. इसे मलमास या मीनार्क मास भी कहा जाता है. इस दौरान सभी तरह के शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लग जाता है. सूर्य शनिवार को सुबह 11:52 मिनट में मीन राशि में प्रवेश कर चुके हैं और 13 अप्रैल तक मीन राशि में ही बने रहेंगे.
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गुरु प्रधान राशि में सूर्य का प्रवेश
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुरु प्रधान राशि में सूर्य का प्रवेश करना एक मलीन घटना होती है. इसलिए इस दौरान शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है. क्योंकि इसके परिणाम बेहतर नहीं होंगे. हालांकि ग्रह संबंधी बाधाओं और अन्य कष्टों के निवारण के लिए इस अवधि को उपयुक्त भी माना गया है.