बिलासपुर: शहर के बस स्टेशन में जशपुर और झारखंड के 50 से ज्यादा मजदूर 3 दिनों से फंसे हुए हैं. मजदूरों का कहना है कि शनिवार से वे लोग बिलासपुर बस स्टैंड पर रुके हुए हैं. लेकिन शासन की ओर से उन्हें घर वापसी के लिए कोई भी साधन मुहैया नहीं कराया जा रहा है.
फंसे हुए मजदूरों में एक गर्भवती महिला भी है. परिवारवालों का कहना है कि बच्चे की डिलीवरी इसी महीने होनी है. ऐसे में शासन से हमारी गुजारिश है कि जल्द से जल्द हमें घर रवाना किए जाने की व्यवस्था की जाए. हालांकि मजदूरों ने कहा कि उन्हें खाने-पीने से संबंधित कोई भी परेशानी नहीं है. प्रशासन ने बस स्टैंड में उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की है.
रोजगार की तलाश में गए थे अहमदाबाद
झारखंड और जशपुर के 50 से ज्यादा मजदूर रोजगार की तलाश में गुजरात के अहमदाबाद गए हुए थे. लॉकडाउन में वे अहमदाबाद से अपने घर वापसी के लिए बिलासपुर पहुंचे. लेकिन बिलासपुर के बस स्टैंड में बस की व्यवस्था ना होने के कारण वे यहीं फंस कर रह गए. मजदूरों का कहना है कि प्रशासन ने उन्हें आश्वासन दिया गया है कि मंगलवार की रात 12 बजे या बुधवार की सुबह तक उनके लिए बस की व्यवस्था कर दी जाएगी.
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मामले में दायर की गई है याचिका
प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई है. संजय गुप्ता की ओर से दायर की गई इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य शासन से प्रवासी मजदूरों के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं इसको लेकर जवाब तलब भी किया है. वहीं मामले पर सुनवाई के दौरान शासन की ओर से खड़े हुए महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 'प्रदेश में 900 से ज्यादा बसों का इंतजाम मजदूरों की घर वापसी के लिए किया गया है. जिसमें से 200 बसें अकेले बिलासपुर से चलाई जा रही है. मामले पर अब अगले हफ्ते फिर से सुनवाई होनी है'.