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आईपीएस मुकेश गुप्ता समेत कई बड़े अधिकारियों को हाईकोर्ट से राहत

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Published : Mar 3, 2021, 8:27 PM IST

आईपीएस मुकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह समेत अन्य कई बड़े अधिकारियों को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर रोक लगा दी है.

chhattisgarh high court
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट

बिलासपुर: 5 साल पहले जल संसाधन विभाग के ईई के घर आयकर विभाग ने छापा मार कार्रवाई की थी. इस मामले में आईपीएस मुकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह समेत अन्य कई बड़े अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए थे. जिसपर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई जस्टिस सामन्त की सिंगल बेंच में की गई.

अधिकारियों को हाईकोर्ट से राहत

जल संसाधन विभाग के ईई आलोक अग्रवाल के घर ईओडब्ल्यू एसीबी ने छापामार कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई के बाद आलोक अग्रवाल के साथ ही उनके भाई पवन अग्रवाल उनके परिवार के लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. इस मामले में आलोक अग्रवाल की तब गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन अग्रवाल के परिजनों ने EOW और ACB की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे. परिजनों ने आरोप लगाया था कि आलोक अग्रवाल के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों की संपत्ति और सामान को अवैध कमाई बताया गया है. इस कार्रवाई के दौरान कई सामान गायब हो गए और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है.

भिलाई नगर निगम के वार्ड परिसीमन की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारीज

हाईकोर्ट ने फैसले पर लगाई रोक

कार्रवाई तत्कालीन एसपी रजनीश सिंह के नेतृत्व में हुई थी. आलोक अग्रवाल के भाई पवन अग्रवाल ने इस मामले में बिलासपुर के जिला न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था. केस में सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने सिविल लाइन थाने को मुकेश गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद अधिकारियों ने अपने वकील के जरिये हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एफआईआर पर रोक लगा दी है.

बिलासपुर: 5 साल पहले जल संसाधन विभाग के ईई के घर आयकर विभाग ने छापा मार कार्रवाई की थी. इस मामले में आईपीएस मुकेश गुप्ता, पुलिस अधीक्षक रजनीश सिंह समेत अन्य कई बड़े अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए गए थे. जिसपर हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है. मामले की सुनवाई जस्टिस सामन्त की सिंगल बेंच में की गई.

अधिकारियों को हाईकोर्ट से राहत

जल संसाधन विभाग के ईई आलोक अग्रवाल के घर ईओडब्ल्यू एसीबी ने छापामार कार्रवाई की थी. इस कार्रवाई के बाद आलोक अग्रवाल के साथ ही उनके भाई पवन अग्रवाल उनके परिवार के लोगों के खिलाफ ईओडब्ल्यू एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था. इस मामले में आलोक अग्रवाल की तब गिरफ्तारी भी हुई थी, लेकिन अग्रवाल के परिजनों ने EOW और ACB की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे. परिजनों ने आरोप लगाया था कि आलोक अग्रवाल के साथ-साथ उनके परिवार के लोगों की संपत्ति और सामान को अवैध कमाई बताया गया है. इस कार्रवाई के दौरान कई सामान गायब हो गए और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ की गई है.

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हाईकोर्ट ने फैसले पर लगाई रोक

कार्रवाई तत्कालीन एसपी रजनीश सिंह के नेतृत्व में हुई थी. आलोक अग्रवाल के भाई पवन अग्रवाल ने इस मामले में बिलासपुर के जिला न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया था. केस में सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने सिविल लाइन थाने को मुकेश गुप्ता समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश जारी किया था. इसके बाद अधिकारियों ने अपने वकील के जरिये हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए एफआईआर पर रोक लगा दी है.

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