बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार गांजा की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं. प्रदेश की पुलिस कार्रवाई भी कर रही है. गांजा तस्कर तस्करी के लिए नए साधन और नई राह तलाशते रहते हैं. तस्कर अब ट्रेन और ट्रेन रूट को सुरक्षित मान रहे हैं. इन दिनों लगातार गांजा की तस्करी ट्रेनों के माध्यम से होने लगी (Ganja smuggling by train in Chhattisgarh ) है.
हजारों तस्कर गिरफ्तार: दरअसल, गांजा बाहर प्रदेशों से लाकर छत्तीसगढ़ में तस्करी किया जा रहा है. गांजा तस्करी से जुड़े तस्कर अब छत्तीसगढ़ को सुरक्षित और अधिक कमाई वाला राज्य मानते हैं. छत्तीसगढ़ में गांजा की तस्करी अत्यधिक मात्रा में की जाती रही है. इसका प्रमाण यह भी है कि छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में लगातार गांजा तस्करी को पकड़ने में पुलिस सफलता हासिल कर रही है. लाखो टन गांजा की तस्करी को रोकने में पुलिस कामयाब रही है. हजारों तस्करों को गिरफ्तार भी कर चुकी है.
ट्रेन क्यों बन रहा तस्करी का सुरक्षित माध्यम: पिछले वर्ष जशपुर में गांजा तस्करों ने तस्करी करते पकड़े जाने के भय से तेजी से वाहन भगाते हुए मुख्य मार्ग पर चल रही भीड़ पर गाड़ी चढ़ा कर उन्हें रौंद दिया था, जिसमें कुछ की मौत भी हो गई थी. इसके बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गांजा तस्करी के मामले में पुलिस को सख्त निर्देश दिए थे. तस्करों को रोकने के लिए पुलिस राज्य के बॉर्डर पर चेक पोस्ट लगाकर गाड़ियों की जांच कर रही है. तस्करी भी पकड़ रही है. यही कारण है कि तस्कर राज्य की पुलिस से परेशान होकर ट्रेनों को सुरक्षित माध्यम मानने लगे हैं. गांजा तस्कर ट्रेनों के माध्यम से गांजा की तस्करी कर रहे हैं. पिछले दिनों आरपीएफ के द्वारा पकड़े गए गांजा तस्कर के मामलों को देख कर लगने लगा है कि गांजा तस्करों के लिए ट्रेन सबसे अच्छा माध्यम साबित हो रहा है.
एक माह में पकड़े गए मामले: ट्रेनों में हो रही गांजा तस्करी के मामले में आरपीएफ ने भी अच्छा काम किया है. आरपीएफ ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के इतवारी स्टेशन से लेकर कटनी स्टेशन के बीच एक माह में लगभग 9 मामले पकड़े हैं, जिसमें 109 किलो गांजा सहीत गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया गया है. आरपीएफ ने लगभग 5 लाख का गांजा बरामद किया है. एक माह में इतनी बड़ी कार्रवाई ने साबित कर दिया है कि गांजा तस्करों के लिए ट्रेन सुरक्षित माध्यम बन गया है. लेकिन आरपीएफ ने भी बड़ी कार्रवाई की है. तस्करों के भ्रम भी अब गांजा तस्करों को नुकसान पहुंचाने लगा है.
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ओडिशा से आने वाले ट्रेनों से ज्यादा हो रही गांजे की तस्करी: आरपीएफ ने एक माह में लगभग 9 गांजा के तस्करी के मामले पकड़े हैं. इनमें ज्यादातर मामले ओडिशा से आने वाले ट्रेनों में हो रहे गांजा तस्करी के हैं. पुलिस की मानें तो छत्तीसगढ़ में ज्यादातर गांजा ओडिशा राज्य से सप्लाई होती है. यहां से फिर दूसरे राज्यों तक गांजा पहुंचाया जाता है. गांजा तस्कर छत्तीसगढ़ को अपना बेसकैंप मान रहे हैं. यहां से आगे के राज्यों में इसकी तस्करी की जाती है. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ से लगे ओडिशा बॉर्डर में गांजा की तस्करी ज्यादा होती है. यह गांजा छत्तीसगढ़ के दूसरे जिलों में पहुंचाया जाता है. आरपीएफ के डीएससी ऋषि शुक्ला ने ट्रेनों से पकड़े गए गांजा तस्करी के मामले में बताया कि छत्तीसगढ़ में ओडिशा की तरफ से गांजा लाया जाता है. ज्यादा मामले उन्होंने ओडिशा से आने वाले ट्रेनों में किए जा रहे तस्करी के पकड़े हैं. डीएससी ऋषि शुक्ला के जवाब ने यह साबित कर दिया कि ओडिशा से गांजा अत्यधिक मात्रा में यहां आता है, लेकिन यह एक सवाल भी है कि आखिर ओडिशा से छत्तीसगढ़ के बॉर्डर तक गांजा पहुंचता कैसे है?