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राम मंदिर जमीन घोटाला: 'हनुमान कोर्ट' में सुनवाई की गुहार लेकर पहुंचे कांग्रेसी, 100 रुपए दी 'फीस'

राम मंदिर जमीन घोटाला (Ram mandir land scam ) को लेकर कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के सदस्य रामभक्त हनुमान के दर पहुंच गए हैं. उनका कहना है कि श्रीराम के नाम पर बीजेपी धोखा कर रही है. लिहाजा खुद हनुमान जी को इस पूरे मामले में कार्रवाई करनी होगी.

in bilaspur Congress law cell members reached Hanuman temple regarding Ram temple land scam
राम मंदिर जमीन घोटाला को लेकर कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के सदस्य हनुमान मंदिर पहुंचे
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Published : Jun 18, 2021, 5:00 PM IST

Updated : Jun 18, 2021, 7:19 PM IST

बिलासपुर: राम मंदिर (ram mandir ) के नाम से जमीन खरीद घोटाले को लेकर सियासत जारी है. बिलासपुर में कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ मामले को लेकर राम भक्त हनुमान के दरबार पहुंच गया है. कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने हनुमान भगवान के दरबार में 100 रुपये कोर्ट फीस के साथ अपील की है. इस अपील के जरिए राम के नाम पर झूठी राजनीति करने वाले बीजेपी, RSS और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की है. इसके साथ ही कांग्रेस ने जमीन खरीद घोटाले को लेकर विरोध जताया है.

राम मंदिर जमीन घोटाला को लेकर कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के सदस्य हनुमान मंदिर पहुंचे

हनुमान मंदिर पहुंचे कांग्रेसी

कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ (Congress law cell) और शहर कांग्रेस के पदाधिकारी मंगला हनुमान मंदिर (Mangala Hanuman Temple) पहुंचे. राम भक्त हनुमान के नाम पर शिकायत पत्र सौंपते हुए कहा कि बीजेपी, RSS और विश्व हिंदू परिषद सहित उनके कई संगठन राम के नाम का सहारा लेकर सत्ता में काबिज हुए हैं. कांग्रेस शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहा कि राम के नाम पर देश की जनता को धोखे में रखा जा रहा है. राम मंदिर (ram mandir ) के निर्माण पर दो करोड़ की जमीन को 20 करोड़ में खरीद कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है. इसी के खिलाफ हनुमान जी को याचिका सौंपी गई है.

हनुमान भगवान से न्याय दिलाने की मांग

कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के संदीप दूबे ने कहा कि ये ना सिर्फ जनता के साथ धोखा है. बल्कि प्रभु श्री राम के साथ भी धोखा है. लिहाजा कांग्रेसियों ने इस धोखे के लिए 'बजरंगबली के कोर्ट' में प्रकरण चलाकर न्याय करने की मांग की है. इसके लिए कोर्ट फीस के नाम पर 100 रुपये भी हनुमान जी के चरणों में चढ़ाए गए हैं. कांग्रेस ने मंगला हनुमान (Mangala Hanuman Temple) से बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर असली राम भक्तों को राम मंदिर निर्माण (ram mandir nirman) करने की अनुमति देने की मांग की.

सीएम बघेल ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिया था सवा लाख का चंदा, कांग्रेस ने पूछे ये 3 सवाल

बजरंगबली के सामने याचिका भी पढ़ी

हनुमानजी की प्रतिमा के सामने याचिका पेश करने से पहले संदीप दुबे ने याचिका को पढ़कर सुनाया. इसके बाद उनके चरणों में रखकर मांग की.

सीएम बघेल बोले- 5 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ की कैसे हो गई, यह सबसे बड़ा सवाल

बीते दिनों छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी राम मंदिर जमीन घोटाले पर सवाल पूछा था कि 5 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ रुपये की कैसे हो गई. इसको लेकर जिम्मेदारों को आरोपों का जवाब देना चाहिए. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी इसे लेकर तीखे सवाल किए हैं और लगातार ट्वीट किए थे. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ट्वीट किया था कि 'रामलला वो आ गए, जमीन बेचकर खा गए' और 'भाजपा मतलब भ्रष्टाचार'. अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई भूमि में भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने मामले की जांच की मांग की है. प्रियंका गांधी ने सोमवार को कहा कि भक्तों के दान का दुरुपयोग पाप और उनकी आस्था का अपमान है.

ये है आरोप की वजह

राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्‍था से जुड़ा मामला है. राम मंदिर निर्माण (ram mandir nirman) के नाम पर देश भर से लोगों ने हजारों करोड़ रुपये ट्रस्‍ट को चंदे के रूप में दिए हैं. दस्तावेजों के आधार पर अयोध्‍या (Ayodhya) में गाटा संख्‍या 243, 244, 246 की जमीन, जिसकी मालियत पांच करोड़ अस्‍सी लाख रुपये है, उसका मालिकाना हक कुसुम पाठक का था. कुसुम पाठक ने जमीन का समझौता रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से पहले ही कर लिया था. वहीं समझौता कागजी तौर पर इस साल 18 मार्च 2021 को फाइनल हुआ. जमीन कुसुम पाठक (Kusum Pathak) ने दो करोड़ में रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी को बेच दी. इस जमीन खरीद में दो गवाह बने, एक अनिल मिश्र और दूसरे ऋषिकेश उपाध्‍याय, जो अयोध्‍या के मेयर हैं. 18 मार्च 2021 को ही रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ में खरीदी गई जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को साढ़े 18 करोड़ रुपए में बेच दी. 17 करोड़ रुपये आरटी‍जीएस कर दिया गया. अब इसी डील को लेकर विवाद शुरू हो गया है. आरोप है कि लगभग साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम कैसे बढ़ गया ? जिस जमीन का विवाद है उसका एरिया है 12080 वर्ग मीटर, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में पड़ने वाली इस जमीन पर जन्मभूमि के कुछ मंदिर बनाए जाने की योजना है.

राम मंदिर परिसर (Ram Mandir parisar) के आस-पास की जमीनें खरीद रहा ट्रस्ट

राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को केंद्र सरकार की तरफ से 70 एकड़ जमीन मिली थी. इस जमीन को केंद्र सरकार ने अधिग्रहित किया था. ट्रस्ट ने राम मंदिर के विस्तार का प्लान बनाया, जिसके लिए 38 एकड़ अतिरिक्त जमीन चाहिए. इसके लिए राम जन्मभूमि परिसर के आसपास की जमीनें खरीदी जा रही हैं.

राम मंदिर परिसर पहले तीन एकड़ में बनना था, जिसे अब पांच एकड़ में बनाया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ (Shri Ram Janmabhoomi Teerth) क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर परिसर के पास स्थित दो मंदिरों को जमीन सहित 4-4 करोड़ रुपये में खरीदा है. जिन लोगों से जमीनें खरीदी जा रही हैं, उन्हें दूसरी जगह स्थापित भी कराया जा रहा है. कोर्ट फीस और स्टाम्प पेपर की खरीदारी ऑनलाइन की जा रही है.

बिलासपुर: राम मंदिर (ram mandir ) के नाम से जमीन खरीद घोटाले को लेकर सियासत जारी है. बिलासपुर में कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ मामले को लेकर राम भक्त हनुमान के दरबार पहुंच गया है. कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के कार्यकर्ताओं ने हनुमान भगवान के दरबार में 100 रुपये कोर्ट फीस के साथ अपील की है. इस अपील के जरिए राम के नाम पर झूठी राजनीति करने वाले बीजेपी, RSS और विश्व हिंदू परिषद के खिलाफ कार्रवाई करने की गुजारिश की है. इसके साथ ही कांग्रेस ने जमीन खरीद घोटाले को लेकर विरोध जताया है.

राम मंदिर जमीन घोटाला को लेकर कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के सदस्य हनुमान मंदिर पहुंचे

हनुमान मंदिर पहुंचे कांग्रेसी

कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ (Congress law cell) और शहर कांग्रेस के पदाधिकारी मंगला हनुमान मंदिर (Mangala Hanuman Temple) पहुंचे. राम भक्त हनुमान के नाम पर शिकायत पत्र सौंपते हुए कहा कि बीजेपी, RSS और विश्व हिंदू परिषद सहित उनके कई संगठन राम के नाम का सहारा लेकर सत्ता में काबिज हुए हैं. कांग्रेस शहर अध्यक्ष प्रमोद नायक ने कहा कि राम के नाम पर देश की जनता को धोखे में रखा जा रहा है. राम मंदिर (ram mandir ) के निर्माण पर दो करोड़ की जमीन को 20 करोड़ में खरीद कर बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है. इसी के खिलाफ हनुमान जी को याचिका सौंपी गई है.

हनुमान भगवान से न्याय दिलाने की मांग

कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के संदीप दूबे ने कहा कि ये ना सिर्फ जनता के साथ धोखा है. बल्कि प्रभु श्री राम के साथ भी धोखा है. लिहाजा कांग्रेसियों ने इस धोखे के लिए 'बजरंगबली के कोर्ट' में प्रकरण चलाकर न्याय करने की मांग की है. इसके लिए कोर्ट फीस के नाम पर 100 रुपये भी हनुमान जी के चरणों में चढ़ाए गए हैं. कांग्रेस ने मंगला हनुमान (Mangala Hanuman Temple) से बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर असली राम भक्तों को राम मंदिर निर्माण (ram mandir nirman) करने की अनुमति देने की मांग की.

सीएम बघेल ने राम मंदिर निर्माण के लिए दिया था सवा लाख का चंदा, कांग्रेस ने पूछे ये 3 सवाल

बजरंगबली के सामने याचिका भी पढ़ी

हनुमानजी की प्रतिमा के सामने याचिका पेश करने से पहले संदीप दुबे ने याचिका को पढ़कर सुनाया. इसके बाद उनके चरणों में रखकर मांग की.

सीएम बघेल बोले- 5 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ की कैसे हो गई, यह सबसे बड़ा सवाल

बीते दिनों छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी राम मंदिर जमीन घोटाले पर सवाल पूछा था कि 5 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ रुपये की कैसे हो गई. इसको लेकर जिम्मेदारों को आरोपों का जवाब देना चाहिए. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने भी इसे लेकर तीखे सवाल किए हैं और लगातार ट्वीट किए थे. छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ट्वीट किया था कि 'रामलला वो आ गए, जमीन बेचकर खा गए' और 'भाजपा मतलब भ्रष्टाचार'. अयोध्या में राम जन्मभूमि ट्रस्ट द्वारा खरीदी गई भूमि में भ्रष्टाचार के आरोपों पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत तमाम विपक्षी नेताओं ने मामले की जांच की मांग की है. प्रियंका गांधी ने सोमवार को कहा कि भक्तों के दान का दुरुपयोग पाप और उनकी आस्था का अपमान है.

ये है आरोप की वजह

राम मंदिर करोड़ों लोगों की आस्‍था से जुड़ा मामला है. राम मंदिर निर्माण (ram mandir nirman) के नाम पर देश भर से लोगों ने हजारों करोड़ रुपये ट्रस्‍ट को चंदे के रूप में दिए हैं. दस्तावेजों के आधार पर अयोध्‍या (Ayodhya) में गाटा संख्‍या 243, 244, 246 की जमीन, जिसकी मालियत पांच करोड़ अस्‍सी लाख रुपये है, उसका मालिकाना हक कुसुम पाठक का था. कुसुम पाठक ने जमीन का समझौता रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से पहले ही कर लिया था. वहीं समझौता कागजी तौर पर इस साल 18 मार्च 2021 को फाइनल हुआ. जमीन कुसुम पाठक (Kusum Pathak) ने दो करोड़ में रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी को बेच दी. इस जमीन खरीद में दो गवाह बने, एक अनिल मिश्र और दूसरे ऋषिकेश उपाध्‍याय, जो अयोध्‍या के मेयर हैं. 18 मार्च 2021 को ही रवि मोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने दो करोड़ में खरीदी गई जमीन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को साढ़े 18 करोड़ रुपए में बेच दी. 17 करोड़ रुपये आरटी‍जीएस कर दिया गया. अब इसी डील को लेकर विवाद शुरू हो गया है. आरोप है कि लगभग साढ़े पांच लाख रुपये प्रति सेकेंड की दर से जमीन का दाम कैसे बढ़ गया ? जिस जमीन का विवाद है उसका एरिया है 12080 वर्ग मीटर, रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में पड़ने वाली इस जमीन पर जन्मभूमि के कुछ मंदिर बनाए जाने की योजना है.

राम मंदिर परिसर (Ram Mandir parisar) के आस-पास की जमीनें खरीद रहा ट्रस्ट

राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट को केंद्र सरकार की तरफ से 70 एकड़ जमीन मिली थी. इस जमीन को केंद्र सरकार ने अधिग्रहित किया था. ट्रस्ट ने राम मंदिर के विस्तार का प्लान बनाया, जिसके लिए 38 एकड़ अतिरिक्त जमीन चाहिए. इसके लिए राम जन्मभूमि परिसर के आसपास की जमीनें खरीदी जा रही हैं.

राम मंदिर परिसर पहले तीन एकड़ में बनना था, जिसे अब पांच एकड़ में बनाया जाएगा. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ (Shri Ram Janmabhoomi Teerth) क्षेत्र ट्रस्ट ने मंदिर परिसर के पास स्थित दो मंदिरों को जमीन सहित 4-4 करोड़ रुपये में खरीदा है. जिन लोगों से जमीनें खरीदी जा रही हैं, उन्हें दूसरी जगह स्थापित भी कराया जा रहा है. कोर्ट फीस और स्टाम्प पेपर की खरीदारी ऑनलाइन की जा रही है.

Last Updated : Jun 18, 2021, 7:19 PM IST
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