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बिलासपुर में सरकारी गाइडलाइन की अनदेखी, देररात तक फूटते रहे पटाखे - बिलासपुर न्यूज

बिलासपुर में जन जागरूकता की कमी साफ नजर आई. पटाखों को लेकर जारी सरकारी दिशानिर्देशों के बाद भी लोग यहां देर रात कर पटाके फोड़ते रहे.

ignoring government guideline in bilaspur firecrackers exploding till late night
देर रात तक फूटते रहे पटाखे
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Published : Nov 16, 2020, 4:19 PM IST

बिलासपुर: जिले में दिवाली पर इस बार जमकर पटाखे फूटे. देर रात तक पटाखों का गूंज भी गूंजती रही. ये हाल उस समय हुआ जब जिला प्रशासन ने ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों का पालन करने की लोगों से की अपील की थी.

देर रात तक फूटते रहे पटाखे

सरकारी गाइडलाइन की अनदेखी

जिले में दिवाली के दिन सरकार के पटाखे फोड़ने को लेकर जारी किए गए गाइडलाइन की अनदेखी करते हुए जमकर पटाखे फोड़े गए. दिवाली का त्योहार मनाने के उत्साह में लोगों ने देर रात तक पटाखे फोड़कर वायु और ध्वनि दोनों को ही प्रदूषित किया.

दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पटाखों के संबंध में आदेश पारित किया था कि जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषप्रद अथवा मध्यम श्रेणी का है. वहां केवल हरित पटाखों को बेचा और खरीदा जा सकेगा.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में इस साल 'हेल्दी' दिवाली, 10 साल में सबसे कम हुआ ध्वनि और वायु प्रदूषण

देररात तक फूटते रहे पटाखे

प्रशासन की तरफ से पटाखों को फोड़ने की अवधि रात 8 बजे से 10 बजे तक 2 घंटे निर्धारित की गई थी, लेकिन इसका पालन कहीं नहीं दिखा और लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े.

जानकार व जागरूक लोगों ने इसको लेकर कहा की सभी को सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक तरफ किसानों को पराली जलाने से मना किया जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ लोग नियमों का उल्लंघन करते है.

बिलासपुर: जिले में दिवाली पर इस बार जमकर पटाखे फूटे. देर रात तक पटाखों का गूंज भी गूंजती रही. ये हाल उस समय हुआ जब जिला प्रशासन ने ग्रीन ट्रिब्यूनल के नियमों का पालन करने की लोगों से की अपील की थी.

देर रात तक फूटते रहे पटाखे

सरकारी गाइडलाइन की अनदेखी

जिले में दिवाली के दिन सरकार के पटाखे फोड़ने को लेकर जारी किए गए गाइडलाइन की अनदेखी करते हुए जमकर पटाखे फोड़े गए. दिवाली का त्योहार मनाने के उत्साह में लोगों ने देर रात तक पटाखे फोड़कर वायु और ध्वनि दोनों को ही प्रदूषित किया.

दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने पटाखों के संबंध में आदेश पारित किया था कि जिन शहरों में वायु गुणवत्ता का स्तर अच्छा या संतोषप्रद अथवा मध्यम श्रेणी का है. वहां केवल हरित पटाखों को बेचा और खरीदा जा सकेगा.

पढ़ें: छत्तीसगढ़ में इस साल 'हेल्दी' दिवाली, 10 साल में सबसे कम हुआ ध्वनि और वायु प्रदूषण

देररात तक फूटते रहे पटाखे

प्रशासन की तरफ से पटाखों को फोड़ने की अवधि रात 8 बजे से 10 बजे तक 2 घंटे निर्धारित की गई थी, लेकिन इसका पालन कहीं नहीं दिखा और लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े.

जानकार व जागरूक लोगों ने इसको लेकर कहा की सभी को सरकार के नियमों का पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक तरफ किसानों को पराली जलाने से मना किया जाता है, तो वहीं दूसरी तरफ लोग नियमों का उल्लंघन करते है.

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