बिलासपुर: बीएड कॉलेज रायपुर और बिलासपुर में भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन पिछले साल आमंत्रित किए गए थे. इस प्रक्रिया के दौरान निरस्त किए गए अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. बीएड कॉलेज में एडमिशन निरस्त करने पर हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए कहा है कि याचिकाकर्ताओं की पढ़ाई कॉलेज में जारी रहेगी. लेकिन याचिकाकर्ताओं का प्रवेश याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रहेगा.
याचिकाकर्ता सपना राही और कई अन्य अभ्यर्थी शिक्षक और व्याख्याता के रूप में अभी कार्यरत हैं. उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया है कि रायपुर और बिलासपुर में बीएड भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन पिछले साल आमंत्रित किए गए थे. जिसके आधार पर भर्ती प्रक्रिया में सफलता पूर्ण भाग लेने के बाद उनका एडमिशन कॉलेज में हो गया था. लेकिन कॉलेज प्रशासन ने 3 महीने बाद उनका एडमिशन निरस्त कर दिया. कॉलेज का कहना था कि डीएड और डीएलएड प्रशिक्षित लोगों को एडमिशन नहीं दिया जाएगा. नियम के अनुसार अशिक्षित को ही प्राथमिकता दिया जाना है. इसलिए उनका प्रवेश निरस्त किया जा रहा है.
हाईकोर्ट ने DGP समेत कई पुलिस अधिकारियों को किया जवाब तलब
शासन से जवाब तलब
कॉलेज प्रशासन के लिए गए इस फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने अपने वकील के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट के सामने तर्क दिया कि नियमानुसार डीएड और डीएलएड अभ्यर्थी भी बीएड कॉलेज में एडमिशन लेने के लिए पात्र हैं. तर्क में बताया गया कि प्राथमिकता की स्थिति तब आती है जब प्रशिक्षित और अप्रशिक्षित का अंक समान हो. पूरे मामले पर सुनवाई के बाद जस्टिस गौतम भादुड़ी की सिंगल बेंच ने कॉलेज के प्रवेश निरस्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए शासन से जवाब तलब किया है.