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कोरोना वायरस को देखते हुए हाईकोर्ट 31 मार्च तक बंद - बिलासपुर हाई कोर्ट

कोरोना वायरस को देखते हुए सोमवार को हाईकोर्ट में बैठक हुई. बैठक में यह फैसला लिया गया है कि 31 मार्च तक हाईकोर्ट का काम पूरी तरह बंद रहेगा.

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कोरोना वायरस को देखते हुए हाई कोर्ट 31 मार्च तक बंद
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Published : Mar 23, 2020, 9:31 PM IST

बिलासपुर: कोरोना वायरस को देखते हुए सोमवार को हाईकोर्ट में बैठक हुई. बैठक में यह फैसला लिया गया है कि 31 मार्च तक हाईकोर्ट का कामकाज पूरी तरह बंद रहेगा. इस बैठक में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन, मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस प्रशांत मिश्रा समेत महाधिवक्ता, स्टेट बार काउंसिल अध्यक्ष और बार एसोसिएशन अध्यक्ष भी मौजूद थे.

कोरोना वायरस को देखते हुए हाई कोर्ट 31 मार्च तक बंद

मीटिंग में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष यह आवेदन किया गया कि कोरोना वायरस की भयावह स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट के कामकाज पर 31 मार्च तक कम से कम रोक लगाई जाए. मीटिंग में बताया गया कि केरल हाईकोर्ट ने भी अपने कामकाज पर 8 अप्रैल तक रोक लगा दी है. महाधिवक्ता, बार काउंसिल अध्यक्ष और बार एसोसिएशन अध्यक्ष के आग्रह पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपलोग अपनी मांग को लिखित में प्रस्तुत करें.

हाईकोर्ट कर्मचारियों कि उपस्तिथि इस दौरान शून्य रहेगी. हालांकि अति आवश्यक कोई मामले पर सुनवाई की जरूरत रहेगी तो उसे रजिस्ट्रार जनरल के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं रजिस्ट्रार जनरल अति आवश्यक मामले पर जजों की बेंच बिठाई जा सकती है.

बिलासपुर: कोरोना वायरस को देखते हुए सोमवार को हाईकोर्ट में बैठक हुई. बैठक में यह फैसला लिया गया है कि 31 मार्च तक हाईकोर्ट का कामकाज पूरी तरह बंद रहेगा. इस बैठक में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रामचंद्र मैनन, मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव और जस्टिस प्रशांत मिश्रा समेत महाधिवक्ता, स्टेट बार काउंसिल अध्यक्ष और बार एसोसिएशन अध्यक्ष भी मौजूद थे.

कोरोना वायरस को देखते हुए हाई कोर्ट 31 मार्च तक बंद

मीटिंग में मुख्य न्यायाधीश के समक्ष यह आवेदन किया गया कि कोरोना वायरस की भयावह स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट के कामकाज पर 31 मार्च तक कम से कम रोक लगाई जाए. मीटिंग में बताया गया कि केरल हाईकोर्ट ने भी अपने कामकाज पर 8 अप्रैल तक रोक लगा दी है. महाधिवक्ता, बार काउंसिल अध्यक्ष और बार एसोसिएशन अध्यक्ष के आग्रह पर चीफ जस्टिस ने कहा कि आपलोग अपनी मांग को लिखित में प्रस्तुत करें.

हाईकोर्ट कर्मचारियों कि उपस्तिथि इस दौरान शून्य रहेगी. हालांकि अति आवश्यक कोई मामले पर सुनवाई की जरूरत रहेगी तो उसे रजिस्ट्रार जनरल के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. वहीं रजिस्ट्रार जनरल अति आवश्यक मामले पर जजों की बेंच बिठाई जा सकती है.

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