मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में सरगुजा और बस्तर संभाग में ओबीसी आरक्षण को शून्य करने और प्रदेश के नगरीय निकायों में आरक्षण को कम करने के विरोध में सर्व पिछड़ा वर्ग और ओबीसी महासभा ने मंगलवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया.
मनेंद्रगढ़ में ओबीसी वर्ग का प्रदर्शन: यह प्रदर्शन मनेंद्रगढ़ स्थित कलेक्टर कार्यालय के पास आयोजित किया गया, जिसमें विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, पूर्व विधायक गुलाब कमरो, नगरपालिका अध्यक्ष प्रभा पटेल, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, और डॉ. विनय जायसवाल सहित बड़ी संख्या में ओबीसी वर्ग के लोग शामिल हुए.
सरगुजा और बस्तर में ओबीसी आरक्षण शून्य क्यों हुआ: साल 2024 में 28 अक्टूबर को साय कैबिनट की अहम बैठक में त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बड़ा फैसला किया गया. इस फैसले के मुताबिक पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50 प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा तक रिजर्वेशन देने का ऐलान किया गया. यानी ऐसे निकाय जहां एसटी और एससी वर्ग का आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा है तो वहां अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य हो जाएगा.
कैबिनेट के नए फैसले के अनुसार पंचायत राज अधिनियम में संशोधन के बाद सरगुजा और बस्तर संभाग में ओबीसी आरक्षण शून्य हो गया है. नगरीय निकायों में भी आरक्षण कम कर दिया गया है. नए प्रावधान के तहत, जहां अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 50% है, वहां ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा.
ओबीसी आरक्षण शून्य करने को लेकर प्रदर्शन: मनेंद्रगढ़ कलेक्टर कार्यालय के पास ओबीसी समाज के प्रदर्शन में शामिल हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने विष्णुदेव साय सरकार पर जमकर हमला बोला. चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य बन गया है जिसने ओबीसी के आरक्षण को खत्म करने की दिशा में कदम उठाया है. यह संविधान के खिलाफ है और ओबीसी के साथ अन्याय है. कांग्रेस के समय में भी संविधान था, हमारी सरकार के समय जहां 50 प्रतिशत आरक्षण था वहां ओबीसी को 25 प्रतिशत आरक्षण दिया जाता था. सरकार का काम है संविधान की व्यवस्था का लाभ हर वर्ग को मिले. महंत ने छत्तीसगढ़ सरकार को चुनौती भी दी.
साय सरकार संभल जाए, देरी नहीं हुई है. चुनाव में क्या नतीजे आएंगे, देख लीजिएगा.- चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष, छत्तीसगढ़ विधानसभा
आरक्षण नहीं तो आंदोलन की तैयारी: ओबीसी महासभा के संयोजक रामनरेश पटेल ने कहा कि सरगुजा और बस्तर संभाग में ओबीसी का आरक्षण जीरो हो गया है. नए नियम के तहत ये प्रावधान किया गया है कि जिस ग्राम पंचायत में एसटी एससी 50 प्रतिशत है वहां ओबीसी को कोई आरक्षण नहीं मिलेगा. जबकि सरगुजा और बस्तर संभाग में अब तक ओबीसी को आरक्षण मिलता आया है. रामनरेश पटेल ने कहा कि यदि पूर्व की स्थिति बहाल नहीं की गई तो आंदोलन तेज होगा.
जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी होनी चाहिए. सरकार हमारी मांगें नहीं मानेगी तो हम उग्र प्रदर्शन करेंगे.- रामनरेश पटेल, संयोजक, ओबीसी महासभा
महंत ने कहा कि सरकार को पांच साल के अंदर चुनाव कराना पड़ेगा. उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव ना कराकर प्रशासक नियुक्त कर हर स्तर पर भ्रष्टाचार करने के लिए ऐसा किया जा रहा है.