बिलासपुर: राज्य सरकार ने महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से कराए जाने को लेकर दायर याचिकाओं पर गुरुवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई की गई. शासन के जवाब के बाद आज यानी गुरुवार को कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को रिज्वाइंडर पेश करने का आदेश दिया है.
इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने रिज्वॉइंडर पेश करने के लिए समय की मांग की है. आज मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रामचंद्र मेनन और जस्टिस पी पी साहू की खंडपीठ की ओर से की गई.
महापौर की शपथ कार्यप्रणाली को किया गया खत्म
बता दें कि 'राज्य सरकार ने 25 अक्टूबर को अधिसूचना जारी कर महापौर के चुनाव को अप्रत्यक्ष रूप से कराए जाने का फैसला लिया है. जिसको लेकर लोरमी विधायक धरमजीत सिंह समेत 5 लोगों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की हुई है.
पढ़ें- 2015 में किसानों ने बेचा था धान, अब होगा भुगतान
याचिका में कहा गया है कि 'महापौर की शपथ कार्यप्रणाली को खत्म कर दिया गया है, जिससे जनप्रतिनिधियों की प्रमाणिकता और संवैधानिकता पर प्रश्नचिन्ह लगता है. याचिका में सरकार के इस फैसले से महापौर के चुनाव में गुटबाजी और भ्रष्टाचार बढ़ जाने की बात भी कही गई है. अब मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर को होगी.