बिलासपुर: इससे पहले सरकार की ओर से पेश की गई दलील में कहा गया था कि याचिका में जिक्र किये गए स्थल पर निर्माण कार्य नहीं हुआ है. जिस पर याचिकाकर्ता की ओर से आपत्ति की गई. याचिकाकर्ता को गूगल MAP के दस्तावेज प्रस्तुत करने कोर्ट निर्देश दिया गया है.
पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने दायर की थी याचिका: रायपुर में चौपाटी निर्माण के खिलाफ पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने एक जनहित याचिका दायर की है. दायर की गई याचिका में रायपुर के मास्टर प्लान में उल्लंघन की बात कही गई है. याचिका में कहा गया है कि निर्माणाधीन चौपाटी के पास शहर का एजुकेशन हब है. ऐसे में यहां चौपाटी निर्माण से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा यहां लग सकता है. जिससे बच्चे परेशान होंगे.
गूगल मैप के दस्तावेज पेश करने कहा था: इस मामले में जस्टिस राधा कृष्ण अग्रवाल और जस्टिस एस के अग्रवाल के डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई. इस मामले में जब पिछले सुनवाई हुई थी. तब डिवीजन बेंच ने राज्य शासन, स्मार्ट सिटी लिमिटेड, नगर निगम और कलेक्टर रायपुर को नोटिस जारी किया था और जवाब तलब किया था. याचिकाकर्ता को गूगल मैप के दस्तावेज पेश करने कहा था.
पिछली सुनवाई में शासन ने दिया था जवाब: पिछली सुनवाई में राज्य शासन ने अपना जवाब पेश किया था. राज्य शासन ने बताया कि याचिकाकर्ता ने जिस जगह पर चौपाटी बनाने का विरोध कर रहे हैं. वहां चौपाटी निर्माण नहीं किया जा रहा है. चौपाटी का दूसरी जगह पर निर्माण होना प्रस्तावित है. इससे संतुष्ट होकर कोर्ट ने याचिकाकर्ता पूर्व मंत्री राजेश मूणत को गूगल मैप के दस्तावेज पेश करने कहा था.
कोर्ट ने जारी किया नोटिस: गुरुवार की सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील प्रदीप मिश्रा और जय प्रकाश शुक्ला ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और ठेकेदार को भी पार्टी बनाने की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने उन्हें भी नोटिस जारी किया है. मामले में शासन ने कहा था कि वो टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के मास्टर प्लान में मुताबिक ही चौपाटी का निर्माण करा रहे हैं.